हरिद्वार प्रेस क्लब में कांग्रेस छोड़ने की घोषणा करते मुकर्रम अंसारी समर्थकों के साथ”हरिद्वार प्रेस क्लब में कांग्रेस छोड़ने की घोषणा करते मुकर्रम अंसारी समर्थकों के साथ”

सबसे सटीक ज्वालापुर टाइम्स न्यूज़…

रिपोर्टर (सचिन शर्मा)

हरिद्वार की राजनीति में बड़ा बदलाव देखने को मिला है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मुकर्रम अंसारी ने पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और उनकी विधायक पुत्री अनुपमा रावत पर उपेक्षा का आरोप लगाते हुए पार्टी से इस्तीफ़ा दे दिया। समर्थकों के साथ उन्होंने मिशन 2027 के लिए नई शुरुआत का ऐलान किया।

हरिद्वार कांग्रेस में मतभेद की कहानी

हरिद्वार की राजनीति में वर्षों से पहाड़ बनाम मैदान का संतुलन चर्चा में रहा है। कई स्थानीय नेताओं का आरोप रहा है कि पार्टी में बड़े पदों और टिकट वितरण में मैदानी क्षेत्र, विशेषकर हरिद्वार, की उपेक्षा की जाती रही है।
मुकर्रम अंसारी, जो लंबे समय से कांग्रेस से जुड़े रहे और कई चुनावों में पार्टी के लिए रणनीतिक भूमिका निभाते रहे, पहले भी टिकट वितरण और स्थानीय मुद्दों की अनदेखी पर नाराज़गी जता चुके हैं।

शनिवार को हरिद्वार प्रेस क्लब में समर्थकों के साथ प्रेसवार्ता कर मुकर्रम अंसारी ने कांग्रेस से इस्तीफ़े की घोषणा की। मुख्य आरोप इस प्रकार रहे:

  • हरीश रावत और अनुपमा रावत द्वारा हरिद्वार के मुद्दे न उठाने का आरोप
  • कहा— “हरिद्वार में आकर बहुत धो लिए पाप, अब ऊपर ही बरसेंगे मेघा।”
  • दावा: कांग्रेस मुस्लिम नेताओं का सिर्फ़ “दिखावे” में उपयोग करती है
  • पहाड़ के नेताओं को हरिद्वार की बदौलत राजनीति मिली, पर बदले में विकास नहीं किया

अंसारी ने कहा कि उन्होंने यह भी तंज कसा कि कांग्रेस मुस्लिमों को सिर्फ़ दो सीटें देती है और “साथ बैठने पर भी बदबू आती है” जैसे बयान उन्होंने पार्टी के खिलाफ दर्ज किए।

कांग्रेस के लिए बड़ा झटका?

अंसारी का हरिद्वार और आस-पास के क्षेत्रों में मुस्लिम मतदाताओं पर प्रभाव माना जाता है। उनके साथ कई ग्राम प्रधान और पार्षद के शामिल होने से कांग्रेस की स्थानीय इकाई में असंतोष और बढ़ सकता है।
संभावित प्रभाव:

क्षेत्रसंभावित असर
हरिद्वार ग्रामीणकांग्रेस वोट बैंक में दरार
अल्पसंख्यक मतदातानए राजनीतिक ध्रुवीकरण की संभावना
2027 चुनावविपक्षी दलों को मजबूती मिल सकती
  • 2012–2017 के बीच हरिद्वार में कांग्रेस मजबूत स्थिति में थी, पर 2022 चुनाव में पार्टी को बड़े झटके झेलने पड़े।
  • पिछले 10 वर्षों में कांग्रेस के कई स्थानीय प्रभावशाली नेता पार्टी छोड़ चुके हैं
  • मुकर्रम अंसारी का जाना कांग्रेस के लिए ग्राउंड-लेवल कैडर में भरोसे की कमी का ताज़ा संकेत माना जा रहा है।

अंसारी ने प्रेसवार्ता में आरोप लगाया कि पहाड़ से जीतने वाले नेता विकास के नाम पर मैदान को नजरअंदाज़ करते हैं।
उन्होंने कहा कि गैरसैंण को स्थायी राजधानी न बनाना और हरिद्वार के मुद्दों को विधानसभा में न उठाना पहाड़-मैदान विभाजन को और बढ़ाता है। अंसारी ने संकेत दिया कि वे निकट भविष्य में किसी नई पार्टी से जुड़ सकते हैं या नया विकल्प भी सामने ला सकते हैं।
हालांकि जब उनसे पूछा गया कि वे किस दल में शामिल होंगे, उन्होंने कहा:
“समय आने पर सब सामने आ जाएगा।

मुकर्रम अंसारी का इस्तीफ़ा न केवल कांग्रेस के लिए, बल्कि हरिद्वार की राजनीति के लिए भी बड़ा बदलाव माना जा रहा है।
2027 के चुनाव से पहले यह घटना राजनीतिक समीकरणों में नई उथल-पुथल ला सकती है। सलाह: मतदाताओं को चाहिए कि नेताओं के आरोप-प्रत्यारोप के बीच विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार जैसे असली मुद्दों पर ध्यान रखें।

यह भी पढ़ें धामी सरकार गरीब के द्वार ज्वालापुर विधानसभा के तीन गांवों में चला ‘समाज कल्याण बहुउद्देशीय शिविर’, 72 शिकायतों..

उत्तराखंड की सभी ताज़ा और महत्वपूर्ण ख़बरों के लिए ज्वालापुर टाइम्स न्यूज़ WHATSAPP GROUP से जुड़ें और अपडेट सबसे पहले पाएं

 यहां क्लिक करें एक और हर अपडेट आपकी उंगलियों पर!

यदि आप किसी विज्ञापन या अपने क्षेत्र/इलाके की खबर को हमारे न्यूज़ प्लेटफ़ॉर्म पर प्रकाशित कराना चाहते हैं, तो कृपया 7060131584 पर संपर्क करें। आपकी जानकारी को पूरी जिम्मेदारी और भरोसे के साथ प्रसारित किया जाएगा।”

By ATHAR

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *