"हरिद्वार में शिरोमणि गुरु रविदास विश्व महापीठ अधिवेशन की तैयारी"हरिद्वार में शिरोमणि गुरु रविदास विश्व महापीठ अधिवेशन की तैयारी

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रिपोर्टर (सचिन शर्मा)

संत रविदास के आदर्शों से समाज को जोड़ने का प्रयास

प्रदेश अध्यक्ष प्रोफेसर धर्मेंद्र कुमार ने कहा कि महापीठ का मुख्य उद्देश्य समाज को एक मंच पर एकत्रित करना और संत रविदास के जीवन, आदर्शों और शिक्षाओं को व्यापक रूप से फैलाना है। उन्होंने बताया कि संत रविदास को 15वीं सदी के महान संत, कवि और समाज सुधारक के रूप में जाना जाता है। उनकी शिक्षाएं आज भी लोगों को समानता, भक्ति और भाईचारे का मार्ग दिखाती हैं।

संत रविदास का जीवन जातिगत भेदभाव और सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ संघर्ष का प्रतीक रहा है। उनकी प्रसिद्ध रचना “बेगमपुरा” एक ऐसे समाज की कल्पना करती है, जहां कोई भेदभाव, अन्याय या दुख न हो। उनकी विचारधारा ने न केवल आम जनता को प्रभावित किया बल्कि सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव जी को भी प्रेरित किया। यही कारण है कि उनकी कई वाणियां गुरु ग्रंथ साहिब में भी शामिल हैं।

अधिवेशन में संत रविदास के जीवन पर होगा विशेष प्रकाश

अधिवेशन के दौरान संत रविदास के जीवन पर विशेष सत्र रखा जाएगा, जिसमें विद्वान और समाजसेवी उनकी शिक्षाओं और विचारों पर प्रकाश डालेंगे। यह अधिवेशन न केवल एक धार्मिक आयोजन होगा बल्कि सामाजिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण साबित होगा। जिलाध्यक्ष देशराज कपिल ने कहा कि इस अधिवेशन से नई पीढ़ी को संत रविदास के संदेशों को समझने और जीवन में अपनाने का अवसर मिलेगा। उन्होंने कहा कि समाज में समानता और भाईचारे की जो परिकल्पना संत रविदास ने की थी, वही आज के समय में सबसे ज्यादा प्रासंगिक है। यह अधिवेशन उन आदर्शों को और सशक्त बनाने का काम करेगा।

अधिवेशन की तैयारी और बड़ा आयोजन

हरिद्वार में शिरोमणि गुरु रविदास विश्व महापीठ की ओर से आयोजित होने वाले आगामी अधिवेशन की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं। रविवार को अत्मलपुर बोंगला में प्रदेश स्तरीय बैठक आयोजित की गई, जिसमें यह तय हुआ कि 12 अक्टूबर को धनोरी-बहादराबाद रोड स्थित सरदार फार्म हाउस में अधिवेशन भव्य रूप से होगा।

इस अधिवेशन में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, महापीठ के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष दुष्यंत कुमार गौतम, राष्ट्रीय अध्यक्ष सुरजीत सिंह, और गुजरात विधानसभा के पूर्व स्पीकर आत्मा राम भाई परमार समेत कई नामचीन नेता और समाजसेवी शिरकत करेंगे। इस आयोजन को लेकर महापीठ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और उत्तराखंड प्रभारी अशोक भारती ने बताया कि 10 हजार से अधिक लोगों की उपस्थिति की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि हर गांव तक इस आयोजन का प्रचार-प्रसार करने की जिम्मेदारी प्रदेश और जिला पदाधिकारियों को दी गई है।

महापीठ की ओर से समाज के सभी वर्गों से आह्वान किया गया है कि वे इस अधिवेशन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लें। यह आयोजन संत रविदास के आदर्शों को जन-जन तक पहुंचाने का एक अनूठा अवसर है।

गुरु रविदास की शिक्षाएं आज भी प्रासंगिक

संत रविदास ने अपने समय में समाज को जागरूक किया और समानता की नींव रखी। उन्होंने कहा था कि इंसान को उसके कर्म और गुणों के आधार पर आंका जाना चाहिए, न कि जाति या जन्म से। उनकी शिक्षाओं का यही सार आज भी हमारे समाज को दिशा दिखा सकता है। उनका संदेश भक्ति और सेवा का था। वे मानते थे कि भगवान तक पहुंचने का सबसे सरल मार्ग मानव सेवा और प्रेम है। यही कारण है कि उनका जीवन और विचार आज भी लाखों लोगों के लिए प्रेरणा स्रोत बने हुए हैं।

इस अधिवेशन में शिरोमणि गुरु रविदास विश्व महापीठ के संरक्षक किशोर पाल, प्रदेश महामंत्री संगठन सतीश कुमार, प्रदेश उपाध्यक्ष विजय पाल, ब्रजेश कुमार, सत्यपाल सिंह, धर्मेंद्र पारले और सुधीर राठौर सहित कई गणमान्य मौजूद रहेंगे। प्रदेश और जिला स्तर पर कार्यरत पदाधिकारी अधिवेशन की सफलता के लिए सक्रिय रूप से जुटे हुए हैं। अधिवेशन को लेकर समाज में उत्साह का माहौल है। विभिन्न जिलों और गांवों में लोगों को इस आयोजन के लिए आमंत्रित किया जा रहा है। आयोजकों का मानना है कि यह कार्यक्रम समाज की एकजुटता और शक्ति का प्रतीक बनेगा।

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By ATHAR

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