गंगनहर कोतवाली पुलिस द्वारा बरामद मोबाइल फोन उनके स्वामियों को लौटाते हुए अधिकारी”गंगनहर कोतवाली पुलिस द्वारा बरामद मोबाइल फोन उनके स्वामियों को लौटाते हुए अधिकारी”

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खोया हुआ मोबाइल किसी व्यक्ति के लिए सिर्फ एक डिवाइस नहीं, बल्कि यादों, दस्तावेजों और व्यक्तिगत डेटा का संग्रह होता है। ऐसे में उसका वापस मिलना किसी बड़ी खुशी से कम नहीं होता। हरिद्वार की कोतवाली गंगनहर पुलिस ने आमजन के इसी दर्द को समझते हुए खोए हुए मोबाइल फोन बरामद कर उनके असली स्वामियों तक पहुंचाकर महत्वपूर्ण मानवता पहल की है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर की गई इस कार्रवाई से लोगों में पुलिस के प्रति भरोसा और मजबूत हुआ है।

गंगनहर कोतवाली परिसर में पुलिस अधिकारी मोबाइल फोन स्वामियों को बरामद फोन सौंपते हुए, पीछे टेबल पर रखे मोबाइल दिखाई दे रहे हों।

खोए मोबाइल की रिकवरी

मोबाइल चोरी या खोने की घटनाएँ हरिद्वार जैसे पर्यटन और धार्मिक शहर में अक्सर सामने आती हैं। लाखों की संख्या में श्रद्धालु, यात्री, छात्र और स्थानीय नागरिक प्रतिदिन शहर से गुजरते हैं। ऐसे में मोबाइल खोने या चोरी होने की शिकायतें पुलिस को नियमित रूप से मिलती रहती हैं।

मोबाइल फोन में शामिल होते हैं—

  • बैंकिंग ऐप
  • महत्वपूर्ण दस्तावेज
  • पर्सनल फोटो/वीडियो
  • सोशल मीडिया अकाउंट
  • कार्य से जुड़े डेटा

इन सभी कारणों से मोबाइल रिकवरी केवल आर्थिक मूल्य की बात नहीं, बल्कि डेटा सुरक्षा और व्यक्तिगत गोपनीयता का भी मुद्दा बन जाता है। CIER पोर्टल का उपयोग कर मोबाइल ट्रेसिंग की प्रक्रिया ने पिछले वर्षों में सफलताएँ दर्ज की हैं, और यह केस उसी प्रयास का हिस्सा रहा।

“गंगनहर कोतवाली पुलिस द्वारा बरामद मोबाइल फोन उनके स्वामियों को लौटाते हुए अधिकारी”

CIER पोर्टल से मिली सफलता

दिनांक 05 दिसंबर 2025 को वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक हरिद्वार के निर्देश पर कोतवाली गंगनहर पुलिस को पिछले दिनों प्राप्त मोबाइल खोने की शिकायतों पर कार्रवाई तेज करने को कहा गया। पुलिस टीम ने शिकायतों की तकनीकी जांच शुरू की और CIER पोर्टल (Citizen Information and Electronics Recovery) की मदद से विभिन्न कंपनियों के मोबाइल फोन ट्रेस किए।

बरामद मोबाइल की प्रमुख कंपनियाँ:

  • Apple
  • Samsung
  • Vivo
  • Realme
  • Oppo

एक-एक करके मोबाइल स्वामियों तक पहुँचाए गए फोन

तकनीकी टीम द्वारा ट्रैक किए गए मोबाइल मिलने के बाद पुलिस ने स्वामियों से संपर्क किया। बरामद मोबाइल की कुल अनुमानित कीमत: ₹ 8,68,000 (लगभग साढ़े आठ लाख रुपये) जब लोगों को उनका फोन सौंपा गया तो कई नागरिकों की आंखों में खुशी और राहत देखने को मिली। हालांकि, पुलिस अधिकारियों का मानना है कि तकनीक आधारित कार्रवाई से मोबाइल रिकवरी तेज और आसान हो रही है। इस काम में CIER पोर्टल ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

मोबाइल मिलने से लोगों की संवेदनशील जानकारी और दस्तावेज सुरक्षित बच गए।ऐसी पहलें नागरिक-पुलिस संबंधों को मजबूत करती हैं।साढ़े आठ लाख से अधिक मूल्य के मोबाइल लौटना लोगों की बड़ी आर्थिक हानि को बचाता है।लोगों को अब यह समझ में आता है कि खोया मोबाइल मिलने की संभावना CIER पोर्टल से काफी बढ़ जाती है।

हालाँकि अनुमान के आधार पर कहा जाता है कि हरिद्वार पुलिस हर साल दर्जनों मोबाइल रिकवरी ऑपरेशन सफलतापूर्वक पूरा करती है। पिछले दो वर्षों में मोबाइल रिकवरी दर में लगातार वृद्धि दर्ज की गई है, जिसका श्रेय तकनीकी मॉनिटरिंग और सक्रिय फील्ड यूनिट्स को जाता है।

संवेदनशीलता और तकनीक का बेहतरीन मेल

कोतवाली गंगनहर पुलिस द्वारा संचालित यह मोबाइल रिकवरी अभियान न केवल तकनीकी दक्षता का उदाहरण है, बल्कि यह साबित करता है कि पुलिस जनहित को सर्वोपरि रखती है। खोए हुए फोन लौटने पर लोगों के चेहरों पर आई खुशी इस बात को मजबूत करती है कि सही प्रयास और समयबद्ध कार्रवाई बहुत बड़ा फर्क ला सकती है।

लोगों को चाहिए कि मोबाइल खोने पर तुरंत शिकायत दर्ज कराएं और CIER पोर्टल के माध्यम से ट्रैकिंग में सहयोग करें। इससे रिकवरी की संभावनाएँ और बढ़ जाती हैं।

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By ATHAR

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