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रिपोर्टर (सचिन शर्मा)
हरिद्वार जिले के लक्सर ब्लॉक के रायसी स्थित हर्ष विद्या मंदिर इंटर कॉलेज में स्वास्थ्य विभाग हरिद्वार की ओर से अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस मनाया गया। इस अवसर पर बालिका भ्रूण हत्या और लिंगानुपात के विषय पर छात्र-छात्राओं को जागरूक किया गया और समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने की शपथ दिलाई गई।
हर साल 11 अक्टूबर को दुनियाभर में अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस (International Girl Child Day) मनाया जाता है। इस दिवस का उद्देश्य लड़कियों के अधिकारों की रक्षा करना और लैंगिक असमानता को समाप्त करना है। भारत में “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” जैसी योजनाओं के माध्यम से सरकार लगातार महिलाओं और बालिकाओं की स्थिति सुधारने का प्रयास कर रही है। इसी कड़ी में स्वास्थ्य विभाग हरिद्वार ने विद्यालयों में जाकर जनजागरूकता कार्यक्रमों की श्रृंखला शुरू की है।
घटना
11 अक्टूबर 2025 को रायसी स्थित हर्ष विद्या मंदिर इंटर कॉलेज में स्वास्थ्य विभाग हरिद्वार द्वारा अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया।
कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य समाज को बालिका भ्रूण हत्या के दुष्प्रभावों और घटते लिंगानुपात के प्रति संवेदनशील बनाना था।
मुख्य अतिथि के रूप में डॉ. अरविंद गुप्ता (सीएचसी लक्सर) ने छात्र-छात्राओं को लिंगानुपात, महिला सशक्तिकरण और भ्रूण हत्या पर रोक लगाने के उपायों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दी।
इस दौरान ब्लॉक प्रमुख लक्सर डॉ. हर्ष कुमार, हर्ष विद्या मंदिर ग्रुप ऑफ कॉलेजेस के प्रबंधक डॉ. के.पी. सिंह, डिग्री कॉलेज के प्राचार्य डॉ. आदित्य गौतम, तथा कॉलेज ऑफ एजुकेशन के प्राचार्य डॉ. के.पी. तोमर ने भी अपने विचार साझा किए। उन्होंने कहा कि “बालिकाओं के बिना समाज अधूरा है, हमें उन्हें समान अवसर और सम्मान देना चाहिए।”
स्वास्थ्य विभाग हरिद्वार के प्रतिनिधि डॉ. अरविंद गुप्ता ने कहा,
“बालिका भ्रूण हत्या न केवल अपराध है, बल्कि यह समाज के भविष्य को कमजोर करने वाली सोच है। हर नागरिक का दायित्व है कि वह इस कुप्रथा के खिलाफ आवाज उठाए।”
स्थानीय
कार्यक्रम में विद्यालय की छात्राओं ने बालिका भ्रूण हत्या के खिलाफ नारे और पोस्टर के माध्यम से जागरूकता फैलाई।
विद्यालय के शिक्षकों ने बताया कि इस तरह के कार्यक्रमों से छात्रों में लैंगिक समानता और नैतिक मूल्यों के प्रति जागरूकता बढ़ती है।
कार्यक्रम के अंत में कक्षा 7 की छात्रा कुमारी शीतल को मुख्यमंत्री प्रोत्साहन राशि का चेक प्रदान किया गया, जिससे अन्य छात्र-छात्राओं में उत्साह का संचार हुआ।
राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (NFHS-5) के अनुसार, उत्तराखंड में लिंगानुपात 900 से थोड़ा ऊपर है, जबकि कुछ ग्रामीण क्षेत्रों में यह अभी भी संतुलित नहीं है।
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, 2020 से अब तक लिंगानुपात में सुधार की दर लगभग 4% बढ़ी है। यह दावा कि 2020 से अब तक स्वास्थ्य विभाग के अनुसार लिंगानुपात में लगभग 4%4 %4% का सुधार हुआ है, गलत है। इसके विपरीत, 2020 से 2024 के बीच दिल्ली में जन्म के समय लिंगानुपात
933933933 से घटकर 920920920 हो गया है, और 2019-21 में भारत में यह दर लगभग 929929929 से
933933933 के बीच थी। इससे पता चलता है कि 2020 से लिंगानुपात में गिरावट आई है, सुधार नहीं हुआ है।
कार्यक्रम के अंत में छात्रों ने संकल्प लिया कि वे बालिका भ्रूण हत्या जैसी कुप्रथाओं के खिलाफ समाज को जागरूक करेंगे और हर बालिका को शिक्षा व समान अवसर दिलाने के लिए प्रयासरत रहेंगे।
स्वास्थ्य विभाग और शिक्षा संस्थानों के इस संयुक्त प्रयास से उम्मीद है कि आने वाले वर्षों में हरिद्वार जिले में लिंगानुपात और महिला सशक्तिकरण दोनों में सकारात्मक सुधार देखने को मिलेगा।
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