उत्तराखंड राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा जारी आदेश की प्रति, जिसमें चुनाव प्रतीक आवंटन पर अस्थायी रोक की जानकारी दी गई है।उत्तराखंड राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा जारी आदेश की प्रति, जिसमें चुनाव प्रतीक आवंटन पर अस्थायी रोक की जानकारी दी गई है।

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देहरादून (ज्वालापुर टाइम्स न्यूज)। उत्तराखंड में आगामी पंचायत चुनावों से पहले चुनाव चिन्हों के आवंटन को लेकर एक बड़ा प्रशासनिक निर्णय सामने आया है। राज्य निर्वाचन आयोग ने उच्च न्यायालय नैनीताल में दायर एक रिट याचिका के आधार पर 14 जुलाई 2025 (सोमवार) को दोपहर 2 बजे तक चुनाव प्रतीक (Election Symbol) आवंटन पर रोक लगा दी है।

यह आदेश रविवार को आयोग के सचिव राहुल कुमार गोयल द्वारा जारी किया गया, जिसमें स्पष्ट किया गया कि यह निर्णय उत्तराखंड हाईकोर्ट में लंबित रिट याचिका संख्या 503 (एम०पी०) / 2025 — शक्ति सिंह बनवाल बनाम राज्य निर्वाचन आयोग एवं अन्य — के संबंध में लिया गया है।

क्या है पूरा मामला?

राज्य निर्वाचन आयोग ने 28 जून 2025 को एक अधिसूचना के माध्यम से पंचायत चुनावों के लिए प्रत्याशियों को चुनाव चिन्ह आवंटित करने की तिथि 14 जुलाई 2025 निर्धारित की थी। इसी प्रक्रिया को लेकर शक्ति सिंह बनवाल द्वारा हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी, जिसमें आयोग की प्रक्रिया पर सवाल उठाए गए।

हाईकोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई करते हुए आयोग को निर्देश दिए कि वह स्पष्टीकरण (Clarification) के साथ एक जवाब प्रस्तुत करे। अब यह सुनवाई सोमवार, 14 जुलाई को नैनीताल में होनी है। तब तक चुनाव चिन्ह आवंटन की पूरी प्रक्रिया को स्थगित कर दिया गया है।

आयोग का आदेश और संबद्ध विभागों को निर्देश

आयोग के आदेश के अनुसार, दोपहर 2:00 बजे तक चुनाव प्रतीक आवंटन की प्रक्रिया को स्थगित रखने के निर्देश दिए गए हैं। इस आदेश की प्रतिलिपि राज्य के सभी संबंधित विभागों को तत्काल भेजी गई है, जिनमें प्रमुख रूप से शामिल हैं:उत्तराखंड सरकार के मुख्य सचिवसचिव, पंचायतीराज विभागसभी जिलाधिकारी / जिला निर्वाचन अधिकारी (पंचायत) – हरिद्वार को छोड़करउप जिला निर्वाचन अधिकारी (पंचायत)अधिवक्ता, महा न्याय कार्यालय, नैनीतालसाथ ही, राजकीय मुद्रणालय को निर्देशित किया गया है कि वह इस आदेश को तत्काल राजपत्र में प्रकाशित करे ताकि यह सार्वजनिक डोमेन में उपलब्ध हो सके।

आगामी चुनाव प्रक्रिया पर प्रभाव

यह स्थगन आदेश स्पष्ट रूप से पंचायत चुनावों की तैयारियों को प्रभावित कर सकता है। जिन प्रत्याशियों को 14 जुलाई को चुनाव चिन्ह आवंटित किया जाना था, उन्हें अब उच्च न्यायालय के आदेश का इंतजार करना होगा।

राज्य निर्वाचन आयुक्त सुनील कुमार के निर्देशन में यह निर्णय लिया गया है ताकि न्यायालय के आदेशों का अनुपालन किया जा सके और निर्वाचन प्रक्रिया को कानूनी वैधता प्राप्त हो।

उच्च न्यायालय का फैसला तय करेगा दिशा अब सभी की निगाहें उत्तराखंड उच्च न्यायालय की सोमवार को होने वाली सुनवाई पर टिकी हैं। यदि न्यायालय आयोग के स्पष्टीकरण से संतुष्ट होता है तो चुनाव चिन्ह आवंटन की प्रक्रिया तत्काल प्रभाव से पुनः शुरू की जा सकती है। लेकिन यदि न्यायालय द्वारा कोई स्थायी आदेश पारित किया जाता है तो निर्वाचन कार्यक्रम में बदलाव की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।

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By Aman

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