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हरिद्वार, 08 सितंबर 2025।
भारी वर्षा के चलते जनपद हरिद्वार की कई सड़कों की स्थिति जर्जर हो चुकी है। गड्ढों और क्षतिग्रस्त मार्गों से न केवल आमजन को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, बल्कि दुर्घटनाओं की आशंका भी बनी हुई है। ऐसे में जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने जनसुनवाई के दौरान संबंधित विभागों को स्पष्ट निर्देश दिए कि क्षतिग्रस्त सड़कों का तत्काल आंकलन कर मरम्मत कार्य शीघ्र शुरू किया जाए।
जिलाधिकारी ने अधिशासी अभियंता लोक निर्माण विभाग (लोनिवि), पीएमजीएसवाई और राष्ट्रीय राजमार्ग से जुड़े अधिकारियों को मुख्यमंत्री के आदेशों का हवाला देते हुए कहा कि गड्ढामुक्त सड़कों के लिए हर संभव कदम उठाए जाएं। उन्होंने जोर देकर कहा कि कोई भी सड़क क्षतिग्रस्त स्थिति में न रह जाए और आम जनता को सुरक्षित व सुगम यातायात मिल सके।

बैठक में जिलाधिकारी ने सभी उपजिलाधिकारियों को निर्देशित किया कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में सड़कों का भौतिक निरीक्षण करें और जो सड़कें क्षतिग्रस्त स्थिति में हैं, उनकी सूचना तत्काल संबंधित विभाग को दें ताकि दुरुस्ती का कार्य शीघ्र शुरू किया जा सके। इसके साथ ही उन्होंने स्पष्ट कहा कि राज्य सेक्टर और जिला सेक्टर के अंतर्गत स्वीकृत धनराशि का पूर्ण एवं समयबद्ध उपयोग सुनिश्चित किया जाए। जिलाधिकारी ने चेतावनी दी कि इस कार्य में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
बैठक में उन्होंने विभिन्न विभागों को भी जिम्मेदारी सौंपी कि उनके अधीन जो भी निर्माण कार्य प्रगति पर हैं, उन्हें गुणवत्ता और तय समय सीमा के भीतर पूरा किया जाए। बीस सूत्रीय कार्यक्रम के अंतर्गत बी और सी श्रेणी में चल रहे विभागों को निर्देशित किया गया कि वे शीघ्र ही ए श्रेणी में आने का प्रयास करें।
जनसुनवाई के दौरान जिलाधिकारी ने यह भी कहा कि जो विकास योजनाएं किन्हीं कारणों से अभी तक संचालित नहीं हो पा रही हैं, चाहे वह बजट की कमी हो या भूमि की उपलब्धता न होना, उसका विस्तृत ब्यौरा आगामी जनसुनवाई में प्रस्तुत करना सुनिश्चित किया जाए।

इसके अतिरिक्त जिलाधिकारी ने स्वास्थ्य और स्वच्छता पर विशेष बल देते हुए कहा कि वर्तमान में जनपद में स्वास्थ्य एवं स्वच्छता पखवाड़ा चल रहा है। उन्होंने सभी अधिकारियों को अपने कार्यालयों और आसपास के क्षेत्रों में सफाई अभियान चलाने के निर्देश दिए। झाड़ियों की कटाई, कचरे का निस्तारण और सफाई व्यवस्था को दुरुस्त करने पर विशेष ध्यान देने को कहा गया। नगर निगम, नगर पालिकाओं, नगर पंचायतों और जिला पंचायत के अधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्रों में सक्रिय रूप से सफाई अभियान चलाने के लिए निर्देशित किया गया।
बैठक के दौरान आपदा प्रबंधन से संबंधित निर्देश भी दिए गए। जिलाधिकारी ने कहा कि भारी वर्षा के कारण जनपद में जो भी परियोजनाएं या परिसंपत्तियां क्षतिग्रस्त हुई हैं, उनका आंकलन प्रस्ताव संबंधित विभागों द्वारा शासन को भेजा जाए, ताकि मरम्मत कार्यों के लिए आवश्यक धनराशि समय पर स्वीकृत की जा सके।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी आकांक्षा कोण्डे, अपर जिलाधिकारी वित्त दीपेंद्र सिंह नेगी, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. आर.के. सिंह, परियोजना निदेशक के.एन. तिवारी, जिला विकास अधिकारी वेद प्रकाश, जिला अर्थ एवं संख्या अधिकारी नलिनी ध्यानी, अधीक्षण अभियंता लोनिवि डी.के. सिंह, अधीक्षण अभियंता जल निगम एम. मुस्तफा, अधिशासी अभियंता सिंचाई ओमजी गुप्ता, डीएसओ तेजबल सिंह, जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी मीरा रावत सहित अन्य जिला स्तरीय अधिकारी मौजूद रहे।
इस बैठक में जिलाधिकारी का मुख्य जोर यही रहा कि बारिश के कारण बिगड़ी सड़कें और रुकी हुई विकास योजनाएं तत्काल गति पकड़ें। उन्होंने साफ कहा कि प्रशासन का पहला दायित्व जनता की सुविधा और सुरक्षा सुनिश्चित करना है और इसके लिए सभी विभागों को मिलकर कार्य करना होगा।
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