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हरिद्वार, 21 जनवरी 2024
हरिद्वार में नशा मुक्ति अभियान तेज, जिलाधिकारी ने दिए सख्त निर्देश जिलाधिकारी कर्मेन्द्र सिंह ने जनपद में बढ़ते नशे के दुरुपयोग पर अंकुश लगाने के लिए कड़े कदम उठाने का निर्णय लिया है। उन्होंने एक बैठक में सभी संबंधित विभागों को निर्देशित किया है कि वे मिलकर नशे के खिलाफ अभियान चलाएं।
प्रमुख निर्देश:
1. नशे के विरुद्ध सख्त कार्रवाई:
जिलाधिकारी ने संबंधित विभागों को आपसी समन्वय स्थापित कर नशे के विरुद्ध नियमानुसार सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
नकली दवाइयों (फैक मेडिसिन) और तस्करी से संबंधित सूचना मिलने पर तुरंत कार्रवाई करते हुए दोषी गैंगों पर शिकंजा कसने के आदेश दिए।
2. मेडिकल स्टोर्स और फार्मा कंपनियों की निगरानी:
बंद पड़ी फार्मा कंपनियों का औचक निरीक्षण किया जाए।
मेडिकल स्टोर्स पर सतर्क निगरानी रखते हुए नियमित छापेमारी की जाए।
3. मुकदमों में ठोस पैरवी:
जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि केवल मुकदमा दर्ज करना पर्याप्त नहीं है। मुकदमों में ठोस पैरवी सुनिश्चित करने के लिए एक प्रभावी प्रणाली विकसित की जाए।
4. संयुक्त टीम का गठन:
नशा मुक्ति केंद्रों पर छापेमारी के लिए पुलिस, राजस्व और चिकित्सा विभाग की संयुक्त टीम का गठन किया जाए।
पंजीकृत नशा मुक्ति केंद्रों की जांच हो और अवैध केंद्रों को तत्काल बंद कराया जाए।
5. नशा मुक्ति केंद्र की स्थापना:
भगवानपुर में शीघ्र नशा मुक्ति केंद्र स्थापित करने की प्रक्रिया तेज करने के निर्देश जिला समाज कल्याण अधिकारी को दिए गए।
6. सड़क परिवहन पर विशेष ध्यान:
रोडवेज बस चालकों और कंडक्टरों से अपील की गई कि वे किसी अजनबी व्यक्ति का सामान न लाएं और कोरियर का काम न करें।
7. शैक्षिक संस्थानों में जागरूकता:
शिक्षा और समाज कल्याण विभाग को निर्देश दिया गया कि नशे के दुष्प्रभाव और संबंधित अधिनियमों की जानकारी के लिए स्कूल-कॉलेजों में साइन बोर्ड लगाए जाएं।
8. भांग की खेती की जानकारी साझा करना:
भांग की खेती की अनुमति की जानकारी पुलिस विभाग के साथ साझा करने के निर्देश जिला आबकारी अधिकारी को दिए गए।
मुख्य बिंदु:
* नशे के खिलाफ अभियान: जिलाधिकारी ने सभी विभागों को निर्देश दिया है कि वे आपस में समन्वय स्थापित करके नशे के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करें।
* फेक दवाओं पर नकेल: उन्होंने नकली दवाओं और तस्करी पर नजर रखने के लिए कहा है। बंद पड़ी फार्मा कंपनियों और मेडिकल स्टोर्स का नियमित निरीक्षण किया जाएगा।
* नशा मुक्ति केंद्रों पर छापे: पुलिस, राजस्व और चिकित्सा विभाग की संयुक्त टीम नशा मुक्ति केंद्रों पर छापेमारी करेगी। अवैध केंद्रों को बंद किया जाएगा और भगवानपुर में एक नया नशा मुक्ति केंद्र खोला जाएगा।
* बस चालकों को चेतावनी: बस चालकों, खासकर रोडवेज के कंडक्टरों और परिचालकों को अजनबियों का सामान नहीं ले जाने और कोरियर का काम नहीं करने के लिए कहा गया है।
* स्कूलों में जागरूकता: स्कूलों में नशे के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूकता फैलाई जाएगी।
* भांग की खेती पर नजर: भांग की खेती के लिए दी गई अनुमति की जानकारी पुलिस को भी दी जाएगी। * मासिक बैठक: हर महीने इस मुद्दे पर बैठक आयोजित की जाएगी।
जिलाधिकारी ने कहा कि नशा मुक्ति के लिए केवल मुकदमे दर्ज करना काफी नहीं है, बल्कि मुकदमों में ठोस पैरवी भी की जाएगी। उन्होंने युवाओं को नशे से दूर रखने के लिए सभी संभव प्रयास करने का आश्वासन दिया।
बैठक में उपस्थित थे:
एसपी सीटी, अपर जिलाधिकारी, मुख्य चिकित्साधिकारी, मुख्य शिक्षाधिकारी, एसडीएम, जिला समाज कल्याण अधिकारी, औषधि निरीक्षक आदि।यह कदम हरिद्वार में नशे की समस्या से निपटने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है। उम्मीद है कि इस अभियान से युवा पीढ़ी को नशे से बचाया जा सकेगा।