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हरिद्वार जीआरपी पुलिस लाइन में शुक्रवार को “वन्दे मातरम्” के 150 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया। पुलिस कर्मियों ने एक स्वर में राष्ट्रगीत का सामूहिक गायन कर देशभक्ति और गर्व का संदेश दिया। यह आयोजन एसपी जीआरपी के निर्देशन में डीएसपी स्वप्निल मुयाल के नेतृत्व में संपन्न हुआ।
वर्ष पुराना राष्ट्रगीत बना एकता का प्रतीक
राष्ट्रगीत “वन्दे मातरम्” भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का प्रतीक माना जाता है।
यह गीत प्रख्यात लेखक, कवि और राष्ट्रवादी विचारक बंकिम चन्द्र चटर्जी द्वारा 1875 के आसपास लिखा गया था और 1882 में उनके उपन्यास “आनंदमठ” में प्रकाशित हुआ।
ब्रिटिश शासन के खिलाफ आंदोलन के दौरान यह गीत लाखों भारतीयों के लिए प्रेरणा का स्रोत बना। 1937 में इसे आधिकारिक रूप से राष्ट्रगीत का दर्जा मिला।
150 वर्ष पूरे होने के इस अवसर पर देशभर में विभिन्न सरकारी और सामाजिक संस्थानों में “वन्दे मातरम्” का सामूहिक गायन कर राष्ट्रप्रेम की भावना को पुनर्जीवित किया जा रहा है।
हरिद्वार जीआरपी लाइन में हुआ विशेष कार्यक्रम
दिनांक 7 नवम्बर 2025 को एसपी जीआरपी के निर्देशन में पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) स्वप्निल मुयाल की देखरेख में हरिद्वार जीआरपी पुलिस लाइन में यह कार्यक्रम आयोजित किया गया।
इसमें जीआरपी, एटीएस और पुलिस लाइन के सभी कर्मियों ने एक स्वर में “वन्दे मातरम्” का सामूहिक गायन किया।
संपूर्ण परिसर राष्ट्रभक्ति के सुरों से गूंज उठा।
डीएसपी मुयाल ने इस अवसर पर कहा —
“राष्ट्रगीत ‘वन्दे मातरम्’ न केवल हमारे देश की सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है, बल्कि यह हमें कर्तव्यनिष्ठा, त्याग और मातृभूमि की सेवा के लिए प्रेरित करता है।”
एसपी जीआरपी का निर्देश, सभी थानों में भी हुआ गायन
एसपी जीआरपी के निर्देशानुसार केवल पुलिस लाइन हरिद्वार ही नहीं, बल्कि सभी जीआरपी थाना और चौकियों में भी यह आयोजन किया गया।
हर जगह प्रभारी अधिकारियों ने अपने-अपने क्षेत्र में पुलिस कर्मियों के साथ सामूहिक गायन कर देशभक्ति की भावना को मजबूत किया।
राष्ट्रगान के स्वर से गूंजा हरिद्वार
कार्यक्रम के दौरान पुलिस परिसर में देशभक्ति का माहौल बन गया।
पुलिस कर्मियों ने राष्ट्रगीत के माध्यम से नागरिकों को संदेश दिया कि देशप्रेम केवल शब्दों से नहीं, कर्मों से सिद्ध होता है।
हरिद्वार जैसे धार्मिक और आध्यात्मिक नगरी में यह आयोजन और भी प्रतीकात्मक बन गया, जहाँ प्रतिदिन हजारों श्रद्धालु ‘भारत माता’ के जयकारे लगाते हैं।
अन्य राज्यों में भी हो रहे हैं ऐसे कार्यक्रम
देशभर में “वन्दे मातरम्” के 150 वर्ष पूरे होने पर पुलिस, स्कूलों, विश्वविद्यालयों और सामाजिक संगठनों द्वारा सामूहिक गायन कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने भी राज्यों को इस अवसर पर राष्ट्रगीत को सम्मानपूर्वक मनाने के निर्देश दिए हैं।
हरिद्वार जीआरपी का यह कार्यक्रम उत्तराखंड पुलिस की राष्ट्रभक्ति और अनुशासन का जीवंत उदाहरण है।
राष्ट्रभक्ति का संदेश और नई प्रेरणा
“वन्दे मातरम्” के 150 वर्ष पूर्ण होने पर हरिद्वार जीआरपी का यह आयोजन देशप्रेम, एकता और समर्पण की भावना को फिर से जीवंत करता है।
डीएसपी स्वप्निल मुयाल ने कहा कि ऐसे कार्यक्रम समाज में सकारात्मक ऊर्जा और कर्तव्यनिष्ठा को बढ़ावा देते हैं।
जनता से भी अपील की गई कि राष्ट्रगीत के अर्थ और भावना को अपने जीवन में उतारें और भारत की एकता को सशक्त बनाएँ।
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