"ऋषिकेश स्थित चारधाम ट्रांजिट केंद्र में तीर्थयात्री रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया के दौरान कतार में खड़े हैं""ऋषिकेश स्थित चारधाम ट्रांजिट केंद्र में तीर्थयात्री रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया के दौरान कतार में खड़े हैं"

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ऋषिकेश, 8 सितंबर।
उत्तराखंड में पुनः आरंभ हुई चारधाम यात्रा को लेकर तीर्थयात्रियों का उत्साह चरम पर है। सोमवार को ऋषिकेश स्थित चारधाम ट्रांजिट एवं पंजीकरण केंद्र पर 442 यात्रियों ने ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन कराया, जिससे केंद्र में खासी चहल-पहल देखी गई। यात्रा प्रशासन संगठन के अधिकारियों ने यात्रियों को धैर्यपूर्वक यात्रा करने और मार्गों की स्थिति को देखते हुए ही आगे बढ़ने की सलाह दी है।

चारधाम यात्रा के अंतर्गत बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री धाम आते हैं। इन चारों धामों के लिए प्रतिदिन हजारों श्रद्धालु देश के कोने-कोने से पहुंचते हैं। यात्रा दोबारा शुरू होते ही रजिस्ट्रेशन केंद्रों पर भीड़ लगना इस बात का संकेत है कि लोगों की श्रद्धा और आस्था पहले जैसी ही बनी हुई है।

तीर्थयात्रियों में दिखा विशेष उत्साह

चारधाम यात्रा के दोबारा आरंभ होते ही देश के विभिन्न हिस्सों से तीर्थयात्री ऋषिकेश पहुंचने लगे हैं। सोमवार को विशेष रूप से महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, ओडिशा और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों से यात्रियों का आगमन हुआ। पंजीकरण केंद्र पर सुव्यवस्थित प्रक्रिया के तहत तीर्थयात्रियों का रजिस्ट्रेशन किया गया और उन्हें आवश्यक जानकारी व दिशा-निर्देश प्रदान किए गए।

डॉ. प्रजापति नौटियाल, जो कि चारधाम यात्रा प्रशासन संगठन के ओएसडी हैं, ने बताया कि सोमवार को कुल 442 यात्रियों ने पंजीकरण करवाया। इनमें बदरीनाथ और केदारनाथ धाम के लिए तत्काल यात्रा की अनुमति प्रदान की गई, जबकि गंगोत्री और यमुनोत्री जाने वालों को मार्ग की स्थिति के अनुसार सलाह दी जा रही है।

मार्गों की स्थिति के अनुसार मिल रही अनुमति

उत्तराखंड के पहाड़ी मार्ग अक्सर मौसम और भूस्खलन की स्थिति से प्रभावित होते हैं। ऐसे में यात्रा प्रशासन द्वारा यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि यात्रियों को किसी भी तरह की असुविधा न हो। विशेष रूप से गंगोत्री और यमुनोत्री मार्गों की स्थिति को लेकर प्रशासन सतर्क है। यात्रियों को समय-समय पर मार्ग की स्थिति की जानकारी दी जा रही है। यदि किसी मार्ग पर भूस्खलन, बारिश या अन्य कारणों से जोखिम होता है, तो ऐसे यात्रियों को तत्काल रवाना नहीं किया जा रहा है, बल्कि उन्हें अगली सूचना तक प्रतीक्षा करने की सलाह दी जा रही है। यह व्यवस्था न केवल यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए है, बल्कि यात्रा की साख और सफलता के लिए भी आवश्यक है।

भूगर्भीय दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्रों में स्थित चारधाम मार्गों पर यात्रा करते समय यात्रियों को विशेष सतर्कता बरतनी चाहिए। बारिश के मौसम में भूस्खलन और सड़कों पर मलबा आने की घटनाएं आम हो जाती हैं। इसलिए प्रशासन द्वारा समय-समय पर यात्रा मार्गों की स्थिति को लेकर अलर्ट जारी किए जाते हैं। गंगोत्री और यमुनोत्री जाने वाले यात्रियों को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी गई है। इन मार्गों पर यात्रा से पहले प्रशासन द्वारा रास्तों की स्थिति की पुष्टि करना अनिवार्य है।

यात्रा की सफलता में अनुशासन और जागरूकता की भूमिका

प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि यात्रियों को यात्रा के दौरान कोविड दिशा-निर्देशों, पर्यावरण संरक्षण और मार्गों की सफाई जैसे नियमों का पालन करना होगा। तीर्थयात्रियों से अपील की गई है कि वे किसी भी तरह की अफवाहों या सोशल मीडिया पर वायरल हो रही भ्रामक सूचनाओं पर ध्यान न दें।

यात्रा की सफलता केवल प्रशासनिक प्रबंधों से नहीं, बल्कि यात्रियों के सहयोग और अनुशासन से ही संभव है। चारधाम यात्रा उत्तराखंड के धार्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक जीवन का महत्वपूर्ण अंग है। ऋषिकेश में एक दिन में 442 यात्रियों द्वारा पंजीकरण कराना इस बात का प्रमाण है कि श्रद्धालुओं की आस्था में कोई कमी नहीं आई है। प्रशासन की सतर्कता, बेहतर योजना और यात्रियों की जागरूकता इस यात्रा को सफल बनाने में सहायक सिद्ध हो रही है। अगर यह समन्वय इसी तरह बना रहा, तो आने वाले दिनों में चारधाम यात्रा और अधिक सुव्यवस्थित और सुरक्षित हो सकेगी।

चारधाम यात्रा केवल धार्मिक ही नहीं, बल्कि आर्थिक दृष्टि से भी उत्तराखंड के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। स्थानीय होटल व्यवसायी, टैक्सी ऑपरेटर, दुकानदार और अन्य व्यवसायिक गतिविधियां इस यात्रा पर निर्भर करती हैं। इस बार यात्रा पुनः शुरू होने से स्थानीय व्यापारियों में खुशी की लहर है। प्रशासन और व्यापारियों के बीच समन्वय स्थापित कर यात्रियों को बेहतर सेवा देने के प्रयास किए जा रहे हैं।

श्री हेमकुंड साहिब के लिए भी रजिस्ट्रेशन जारी

चारधाम के अतिरिक्त श्री हेमकुंड साहिब जाने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में भी वृद्धि देखने को मिल रही है। सोमवार को कुल 46 यात्रियों ने हेमकुंड साहिब के लिए पंजीकरण कराया। यह तीर्थस्थल सिख समुदाय के लिए अत्यंत पवित्र माना जाता है और हर वर्ष हजारों श्रद्धालु वहां की कठिन यात्रा करते हैं। हेमकुंड साहिब की यात्रा के लिए भी पंजीकरण की प्रक्रिया पूरी तरह सक्रिय है और तीर्थयात्रियों को आवश्यक मार्गदर्शन दिया जा रहा है।

ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से हो रहा है रजिस्ट्रेशन

चारधाम यात्रा के लिए राज्य सरकार द्वारा ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की सुविधा पहले से उपलब्ध है, मगर फिर भी बड़ी संख्या में तीर्थयात्री ऑफलाइन पंजीकरण को प्राथमिकता दे रहे हैं। ऋषिकेश और हरिद्वार जैसे प्रमुख केंद्रों पर रोजाना हजारों की संख्या में यात्री पहुंचते हैं और ऑफलाइन पंजीकरण कराते हैं। ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के बावजूद कई श्रद्धालु तकनीकी जानकारी के अभाव में ऑफलाइन विकल्प को ही सहज मानते हैं। इसलिए प्रशासन ने इन केंद्रों पर अतिरिक्त कर्मचारियों की तैनाती की है, ताकि भीड़ का कुशल प्रबंधन किया जा सके।

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By ATHAR

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