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हरिद्वार, 02 जनवरी 2024:
ज्वालापुर टाइम्स न्यूज़ द्वारा प्रतिबंधित चाइनीज मांझे की बिक्री और इसके खतरों को लेकर प्रसारित समाचार का बड़ा जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया कि चाइनीज मांझा न केवल पर्यावरण के लिए हानिकारक है, बल्कि मानव जीवन और पक्षियों के लिए भी गंभीर खतरा है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि बाजारों और दुकानों पर चाइनीज मांझे की बिक्री पर पूरी तरह से नजर रखी जाए। यदि कोई व्यक्ति इसे बेचते या खरीदते हुए पाया जाता है, तो उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
सख्त कार्रवाई के निर्देश
असर दिखाई दिया है। जिलाधिकारी कर्मेंद्र सिंह ने चाइनीज मांझे की बिक्री पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने का सख्त आदेश जारी किया है। इस आदेश के तहत, चाइनीज मांझे की बिक्री या उपयोग करते हुए पकड़े जाने पर दोषियों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
चाइनीज मांझे के खतरों पर चिंता

चाइनीज मांझा, जो नायलॉन या सिंथेटिक सामग्री से बना होता है, अत्यधिक मजबूत और धारदार होता है। यह न केवल पक्षियों को घायल करता है, बल्कि मानव जीवन के लिए भी घातक साबित हो सकता है। पिछले वर्षों में चाइनीज मांझे के कारण सड़क दुर्घटनाओं और गंभीर चोटों की कई घटनाएं सामने आई हैं। इसे ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने इसे प्रतिबंधित कर दिया है।
जनता से सहयोग की अपील

जिलाधिकारी ने हरिद्वार की जनता से अपील की कि वे चाइनीज मांझे का उपयोग न करें और इसके उपयोग या बिक्री की सूचना तुरंत प्रशासन को दें। उन्होंने कहा, “चाइनीज मांझे का उपयोग न केवल कानून का उल्लंघन है, बल्कि यह दूसरों की जान को खतरे में डालता है।”
कड़ी निगरानी के आदेश
जिलाधिकारी ने पुलिस और अन्य संबंधित विभागों को सख्त निगरानी के निर्देश दिए हैं। बाजारों, थोक विक्रेताओं और दुकानों पर चाइनीज मांझे की संभावित बिक्री की जांच के लिए विशेष टीमों का गठन किया जाएगा।
सख्त कानून का पालन

उन्होंने यह भी बताया कि चाइनीज मांझे की बिक्री या उपयोग करते पाए जाने पर संबंधित व्यक्ति के खिलाफ आईपीसी की धाराओं के तहत कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
ज्वालापुर टाइम्स न्यूज़ का प्रभाव

ज्वालापुर टाइम्स न्यूज़ ने चाइनीज मांझे के खतरों और इसके उपयोग को रोकने की आवश्यकता पर लगातार समाचार प्रसारित किए थे। प्रशासन की यह पहल इसी का परिणाम है, जो जनता की सुरक्षा और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
जिलाधिकारी कर्मेंद्र सिंह के इस आदेश से उम्मीद है कि हरिद्वार में चाइनीज मांझे की समस्या पर काबू पाया जा सकेगा और यह निर्णय समाज और पर्यावरण दोनों के लिए लाभदायक सिद्ध होगा।