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हरिद्वार में सोमवार को एक अप्रत्याशित घटना ने सभी को चौंका दिया। शहर के अत्यंत पवित्र और ऐतिहासिक स्थल भीमगोड़ा कुंड में एक विशाल चट्टान गिरने से वहां स्थित पांडवकालीन शिवलिंग खंडित हो गया। यह हादसा शिवालिक पर्वत श्रृंखला की मनसा देवी पहाड़ियों से पत्थर के गिरने के कारण हुआ। गनीमत रही कि मंदिर में कोई श्रद्धालु मौजूद नहीं था, अन्यथा जानमाल का बड़ा नुकसान हो सकता था।
घटना का विवरण: पत्थर गिरा और शिवलिंग टूटा
मौके पर मौजूद लोगों के अनुसार, यह घटना सोमवार की सुबह करीब 8 बजे के आसपास हुई जब श्रद्धालु पूजा-अर्चना के लिए मंदिर की ओर बढ़ ही रहे थे। उसी समय, अचानक एक बड़ी चट्टान मनसा देवी की पहाड़ियों से फिसलती हुई मंदिर परिसर में आ गिरी।
इस पत्थर की टक्कर से मंदिर में स्थित शिवलिंग खंडित हो गया। बताया जाता है कि यह शिवलिंग महाभारत काल का माना जाता है, जिसे पांडवों ने स्वयं स्थापित किया था। इस ऐतिहासिक धरोहर को नुकसान पहुंचने से स्थानीय लोगों और श्रद्धालुओं में गहरा दुख है।
CCTV में कैद हुआ हादसा, सोशल मीडिया पर वायरल
इस घटना की पुष्टि मंदिर परिसर में लगे CCTV कैमरों से हुई, जिसमें पूरे हादसे की रिकॉर्डिंग कैद हो गई। वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि कैसे चट्टान तेजी से नीचे गिरती है और सीधा मंदिर परिसर में जा गिरती है। यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है और लोगों में इस घटना को लेकर चिंता और आक्रोश भी है।
प्रशासनिक कार्रवाई और मुआयना घटना की सूचना मिलते ही प्रशासन हरकत में आया और राजस्व विभाग, नगर निगम व पुलिस प्रशासन की टीम मौके पर पहुंच गई। टीम ने पूरे स्थल का निरीक्षण किया और मंदिर समिति के सदस्यों से बातचीत कर स्थिति की समीक्षा की। प्रशासन ने पहाड़ी क्षेत्र में संभावित खतरे की जांच करने के निर्देश दिए हैं ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।
हरिद्वार नगर निगम के एक अधिकारी ने बताया कि संबंधित विभाग को निर्देशित किया गया है कि वे पूरे क्षेत्र की भू-संरचना (geological survey) करवाएं और जहां ज़रूरत हो वहां सुरक्षा दीवारें बनाई जाएं।
स्थानीय लोगों और पुजारियों की मांगमंदिर के पुजारी और स्थानीय निवासियों ने प्रशासन से अपील की है कि भीमगोड़ा कुंड जैसे पौराणिक और धार्मिक स्थलों की सुरक्षा के लिए सख्त इंतजाम किए जाएं।उनका कहना है कि यदि उस समय कोई श्रद्धालु वहां मौजूद होता, तो बड़ा हादसा हो सकता था। उन्होंने मंदिर के चारों ओर सुरक्षा जाली लगाने, पहाड़ियों की समय-समय पर सफाई कराने और खतरे वाले क्षेत्रों को चिन्हित करने की मांग की है।
धार्मिक महत्व और पर्यटकों की चिंताहरिद्वार आने वाले श्रद्धालु और पर्यटक भी इस घटना से चिंतित हैं। भीमगोड़ा कुंड उन पवित्र स्थलों में से एक है जहां मान्यता है कि पांडवों ने महाभारत काल के दौरान प्यास बुझाने के लिए अपने गदा से भूमि पर प्रहार कर जलधारा निकाली थी।
यहां मौजूद शिवलिंग पांडवों की आस्था और श्रद्धा का प्रतीक माना जाता है।इस तरह के स्थल सिर्फ धार्मिक नहीं बल्कि सांस्कृतिक धरोहर भी हैं, जिनकी रक्षा हर नागरिक का दायित्व है।
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