हरिद्वार में गंगा किनारे आपदा मॉकड्रिल के दौरान रेस्क्यू करते SDRF कर्मीहरिद्वार में गंगा किनारे आपदा मॉकड्रिल के दौरान रेस्क्यू करते SDRF कर्मी

सबसे सटीक ज्वालापुर टाइम्स न्यूज़…👍

हरिद्वार । आगामी मानसून सत्र को ध्यान में रखते हुए जनपद हरिद्वार में संभावित आपदा स्थितियों से निपटने के लिए आपदा मॉकड्रिल का सफल आयोजन किया गया।

यह मॉकड्रिल विशेष रूप से गंगा नदी के बढ़ते जलस्तर और बाढ़ जैसी संभावित आपदाओं से निपटने के पूर्वाभ्यास के उद्देश्य से आयोजित की गई। प्रशासन द्वारा जनपद के 5 प्रमुख स्थानों को चिह्नित कर आपदा अभ्यास किया गया।

आपदा प्रबंधन विभाग, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस, स्वास्थ्य विभाग, नगर निगम, फायर ब्रिगेड और अन्य संबंधित एजेंसियों के संयुक्त सहयोग से यह मॉकड्रिल आयोजित की गई। इसका मुख्य उद्देश्य मानसून पूर्व जिले की तैयारियों का मूल्यांकन करना था, ताकि किसी भी आपात स्थिति में तेजी से और प्रभावी कार्यवाही की जा सके।

ये रहे मॉकड्रिल के पांच प्रमुख स्थान

1. विष्णु घाट, निकट सीसीआर हरिद्वार गंगा तट पर स्थित इस स्थान पर बाढ़ की स्थिति में संभावित बचाव कार्यों का अभ्यास किया गया। स्थानीय नागरिकों को भी इसमें शामिल किया गया ताकि जन जागरूकता फैलाई जा सके।

2. श्यामपुर कांगड़ी, हरिद्वार नदी किनारे बसे इस क्षेत्र में जलभराव और त्वरित राहत एवं पुनर्वास कार्यों की समीक्षा की गई। टीम ने बच्चों, वृद्धों और महिलाओं की सुरक्षित निकासी पर विशेष ध्यान केंद्रित किया।

3. ग्राम कलसिया, तहसील लक्सर ग्रामीण क्षेत्र में बाढ़ आने की स्थिति में कैसे प्राथमिक उपचार, सुरक्षित स्थान तक पहुंच और रेस्क्यू ऑपरेशन किया जाए, इसका अभ्यास किया गया।

4. ग्राम मांडाबेला, तहसील लक्सर प्रशासन ने इस स्थान पर जलस्तर में अचानक वृद्धि की स्थिति में गांव को खाली कराने का रिहर्सल किया। राहत शिविर स्थापित करने और खाद्य सामग्री वितरण की प्रक्रिया भी दर्शाई गई।

5. फतेहुल्लाहपुर उर्फ तेलपुरा, तहसील भगवानपुर इस स्थान पर मॉकड्रिल के दौरान SDRF की टीम ने नाव और लाइफ जैकेट्स के माध्यम से रेस्क्यू ऑपरेशन किया। साथ ही ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाने का अभ्यास किया गया।

प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी और मूल्यांकन

मॉकड्रिल के दौरान जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक, आपदा प्रबंधन अधिकारी, व संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी स्वयं उपस्थित रहे। उन्होंने मौके पर जाकर सभी अभ्यासों का निरीक्षण किया और टीमों को आवश्यक सुझाव दिए।

जिलाधिकारी ने कहा कि, “हमारा उद्देश्य है कि किसी भी प्राकृतिक आपदा की स्थिति में जनपद हरिद्वार पूरी तरह से तैयार हो। यह मॉकड्रिल न केवल विभागों के बीच समन्वय की जांच है, बल्कि जनता को जागरूक करने का भी माध्यम है।”

मॉकड्रिल में शामिल विभाग और उनकी भूमिका

एसडीआरएफ व एनडीआरएफ: रेस्क्यू ऑपरेशन व जलप्लावित क्षेत्रों से लोगों को सुरक्षित निकालना।

पुलिस विभाग: यातायात नियंत्रण और भीड़ प्रबंधन।स्वास्थ्य विभाग: घायल व्यक्तियों को प्राथमिक उपचार और एंबुलेंस सेवा।

नगर निगम: मलबा हटाने और साफ-सफाई व्यवस्था।फायर ब्रिगेड: जलभराव हटाने और विशेष बचाव कार्य।

राजस्व विभाग: पीड़ितों की सूची और राहत पैकेज का वितरण।

जनभागीदारी और जनजागरूकता पर जोर इस मॉकड्रिल का मुख्य उद्देश्य सरकारी एजेंसियों की तैयारियों के साथ-साथ आम जनता की जागरूकता और भागीदारी को भी बढ़ावा देना था। मौके पर मौजूद स्थानीय लोगों को आपदा के दौरान अपनाए जाने वाले सुरक्षा उपायों, आपातकालीन नंबरों, और बचाव किट के उपयोग की जानकारी दी गई।

हरिद्वार से जुड़ी आपदा समाचारों और तैयारियों की सटीक जानकारी के लिए जुड़े रहें “ज्वालापुर टाइम्स न्यूज़” के साथ।

यह भी पढ़ें 👉 अचानक फटा बादल, तबाही मच गई यमुनोत्री हाईवे पर – मजदूर लापता, कई इलाकों में हड़कंप…

उत्तराखंड की सभी ताज़ा और महत्वपूर्ण ख़बरों के लिए ✨ ज्वालापुर टाइम्स न्यूज़ ✨ के📢 WHATSAPP GROUP से जुड़ें और अपडेट सबसे पहले पाएं

👉 यहां क्लिक करें एक और हर अपडेट आपकी उंगलियों पर!

By Aman

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *