साइबर क्राइम टीम ने भारत में डिजिटल हाउस अरेस्ट घोटाले का भंडाफोड़ कियासाइबर क्राइम

साइबर क्राइम टीम ने भारत में डिजिटल हाउस अरेस्ट घोटाले का भंडाफोड़ किया। उत्तराखंड की साइबर क्राइम पुलिस टीम ने पूरे भारत वर्ष में मॉडल “डिजिटल हाउस अरेस्ट” घोटाले का भंडाफोड़ करते हुए एक कलाकार को जिला यमुनानगर हरियाणा से गिरफ्तार किया। वर्तमान केस में एक रियल एस्टेट एजेंट को साइबर ठगों द्वारा डिजिटल हाउस में 1 करोड़ 70 लाख रुपये ठगे जाने का मामला सामने आया है।

गैंग द्वारा क्राइम ब्रांच, C.B.I.के अधिकारी बन स्काइप ऐप पर वीडियो कॉल और वॉयस कॉल माध्यम से डिजिटल अरेस्टर्स को बनाया गया थाडिजिटल हाउस अरैस्ट करोडों की धोखाधड़ी करने वाले गिरोह के सदस्य को हरियाणा से गिरफ्तारवरिष्ठ पुलिस अधीक्षक S.T.F. श्री नवनीत सिंह द्वारा दी गई जानकारी में बताया गया कि पूर्व साइबर क्राइम स्टेशन के पुलिस महानिदेशक द्वारा कुछ दिनों पूर्व साइबर क्राइम स्टेशन के पुलिस महानिदेशक से सूचना प्राप्त की गई थी कि उनके मोबाइल नंबर पर फेडेक्स कोरियर से एक कॉल आया था कि आपका एक मंत्र है

जो सिलिकॉन से ताइवान के लिए भेजा गया था, उक्त चमत्कार में आपका नाम, मोबाइल नंबर और ईमेल I.D.अंकित है और उस चमत्कार में कुछ अवैध दस्तावेज और सामान है जिसमें 05 पासपोर्ट, 05 एटीएम कार्ड, 01 लैपटॉप, 5000 अमेरिकी डॉलर नकद, 200 ग्राम एमडीएमए नारकोटिक फार्म और 04 किंडरगार्टन मिले, जिसके आधार पर “पहचान की दुकानें, फैक्टरी सामान और मनी लॉन्ड्रिंग का मामला

मनी लॉन्ड्रिंग का मामला

हिस्सा होने का आरोप, गिरफ़्तार करने की धमकी दी गई और 30 से 90 दिनों के लिए गैर-ज़मानती गिरफ़्तार होने के बारे में बताया गया कि फिर से सागर क्रैम ब्रान्च द्वारा स्टार्स के बारे में जानकारी ली गई और आधार कार्ड नंबर पूछा गया और बताया गया कि आपका कार्ड आधार मनी लॉनड्रिंग केस में कई बार इस्तेमाल किया गया है और इस मामले में व्यक्तिगत रूप से क्रिएटिव बिजनेस केस में सहयोग करना होगा या ऑनलाइन माध्यम से बयान दर्ज करना होगा।

जिस पर उनके द्वारा ऑनलाइन पुष्टिकरण प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया गया तो उनके द्वारा बताया गया कि स्काइप ऐप में दावा दर्ज करने का अधिकारिक माध्यम है और स्काइप ऐप डाउनलोड करवाकर आइडिया ऐप के सर्च में ऑनलाइन शॉपिंग की एक क्रीम साइट पर काना एक्टिव करवाकर वीडियो कॉल स्टार्टअप की देखे गए और चैट में पुलिस I.D.कार्ड भेजा गया और पूरी तरह से जांच प्रक्रिया को समझाते हुए बताया गया कि उक्त सारी जांच प्रक्रिया कोर्ट में पेशी करने के लिए रिकॉर्ड की गई है

जिसमें 02 जन्म से 02 दिन भी लग सकते हैं और इस दौरान दरवाजा बंद रखा जा सकता है किसी से भी बात करने से मना कर दिया गया। इसके बाद उसके सभी पंजीकृत बैंकों की जानकारी प्राप्त की गई है जिसमें शामिल है इस प्रकरण में A.R.B.A. को भी शामिल करने की बात कही गई है। मैं वापस कर दिया जाऊंगा।

उनके अनुसार पैसे शेयर करने के बाद उनके और अधिक पैसे शेयर करने को कहा गया, जब वह बेकार रही तो ये लोग भड़क गए और धमाका करने लगे की पुलिस क्लीयरेंस प्लास्टिक P.C.C.न मिलने के कारण आपके भारत के सभी अकाऊंट रेफ्रीजरेटर हो जाएंगे और आपको 07 साल की सजा होएजय और कॉल डिस्कनेक्ट कर दी गई।

इसके बाद ही सही नाम सामने आया कि उसके साथ करोड़ों रुपए की संपत्ति हो गई है।

By Aman

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