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हरिद्वार में बढ़ती देहव्यापार गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए पुलिस ने विशेष अभियान शुरू किया है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रमेन्द्र डोबाल के निर्देश पर एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट (AHTU) की टीम ने रुड़की बस स्टेशन और रेलवे स्टेशन क्षेत्र में कई होटलों व गेस्टहाउसों पर छापेमारी की, जिससे पूरे क्षेत्र में हड़कंप मच गया।
हरिद्वार, जो अपनी धार्मिक और पर्यटन पहचान के लिए देशभर में प्रसिद्ध है, हाल के वर्षों में कुछ आपराधिक गतिविधियों के कारण भी सुर्खियों में रहा है। शहर में आने वाले तीर्थयात्रियों और पर्यटकों की बड़ी संख्या का फायदा उठाकर कुछ असामाजिक तत्व देहव्यापार जैसे अवैध धंधों में सक्रिय पाए गए हैं।
ऐसे में, पुलिस प्रशासन ने निर्णय लिया कि इस समस्या पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट (AHTU) की भूमिका इस दिशा में बेहद अहम मानी जाती है, जो मानव तस्करी, देहव्यापार और महिलाओं के शोषण जैसे अपराधों पर विशेष रूप से नज़र रखती है।
पुलिस के मुताबिक, बुधवार को एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट की एक टीम ने रुड़की बस स्टेशन और रेलवे स्टेशन के आसपास स्थित होटलों, गेस्टहाउसों और ढाबों पर ताबड़तोड़ छापेमारी की।
इस दौरान पुलिस ने कई स्थानों की तलाशी ली और होटल संचालकों को कड़ी चेतावनी दी कि वे बिना पहचान सत्यापन के किसी भी व्यक्ति को कमरा न दें।
सभी होटल और गेस्टहाउस मालिकों से यात्रियों की पूरी जानकारी — नाम, पता, पहचान पत्र की कॉपी और मोबाइल नंबर — अनिवार्य रूप से दर्ज करने के निर्देश दिए गए हैं।
पुलिस ने यह भी कहा है कि किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत स्थानीय थाना या कंट्रोल रूम को दी जाए।
“देहव्यापार जैसी गतिविधियों में लिप्त लोगों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा,”
— (एसएसपी प्रमेन्द्र डोबाल, हरिद्वार पुलिस)।
हरिद्वार के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रमेन्द्र डोबाल ने बताया कि,
“पुलिस का उद्देश्य केवल छापेमारी तक सीमित नहीं है, बल्कि इस अवैध गतिविधि की जड़ तक पहुँचकर इसे समाप्त करना है। सभी होटल संचालकों का डाटा तैयार किया जा रहा है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं पर नज़र रखी जा सके।”
उन्होंने कहा कि जो भी होटल या गेस्टहाउस संचालक पुलिस निर्देशों का पालन नहीं करेंगे, उनके खिलाफ आईपीसी की धारा 370 व इमोरल ट्रैफिक प्रिवेंशन एक्ट (ITPA) के तहत कार्रवाई की जाएगी।
इस कार्रवाई से शहर में कानून-व्यवस्था को लेकर सकारात्मक माहौल बना है। स्थानीय नागरिकों और व्यापारियों ने पुलिस के इस कदम की सराहना की है।
पर्यटन क्षेत्र में सक्रिय कई होटल संचालकों का कहना है कि इससे न केवल शहर की छवि सुधरेगी बल्कि आम पर्यटक भी खुद को अधिक सुरक्षित महसूस करेंगे।
रुड़की और हरिद्वार के आसपास रहने वाले लोगों ने सोशल मीडिया पर भी पुलिस के इस अभियान की प्रशंसा की है। कुछ ने इसे “हरिद्वार की गरिमा बचाने की दिशा में अहम कदम” बताया है।
पिछले वर्ष (2024) में हरिद्वार पुलिस द्वारा देहव्यापार से जुड़े कुल 18 मामलों का खुलासा किया गया था, जिनमें कई बाहरी राज्यों के गिरोह शामिल थे।
इस वर्ष अब तक 12 से अधिक छापेमारी अभियान चलाए जा चुके हैं, जो पुलिस की सख्ती को दर्शाता है।
राज्य स्तर पर भी उत्तराखंड पुलिस ने मानव तस्करी और महिला सुरक्षा के लिए “ऑपरेशन प्रयास” अभियान शुरू किया है, जिसके तहत प्रत्येक जिले में AHTU की सक्रिय निगरानी जारी है।
हरिद्वार पुलिस की यह कार्रवाई शहर की पवित्रता और सुरक्षा को बनाए रखने की दिशा में बड़ा कदम मानी जा रही है।
देहव्यापार जैसी सामाजिक बुराइयों पर लगाम लगाने के लिए पुलिस की सतर्कता और आम नागरिकों की जागरूकता दोनों ही आवश्यक हैं।
अधिकारियों ने अपील की है कि यदि किसी को भी ऐसी गतिविधि की जानकारी मिले तो तुरंत पुलिस को सूचित करें — ताकि हरिद्वार अपनी धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान को स्वच्छ और सुरक्षित रख सके।
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