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लक्सर, (फ़रमान खान)।
हरिद्वार जिले के लक्सर नगर पालिका क्षेत्र में जमीन विवाद और गंदगी की समस्या ने एक बार फिर प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। वार्ड नंबर एक में स्थित खसरा नंबर 40 (पूर्व खसरा नंबर 76/2) के मालिक मोहनलाल ने अपनी जमीन पर अवैध रूप से फैलाई जा रही गंदगी को हटाने के लिए जिलाधिकारी हरिद्वार से लिखित शिकायत कर न्याय की गुहार लगाई है।
मामला सिर्फ गंदगी तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें जमीन की पैमाइश और स्वामित्व से जुड़े आदेश भी शामिल हैं, जिन्हें हाल ही में माननीय उच्च न्यायालय ने पारित किया था। मोहनलाल का कहना है कि स्थानीय स्तर पर कई बार प्रशासन और पुलिस को अवगत कराने के बावजूद उनकी समस्या का समाधान नहीं हुआ, जिसके चलते उन्हें अब जिलाधिकारी से सीधे हस्तक्षेप की उम्मीद करनी पड़ी है।
उच्च न्यायालय के आदेश और प्रशासन की कार्रवाई
बीते माह माननीय उच्च न्यायालय ने लक्सर तहसील प्रशासन और नगरपालिका को आदेश दिया था कि मोहनलाल की जमीन की पैमाइश कर उसे चिन्हित किया जाए और चहारदीवारी का कार्य करवाया जाए। इसके बाद तहसील प्रशासन और नगर पालिका ने संयुक्त रूप से पैमाइश की प्रक्रिया पूरी की थी।

इस पैमाइश के दौरान नगरपालिका की जमीन को अलग से दर्शाया गया और मोहनलाल को उनकी खरीदी हुई जमीन (पूर्व खसरा नंबर 76/2, वर्तमान खसरा नंबर 40) का वैध मालिक माना गया। हालांकि पैमाइश के बावजूद मोहनलाल की जमीन पर स्थानीय स्तर पर गंदगी, गोबर, लकड़ी और कचरा फेंकने की समस्या बनी हुई है, जिस पर अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।
मोहनलाल की शिकायत और आरोप
जमीन मालिक मोहनलाल ने अपनी लिखित शिकायत में कहा है कि उनकी जमीन पर कुछ लोगों ने अवैध रूप से गोबर बिटौड़े, लकड़ियां और अन्य गंदगी फैला रखी है।
उनका कहना है कि:
“मैंने कई बार स्थानीय प्रशासन और पुलिस से संपर्क किया, लेकिन किसी ने भी मेरी समस्या का समाधान नहीं किया। अब मेरे पास जिलाधिकारी से मदद मांगने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है।”
उन्होंने साफ कहा कि यह गंदगी न केवल उनकी संपत्ति को नुकसान पहुंचा रही है, बल्कि पूरे क्षेत्र की स्वच्छता और माहौल पर भी बुरा असर डाल रही है।
जिलाधिकारी का आश्वासन और आगे की कार्रवाई
जिलाधिकारी हरिद्वार मयूर दीक्षित ने इस शिकायत की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि मामले की जांच करवाई जाएगी और नियमानुसार उचित कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। जिलाधिकारी का कहना है कि इस प्रकार की शिकायतों को गंभीरता से लिया जाएगा और प्रशासन की ओर से गंदगी हटाने के साथ ही जमीन मालिक के अधिकारों की सुरक्षा भी की जाएगी।

स्थानीय लोगों ने बताया कि इस क्षेत्र में गंदगी की समस्या नई नहीं है। कई बार शिकायत करने के बावजूद ठोस समाधान नहीं हुआ। उनका कहना है कि नगरपालिका और प्रशासन को क्षेत्र में नियमित सफाई व्यवस्था करनी चाहिए, ताकि जमीन मालिकों और निवासियों को राहत मिल सके। कुछ निवासियों ने यह भी कहा कि अगर समय रहते इस समस्या को हल नहीं किया गया तो यह न केवल स्वास्थ्य संबंधी खतरे पैदा करेगी, बल्कि भविष्य में और विवाद भी खड़े हो सकते हैं।
लक्सर के इस प्रकरण ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि जब न्यायालय के आदेश के बाद भी किसी जमीन मालिक को अपनी संपत्ति की सुरक्षा और स्वच्छता के लिए अधिकारियों के पास बार-बार गुहार लगानी पड़े, तो यह प्रशासन की कार्यशैली पर गंभीर सवाल उठाता है। अब देखना यह होगा कि जिलाधिकारी के स्तर पर इस शिकायत के बाद वास्तव में गंदगी हटाने और जमीन की सुरक्षा को लेकर ठोस कदम कब और कैसे उठाए जाते हैं। फिलहाल, मोहनलाल सहित स्थानीय लोगों की निगाहें प्रशासन की अगली कार्रवाई पर टिकी हुई हैं।
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