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शिमला: केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) के एक असिस्टेंट डायरेक्टर के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए उनके आवास और कार्यालय पर छापेमारी की है। इस छापेमारी के दौरान सीबीआई ने 56 लाख रुपये की नकद राशि समेत भारी मात्रा में संपत्ति और दस्तावेज़ बरामद किए हैं। आरोपी अधिकारी पर तीन साल पुराने मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) मामले में रिश्वत लेने का आरोप है।
आरोप और छापेमारी का विवरण
सूत्रों के मुताबिक, आरोपी अधिकारी ने मनी लॉन्ड्रिंग केस में जांच को प्रभावित करने के लिए कथित तौर पर रिश्वत ली थी। इस मामले में सीबीआई ने चंडीगढ़ स्थित अपने कार्यालय में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 7A के तहत एफआईआर दर्ज की है।

छापेमारी के दौरान सीबीआई ने अधिकारी के शिमला स्थित आवास और कार्यालय की तलाशी ली।
तलाशी के दौरान सीबीआई को भारी मात्रा में नकदी, संपत्ति के कागजात और अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेज़ मिले। हालांकि, अधिकारी और मामले में शामिल एक बिचौलिया छापेमारी के दौरान फरार पाए गए।
आरोपी का भाई भी हिरासत में

इस मामले में सीबीआई ने आरोपी अधिकारी के भाई को भी हिरासत में लिया है। बताया जा रहा है कि आरोपी का भाई एक पब्लिक सेक्टर बैंक में मैनेजर के पद पर दिल्ली में कार्यरत है। सीबीआई को शक है कि वह भी इस मामले में शामिल हो सकता है और रिश्वत के पैसे के लेन-देन में उसकी भूमिका हो सकती है।
फरार आरोपी की तलाश जारी
सीबीआई की टीम ने शिमला में छापेमारी करने के बाद कई अन्य स्थानों पर भी जांच शुरू की है। आरोपी अधिकारी और बिचौलिये की तलाश जारी है। अधिकारियों का मानना है कि वे जल्द ही आरोपी को गिरफ्तार कर लेंगे।
सीबीआई का बयान
सीबीआई के अधिकारियों ने बताया कि यह मामला तीन साल पुराने मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के एक केस से जुड़ा है। आरोपी अधिकारी ने जांच को प्रभावित करने के लिए रिश्वत की मांग की थी। यह कार्रवाई भ्रष्टाचार के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान का हिस्सा है।
मामले का असर
इस घटना ने ईडी जैसे महत्वपूर्ण संस्थान की साख पर सवाल खड़े कर दिए हैं। भ्रष्टाचार के आरोपों और इस तरह की घटनाओं से संस्थान की कार्यप्रणाली पर लोगों का विश्वास कमजोर हो सकता है। सीबीआई ने इस मामले में जांच को तेज कर दिया है और उम्मीद जताई जा रही है कि दोषियों को जल्द ही न्याय के कटघरे में लाया जाएगा।