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हरिद्वार, 20 जुलाई 2025 — कांवड़ मेले के दौरान व्यवस्थाओं की समीक्षा और सरकारी कार्यप्रणाली में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने शनिवार को दो महत्वपूर्ण निरीक्षण किए। एक ओर जहां उन्होंने मेले क्षेत्र का स्थलीय निरीक्षण किया, वहीं दूसरी ओर जिला कार्यालय में औचक निरीक्षण कर विभिन्न कार्यालयों की कार्यप्रणाली का जायजा लिया।
बैरागी कैंप में ड्रोन से निगरानी, अधिकारियों को दिए निर्देश
जिलाधिकारी एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने सबसे पहले मेला क्षेत्र का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने बैरागी कैंप में जाकर वहां की पार्किंग व्यवस्था का जायजा लिया। निरीक्षण के उपरांत ड्रोन कैमरे के माध्यम से पूरे बैरागी क्षेत्र की लाइव निगरानी की गई, जिससे मेले में चल रही तैयारियों और संभावित भीड़ नियंत्रण की स्थिति को समझा जा सके।

जिलाधिकारी ने उपस्थित अधिकारियों को निर्देशित किया कि पूरे बैरागी क्षेत्र की नियमित अंतराल पर ड्रोन कैमरे से रेकी की जाए, ताकि किसी भी आपात स्थिति या भीड़भाड़ के दौरान तुरंत कदम उठाए जा सकें। इस तकनीकी उपाय से व्यवस्थाओं में पारदर्शिता एवं निगरानी दोनों ही सुनिश्चित होंगी।
जिला कार्यालय में औचक निरीक्षण, अनुशासनहीनता पर सख्ती
बैरागी क्षेत्र भ्रमण के पश्चात जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने जिला कार्यालय स्थित विभिन्न विभागीय पटल एवं कार्यालयों का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने कार्मिकों की उपस्थिति, पत्रावलियों की स्थिति एवं कार्यालय संसाधनों का गहन निरीक्षण किया।
निरीक्षण में कई कर्मचारी बिना पूर्व अनुमति के अनुपस्थित पाए गए, जिसपर जिलाधिकारी ने कड़ी नाराजगी जाहिर करते हुए संबंधित कर्मचारियों को कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए। भूमि अध्यापित कार्यालय में लंबे समय से अनुपस्थित चल रहे अमीन की सेवा समाप्त करने की प्रक्रिया शुरू करने के भी निर्देश दिए गए।
कार्यालयीय व्यवस्था सुधार हेतु दिए अहम निर्देश
जिलाधिकारी ने निर्देशित किया कि सभी कर्मचारी बायोमैट्रिक सिस्टम के माध्यम से अनिवार्य उपस्थिति दर्ज करें। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि बिना स्वीकृत अवकाश पर अनुपस्थिति पर संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

ई–गवर्नेंस को बढ़ावा देते हुए उन्होंने सभी पत्रावलियों का संचालन ई–ऑफिस के माध्यम से करने के निर्देश दिए तथा विशेष परिस्थिति में ही ऑफलाइन प्रक्रिया अपनाई जाए।चकबंदी, खतौनी व ओसी कक्ष में सीसीटीवी कैमरे लगाने के निर्देश भी दिए गए।
साथ ही जिला कार्यालय में पुराने फर्नीचर, अलमारी, फोटोस्टेट मशीनों और प्रिंटरों को निष्प्रयोज्य घोषित कर नई सामग्री की व्यवस्था हेतु समिति गठित करने के लिए भी कहा गया।
कार्मिकों की पहचान के लिए नेम प्लेट और आईडी कार्ड अनिवार्य
निरीक्षण के दौरान कई पटल सहायकों एवं कर्मचारियों के पास नेम प्लेट एवं आईडी कार्ड नहीं पाए गए, जिसपर जिलाधिकारी ने तत्काल प्रभाव से सभी के नाम प्लेट और पहचान पत्र निर्गत करने के निर्देश अपर जिलाधिकारी को दिए।

मुख्य प्रशासनिक अधिकारी आशीष वर्मा को प्रत्येक 15 दिन में सभी पटलों का निरीक्षण कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने को भी कहा गया। इससे कार्यालयीन कार्यों में अनुशासन एवं पारदर्शिता बनी रहेगी।
विद्युत व्यवस्था में सुधार एवं समस्याओं के शीघ्र निस्तारण के निर्देश
जिलाधिकारी ने कार्यालय परिसर में विद्युत लाइन और स्विच बोर्ड की स्थिति की समीक्षा की और जहां-जहां सुधार की आवश्यकता थी, वहां शीघ्र मरम्मत के निर्देश दिए।उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि जिला कार्यालय में आने वाले आम जन की समस्याओं को प्राथमिकता से सुना जाए और उनका समाधान तत्परता से किया जाए, ताकि जनता का विश्वास प्रशासन पर बना रहे।
हरिद्वार जिलाधिकारी मयूर दीक्षित द्वारा किए गए यह दोनों निरीक्षण यह दर्शाते हैं कि प्रशासनिक पारदर्शिता, तकनीकी निगरानी और समयबद्ध कार्यान्वयन की दिशा में लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। ड्रोन से बैरागी कैंप की निगरानी और कार्यालयों में सख्त अनुशासनात्मक कदम आमजन की सुविधा और सुशासन को प्राथमिकता देने की पहल है।
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