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हरिद्वार के जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने सोमवार को तहसील और सब-रजिस्ट्रार कार्यालय का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने परिसर की खाली भूमि का सदुपयोग करते हुए पार्किंग विकसित करने के निर्देश दिए, साथ ही सफाई व्यवस्था को और बेहतर बनाने पर जोर दिया।
तहसील परिसर की स्थिति पर डीएम की नाराज़गी
निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने सब-रजिस्ट्रार कार्यालय और तहसील परिसर का गहन निरीक्षण किया। उन्होंने पाया कि परिसर में सफाई व्यवस्था और बुनियादी सुविधाओं में सुधार की आवश्यकता है।
डीएम दीक्षित ने कहा कि आम जनता और अधिवक्ताओं की सुविधा के लिए प्रशासनिक परिसरों का स्वच्छ, व्यवस्थित और सुगम होना आवश्यक है।
“तहसील और सब-रजिस्ट्रार कार्यालय की खाली भूमि का सही उपयोग कर पार्किंग बनाई जाएगी ताकि आने-जाने वालों को सुविधा मिल सके,” — जिलाधिकारी मयूर दीक्षित
सेंट्रलाइज शौचालय और जल निकासी व्यवस्था पर जोर
डीएम ने निर्देश दिया कि तहसील और सब-रजिस्ट्रार कार्यालय के लिए एक संयुक्त (सेंट्रलाइज्ड) शौचालय की व्यवस्था की जाए। इससे रखरखाव और सफाई आसान होगी।
उन्होंने निर्माणाधीन शौचालय को जल्द पूरा करने और निर्माण गुणवत्ता सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए।
इसके अलावा, जिलाधिकारी ने जल निकासी व्यवस्था पर विशेष ध्यान देने को कहा ताकि बरसात के समय परिसर में जलभराव की समस्या न हो। उन्होंने सब-रजिस्ट्रार कार्यालय से गेट तक पक्का फर्श (फर्स) बनवाने के निर्देश भी दिए।
नई पार्किंग योजना बनेगी समाधान

डीएम दीक्षित ने कहा कि तहसील परिसर में पड़ी अनुपयोगी भूमि पर पार्किंग का निर्माण कराया जाएगा। इसके लिए नगर निगम, हरिद्वार-रूड़की विकास प्राधिकरण (HRDA) और अधिवक्ताओं के साथ बैठक आयोजित की जाएगी।
उन्होंने उप जिलाधिकारी की अध्यक्षता में समिति गठित करने को कहा जो पार्किंग स्थल की रूपरेखा तैयार करेगी।
विशेष रूप से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि पार्किंग के निर्माण से जिन अधिवक्ताओं के चैंबर प्रभावित होंगे, उनके नए चैंबर का निर्माण भी साथ में कराया जाए।
डीएम ने स्पष्ट कहा कि केवल प्रभावित अधिवक्ताओं के ही चैंबर पुनर्निर्मित किए जाएँ, ताकि न्यायिक कार्य में किसी प्रकार की बाधा न आए।
सफाई व्यवस्था पर सख्त निर्देश
डीएम ने तहसीलदार को निर्देशित किया कि पूरे परिसर में नियमित सफाई व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि सरकारी कार्यालयों की स्वच्छता न केवल कर्मचारियों बल्कि नागरिकों के अनुभव को भी प्रभावित करती है।
“सफाई व्यवस्था में किसी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी,” — डीएम मयूर दीक्षित
स्थानीय जनता और अधिवक्ताओं को मिलेगा लाभ

इस पहल से तहसील परिसर में आने वाले नागरिकों, वकीलों और कर्मचारियों को बड़ी राहत मिलेगी।
वर्तमान में परिसर में वाहन पार्किंग की पर्याप्त सुविधा नहीं है, जिससे भीड़ और अव्यवस्था की स्थिति बनती है।
नई पार्किंग व्यवस्था से यातायात सुचारु होगा और वाहन जाम की समस्या में कमी आएगी।
साथ ही, बेहतर सफाई और जल निकासी से परिसर का माहौल स्वच्छ व स्वस्थ बनेगा, जिससे सरकारी सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार आएगा।
भविष्य की रूपरेखा
डीएम के इस निरीक्षण के बाद प्रशासनिक विभागों में संरचनात्मक सुधारों की प्रक्रिया तेज होने की उम्मीद है।
नगर निगम और एचआरडीए की संयुक्त योजना से यह परियोजना जल्द मूर्त रूप ले सकती है।
स्थानीय नागरिकों का मानना है कि अगर यह योजना तय समय में पूरी होती है, तो यह हरिद्वार तहसील परिसर की छवि को पूरी तरह बदल सकती है।
साफ-सुथरा और सुविधाजनक प्रशासनिक परिसर की दिशा में कदम

जिलाधिकारी मयूर दीक्षित की इस पहल से हरिद्वार के प्रशासनिक ढांचे में एक नया सुधार देखने को मिल सकता है।
सफाई, जल निकासी और पार्किंग जैसी मूलभूत सुविधाओं पर ध्यान देना नागरिक सेवाओं को और सशक्त बनाएगा।
आवश्यक है कि संबंधित विभाग इस योजना को समयबद्ध तरीके से पूरा करें ताकि हरिद्वार जिले का प्रशासनिक परिसर “स्मार्ट और स्वच्छ” मॉडल के रूप में स्थापित हो सके।
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