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नागर निकाय सामान्य निर्वाचन-2024 को स्वतंत्र, निष्पक्ष, पारदर्शी, शांतिपूर्ण एवं त्रुटिरहित तरीके से संपन्न कराने के लिए हरिद्वार जिले में तैयारियां जोरों पर हैं। इसी क्रम में जिलाधिकारी कर्मेन्द्र सिंह ने कन्वेंशन हॉल, बीएलईएल में आयोजित दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का शुभारंभ किया। कार्यशाला के पहले दिन 940 मतदान कार्मिकों ने भाग लिया।
जिलाधिकारी का संबोधन जिलाधिकारी ने अपने संबोधन में सभी मतदान कार्मिकों को सौंपे गए कार्यों और दायित्वों का बखूबी निर्वहन करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि किसी भी कार्य की सफलता उसकी कार्य योजना पर निर्भर करती है। सभी कार्मिकों को कार्ययोजना के अनुरूप पूरी तन्मयता और लगन के साथ काम करना सुनिश्चित करना चाहिए।

उन्होंने स्थानीय निकाय चुनाव को “मिनी कुंभ” की संज्ञा देते हुए बताया कि हर निर्वाचन नए अनुभव और चुनौतियां लेकर आता है। इसलिए सभी पीठासीन अधिकारियों को अपनी डायरियों और सौंपे गए दायित्वों का गहन अध्ययन करने का निर्देश दिया, ताकि मतदान प्रक्रिया के दौरान किसी भी समस्या का सामना न करना पड़े।
उन्होंने कहा कि निर्वाचन प्रक्रिया को स्वतंत्र, निष्पक्ष, पारदर्शी, शांतिपूर्ण और त्रुटिरहित बनाना हम सभी की जिम्मेदारी है। सभी पीठासीन अधिकारी, आरओ (रिटर्निंग ऑफिसर), एआरओ (असिस्टेंट रिटर्निंग ऑफिसर), सेक्टर और जोनल मजिस्ट्रेट आपसी तालमेल के साथ कार्य करें। मतदान टीमें समय पर सभी आवश्यक अभिलेख तैयार करें और उनमें किसी भी प्रकार की त्रुटि या भिन्नता न हो।
मुख्य विकास अधिकारी का वक्तव्य
मुख्य विकास अधिकारी आकांक्षा कोण्डे ने कहा कि निर्वाचन प्रक्रिया को सफलतापूर्वक संपन्न कराना एक बड़ी जिम्मेदारी है। यह केवल स्थानीय स्तर तक सीमित नहीं है, बल्कि इसे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी देखा जाता है। उन्होंने सभी कार्मिकों को प्रारूप भरने में सतर्कता बरतने का निर्देश दिया और कहा कि किसी भी प्रकार की चूक न हो।
उन्होंने कहा कि डाटा को शुद्ध और सही तरीके से भरना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने मतदान प्रक्रिया को सफल बनाने के लिए टीम भावना से कार्य करने पर जोर दिया।
प्रशिक्षण कार्यशाला का विवरण
प्रशिक्षण सत्र में नोडल अधिकारी केएन तिवारी और मास्टर ट्रेनर संतोष चमोला ने मतदान प्रक्रिया के विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने निम्नलिखित बिंदुओं पर प्रशिक्षण दिया:
1. पीठासीन अधिकारी और मतदान अधिकारियों (प्रथम, द्वितीय, तृतीय) के कार्य।
2. बूथ पर बैठने की व्यवस्था।
3. मतदान शुरू और बंद करने की प्रक्रिया।
4. मतपेटियों को खोलने, सील और बंद करने की प्रक्रिया।
5. मतदान दिवस पर उपयोग होने वाले 49 प्रकार के सामानों की सूची और उनकी उपयोगिता।
6. विभिन्न प्रारूपों को भरने की प्रक्रिया।
उपस्थित अधिकारी एवं कार्मिक
कार्यशाला में मुख्य विकास अधिकारी आकांक्षा कोण्डे, परियोजना निदेशक केएन तिवारी, जिला विकास अधिकारी वेद प्रकाश, एपीडी नलिनीत घिल्डियाल, डॉ. संतोष चमोला, अमित कल्याण, जिला पंचायतराज अधिकारी अतुल प्रताप सिंह, और मतदान प्रक्रिया से जुड़े अन्य अधिकारी व कार्मिक उपस्थित रहे।