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रिलैक्सो का उद्देश्य और CSR पहल
लक्सर।
विश्व ओजोन दिवस के अवसर पर रिलैक्सो ने परिवर्तन आदर्श विद्यालय परियोजना के तहत एक व्यापक जागरूकता अभियान चलाया। इस कार्यक्रम के अंतर्गत देहरादून जिले के 8 और हरिद्वार जिले के 118 विद्यालयों सहित कुल 126 विद्यालयों में ओजोन दिवस उत्साहपूर्वक मनाया गया। इस दौरान विद्यार्थियों को शैक्षणिक वीडियो के माध्यम से यह समझाया गया कि ओजोन परत किस प्रकार पृथ्वी को सूर्य की हानिकारक पराबैंगनी किरणों से बचाती है और इसका क्षरण मानव स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिए कितना खतरनाक हो सकता है।
रिलैक्सो फुटवियर्स के सीएसआर प्रमुख गम्भीर अग्रवाल ने अपने संदेश में कहा कि इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों और ग्रामीणों को उनकी पर्यावरणीय जिम्मेदारी के प्रति जागरूक करना है। उन्होंने कहा कि जब विद्यार्थी छोटी उम्र से ही पृथ्वी संरक्षण का महत्व समझेंगे तो वे आने वाले कल में जिम्मेदार नागरिक बनेंगे। उन्होंने आगे कहा कि “न केवल शहरी क्षेत्र, बल्कि ग्रामीण इलाकों में भी पर्यावरण संरक्षण को लेकर जागरूकता बढ़ाना बेहद ज़रूरी है। रिलैक्सो का प्रयास है कि हर वर्ग को इस मुहिम से जोड़ा जाए।”
ओजोन परत के क्षरण के कारण
शैक्षणिक वीडियो और इंटरैक्टिव सत्रों में विद्यार्थियों को बताया गया कि ओजोन परत के क्षरण के प्रमुख कारण क्या हैं। इनमें शामिल हैं:
- हानिकारक रसायनों का उपयोग (जैसे CFCs और अन्य औद्योगिक गैसें)
- असंतुलित जीवनशैली और प्रदूषणकारी गतिविधियाँ
- वनों की कटाई और पर्यावरण असंतुलन
- विद्यार्थियों को यह भी समझाया गया कि इन समस्याओं से निपटने के लिए सतत जीवनशैली अपनाना और प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण करना आवश्यक है।
ओजोन परत बचाने के उपाय
कार्यक्रम में विद्यार्थियों को ओजोन परत के संरक्षण के सरल उपाय भी बताए गए। इनमें शामिल हैं:
- पर्यावरण के अनुकूल उत्पादों का प्रयोग
- पेड़-पौधों का संरक्षण और अधिक पौधे लगाना
- हानिकारक रसायनों का प्रयोग न करना
- सार्वजनिक परिवहन का उपयोग कर प्रदूषण कम करना
- ऊर्जा की बचत और नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देना
126 विद्यालयों में छात्रों की सक्रिय भागीदारी
देहरादून और हरिद्वार के इन विद्यालयों में आयोजित कार्यक्रमों में विद्यार्थियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। बच्चों ने वीडियो देखकर ओजोन परत की अहमियत को समझा और पर्यावरण संरक्षण का संकल्प लिया। कई विद्यालयों में बच्चों ने स्लोगन और पोस्टर प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया। उनके द्वारा बनाए गए चित्रों और नारों ने यह संदेश दिया कि “ओजोन है जीवन की ढाल, इसे बचाना सबकी जिम्मेदारी है।”
कार्यक्रम में शामिल खंड शिक्षा अधिकारी विनोद कुमार शाह ने कहा कि ऐसे कार्यक्रम विद्यालयों और गाँवों में समय-समय पर होते रहने चाहिए। उन्होंने कहा कि छात्र जब इन गतिविधियों में भाग लेते हैं तो वे स्वयं जागरूक होते हैं और अपने परिवार और समाज को भी जागरूक करते हैं। उन्होंने रिलैक्सो की पहल की सराहना करते हुए कहा कि यह कदम न केवल शिक्षा बल्कि पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में भी बदलाव लाने की दिशा में अहम है।
ग्रामीण क्षेत्र में जागरूकता का महत्व
हरिद्वार जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में इस अभियान ने खास असर डाला। यहाँ के विद्यार्थियों को पहली बार ओजोन परत और उसके संरक्षण की गहराई से जानकारी दी गई। ग्रामीण छात्र-छात्राओं ने वादा किया कि वे अपने परिवारों को भी यह संदेश देंगे और प्रदूषण कम करने के लिए छोटे-छोटे कदम उठाएँगे, जैसे- प्लास्टिक का कम उपयोग, पेड़ लगाना और बिजली की बचत करना।
ओजोन दिवस पर चलाए गए इस जागरूकता अभियान ने यह साबित कर दिया कि छोटे-छोटे प्रयास मिलकर बड़े बदलाव ला सकते हैं। बच्चों की भागीदारी से यह संदेश स्पष्ट हुआ कि आने वाली पीढ़ी पर्यावरण की सुरक्षा को लेकर गंभीर है। रिलैक्सो और शिक्षा विभाग की यह साझेदारी निश्चित ही भविष्य में ग्रामीण और शहरी समाज को पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक नई राह दिखाएगी।
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