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रिपोर्टर (सचिन शर्मा)
हरिद्वार जनपद में अवैध खनन पर रोक लगाने के लिए जिला प्रशासन ने सख्त कदम उठाए हैं। मुख्यमंत्री के निर्देशों के बाद खनन विभाग और राजस्व टीमों ने लक्सर क्षेत्र में संयुक्त छापेमारी कर आठ रिटेल भंडारणों को अवैध रेत मिलने पर सीज कर दिया। इस कार्रवाई से खनन माफियाओं में हड़कंप मच गया है।
अवैध खनन और प्रशासनिक सख्ती का कारण
उत्तराखंड के कई क्षेत्रों, खासकर हरिद्वार, लक्सर, खानपुर और रुड़की बेल्ट में अवैध खनन लंबे समय से चिंता का विषय बना हुआ है।
गंगा और सहायक नदियों से अवैध रूप से रेत और उपखनिज निकालने से—
- पर्यावरण को नुकसान
- राजस्व हानि
- स्थानीय भू-संरचना पर खतरा
- सड़क और परिवहन पर दबाव
जैसी समस्याएँ बार-बार सामने आती रही हैं। पिछले कुछ वर्षों में सरकार ने खनन प्रक्रियाओं को डिजिटल प्लेटफॉर्म, ई-रवन्ना सिस्टम और GPS मॉनिटरिंग से जोड़कर पारदर्शिता बढ़ाने की कोशिश की है। इसके बावजूद कुछ क्षेत्रों में अवैध नेटवर्क सक्रिय पाया जाता है। इन्हीं शिकायतों को देखते हुए मुख्यमंत्री ने जिला प्रशासन को सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए थे।

रिटेल भंडारण सीज
लक्सर क्षेत्र के रामपुर रायघटी और भिक्कमपुर जीतपुर में स्थित 08 रिटेल भंडारणों में—
- अवैध रेत का स्टॉक
- ई-रवन्ना से बाहर सामग्री की आवाजाही
- बिना अनुमति खनिज भंडारण
- जैसी अनियमितताएँ पाई गईं। प्रशासन ने तुरंत सभी 8 भंडारणों को सीज कर दिया और उनके ई-रवन्ना पोर्टल अस्थायी रूप से निलंबित कर दिए।
02 दिसंबर 2025 को तहसील लक्सर के ग्राम रामपुर रायघटी क्षेत्र में अवैध खनन की मौखिक शिकायत फोन पर प्राप्त हुई।
शिकायत मिलते ही जिला खान अधिकारी मौ. काजिम खान के नेतृत्व में खनन विभाग, भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग और राजस्व विभाग के अधिकारियों की संयुक्त टीम बनाई गई। टीम ने बिना पूर्व सूचना के औचक निरीक्षण किया।
निरीक्षण के दौरान प्रशासन को कई जगहों पर गंगा नदी से अवैध रूप से लाई गई रेत और उपखनिज के प्रमाण मिले।
ई-रवन्ना पोर्टल क्यों निलंबित किया गया?
ई-रवन्ना सिस्टम खनिजों की वैध परिवहन से संबंधित एक डिजिटल प्लेटफॉर्म है।
इस पोर्टल के निलंबन का मतलब है—
- अब इन भंडारणों से कोई भी रेत/खानिज परिवहन नहीं हो सकेगा
- विभाग जांच पूरी होने तक इनकी गतिविधियाँ नियंत्रित कर सकेगा
मुख्यमंत्री के निर्देश
प्रेस नोट के अनुसार, मुख्यमंत्री ने स्पष्ट रूप से कहा है कि—
राजस्व को हानि पहुंचाने वालों को किसी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।”
जिलाधिकारी मयूर दीक्षित का बयान
जिलाधिकारी ने सभी उपजिलाधिकारियों, तहसीलदारों और खनन विभाग को अपने-अपने क्षेत्रों में कड़ी निगरानी रखने के निर्देश दिए हैं।
उन्होंने कहा कि—
अवैध खनन न केवल राजस्व नुकसान का कारण बनता है बल्कि पर्यावरण के लिए भी गंभीर खतरा है।”
जिला खान अधिकारी मौ. काजिम खान की जानकारी
काजिम खान ने बताया कि शिकायत के बाद तुरंत टीम को भेजा गया और औचक निरीक्षण में अवैध खनन के प्रमाण मिले।
उनके अनुसार—
“गंगा के किनारे से लाई गई अवैध रेत मिलने के बाद सभी 8 भंडारणों को मौके पर ही सीज कर दिया गया है।”
रेत भंडारण सीज होने के बाद निर्माण कार्यों पर अस्थायी प्रभाव पड़ सकता है।
- स्थानीय परिवहन व्यवसाय प्रभावित
- छोटे बिल्डरों और मजदूरों को अस्थायी परेशानी
- अवैध खनन में शामिल ट्रक/वाहनों की गतिविधि नियंत्रित
वैध खनन से नदी संरचना बिगड़ती है। यह कार्रवाई—
- नदियों के प्राकृतिक प्रवाह
- जीव–जंतुओं के आवास
- नदी किनारों के कटाव
- को रोकने में सहायक होगी।
प्रशासनिक सख्ती से क्षेत्र में संदेश गया है कि—
- अवैध खनन पर बर्दाश्त की नीति नहीं
- ई-रवन्ना में गलत प्रविष्टि करने वालों पर निगरानी
- भविष्य में और अधिक छापेमारी की संभावना
- लक्सर क्षेत्र में औचक निरीक्षण
- 8 रिटेल भंडारणों में अवैध रेत की पुष्टि
- सभी भंडारण तत्काल सीज
- ई-रवन्ना पोर्टल निलंबित
- विभागों की संयुक्त कार्रवाई
- शिकायत मिलने के तुरंत बाद टीम भेजी गई
हरिद्वार में अवैध खनन के विरुद्ध की गई यह बड़ी कार्रवाई प्रशासन की सख्त कार्यशैली को दर्शाती है। रेत माफियाओं पर लगाम लगाने और पर्यावरण संरक्षण के लिए ऐसे अभियानों का नियमित होना जरूरी है। जनता से भी अपील है कि अवैध खनन की जानकारी तुरंत प्रशासन को दें और कानून व्यवस्था को मजबूत बनाने में सहयोग करें।
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