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हरिद्वार, 26 जुलाई 2025 — पिरान कलियर क्षेत्र में शनिवार को उस समय अफरा-तफरी मच गई जब जिलानी बाबा दरगाह के पास स्थित एक मकान को लेकर दो पक्षों में विवाद अचानक उग्र हो गया। कुछ ही देर में हालात ऐसे बने कि धक्का-मुक्की, आरोप-प्रत्यारोप और नोकझोंक का दौर शुरू हो गया। सूचना मिलते ही थाना पिरान कलियर पुलिस मौके पर पहुँची और दोनों पक्षों के कुल 8 लोगों को हिरासत में ले लिया गया, जिनमें तीन महिलाएं भी शामिल हैं।
क्या है मामला:
सूचना के अनुसार, सलामत नामक व्यक्ति के मकान के स्वामित्व को लेकर मकान मालिक और किरायेदार पक्ष के बीच बहस हो रही थी। घटनास्थल पर देखते ही देखते भीड़ इकट्ठा हो गई, जिससे सड़क पर यातायात तक बाधित हो गया।
विवाद में शामिल एक पक्ष – अख्तर अली ने पुलिस को एक लिखित शिकायत सौंपी और मकान संबंधी दस्तावेज भी प्रस्तुत किए। जबकि दूसरे पक्ष शाहआलम द्वारा कोई वैध दस्तावेज मौके पर नहीं दिखाया गया।
पुलिस ने किया शांति का प्रयास, लेकिन मामला बिगड़ा
पुलिस अधिकारियों ने मौके पर पहुंच कर दोनों पक्षों को शांतिपूर्वक सुलझाने की अपील की, लेकिन बहस इतनी तेज हो गई कि बात मारपीट और धक्का-मुक्की तक पहुंच गई। कानून-व्यवस्था की स्थिति को भांपते हुए पुलिस ने सख्ती बरतते हुए 170 BNSS के तहत दोनों पक्षों के कुल 8 व्यक्तियों को हिरासत में लिया।
हिरासत में लिए गए आरोपी – नाम व पता:प्रथम पक्ष (मकान मालिक से जुड़े लोग) 1. सद्दाम हुसैन पुत्र इस्लाम, बेड़पुर, कलियर 2. शादाब पुत्र रिजवान, रईस कॉलोनी, पिरान कलियर 3. महिला, पुत्री बाबू, मुकर्रबपुर 4. महिला, पत्नी इसरार, जंगीराबाद, बुलंदशहर 5. महिला, पत्नी बाबूराम, मुकर्रबपुर
द्वितीय पक्ष (किरायेदार पक्ष) 6. शाहआलम पुत्र रईस अहमद, हज हाउस के पास, कलियर 7. महिला, पुत्री रईस अहमद, वही पता 8. मोहम्मद तस्लीम पुत्र अली हसन, ग्राम नटहौर, बिजनौर
पुलिस की सख्ती: शांति व्यवस्था से कोई समझौता नहीं
घटना के बाद थाना पिरान कलियर के वरिष्ठ अधिकारी व0उ0नि0 बीएस चौहान ने स्पष्ट किया कि “कोई भी व्यक्ति सार्वजनिक स्थान पर विवाद करेगा, तो पुलिस सख्त कार्रवाई से पीछे नहीं हटेगी। शांति व्यवस्था से किसी प्रकार का कोई समझौता नहीं किया जाएगा।”
पुलिस टीम में शामिल अधिकारी:
व0उ0नि0 बी.एस. चौहानअ0उ0नि0 तरुण कुमारका0 सचिन सिंहका0 जितेन्द्र सिंहम0का0 सरिता राणाका0 चालक नीरज राणाम0हो0गा0 मोहिनी
इस विवाद ने छोड़े कई सवाल – क्या संपत्ति दस्तावेजों का सत्यापन समय रहते होता तो टल जाती झड़प?
इस घटना से एक बार फिर यह सवाल उठ खड़ा हुआ है कि मकान, दुकान या भूमि संबंधी विवादों को यदि समय रहते कानूनी दस्तावेजों से हल कर लिया जाए, तो इन जैसी घटनाओं से बचा जा सकता है। कई बार दस्तावेजों की अस्पष्टता और मौखिक दावे कानून-व्यवस्था को चुनौती दे बैठते हैं।
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