हरिद्वार भगवानपुर पुलिस द्वारा गौतस्करी पर कार्रवाई में बरामद किए गए 250 किलो गौमांस और पुलिस टीम।हरिद्वार भगवानपुर पुलिस द्वारा गौतस्करी पर कार्रवाई में बरामद किए गए 250 किलो गौमांस और पुलिस टीम।

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रिपोर्टर (सचिन शर्मा)

हरिद्वार जिले में गौतस्करी के खिलाफ पुलिस का अभियान लगातार जारी है।
एसएसपी हरिद्वार के नेतृत्व में भगवानपुर थाना पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए लगभग 250 किलोग्राम गौमांस और गौकशी के उपकरण बरामद किए हैं।
घटना के बाद आरोपी मौके से फरार हो गए, जिनकी तलाश में पुलिस टीमें सक्रिय हैं।

पुलिस टीम द्वारा बरामद किए गए गौमांस और उपकरणों को दिखाते हुए, पीछे थाना परिसर का दृश्य।

उत्तराखंड में गौवंश संरक्षण अधिनियम के तहत गौकशी एक गंभीर अपराध माना जाता है।
हरिद्वार जिले में पिछले कुछ महीनों से गौतस्करी की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए पुलिस लगातार अभियान चला रही है।
एसएसपी हरिद्वार की “ज़ीरो टॉलरेंस नीति” के तहत जिले के सभी थाना क्षेत्रों में टीमों को सक्रिय किया गया है ताकि किसी भी स्तर पर गौकशी जैसी अवैध गतिविधि न हो सके। पिछले कुछ महीनों में भी कई स्थानों पर पुलिस ने छापेमारी कर बड़ी मात्रा में अवैध मांस और पशु बरामद किए थे।
हालांकि, लगातार सख्ती के बावजूद कुछ तस्कर अब भी गुप्त रूप से इस काम को अंजाम देने की कोशिश कर रहे हैं, जिन पर पुलिस की नज़र बनी हुई है।

घटना :

घटना दिनांक 05 अक्टूबर 2025 की है।
भगवानपुर थाना पुलिस को मुखबिर के माध्यम से सूचना मिली कि ग्राम सिकरौड़ा निवासी कुछ व्यक्ति पीर डांडी वाली सड़क पर, खोखरों के पास सुधा शेख के आम के बाग में गौकशी कर रहे हैं।
सूचना मिलते ही थाना प्रभारी के निर्देशन में पुलिस टीम तत्काल मौके पर रवाना हुई।

पुलिस ने बाग के पास पहुंचकर देखा कि आम के पेड़ों की आड़ से कुछ काटने जैसी आवाजें आ रही हैं।
शक के आधार पर पुलिस ने चारों ओर से घेराबंदी की और अचानक दबिश दी।
दबिश के दौरान पांच व्यक्ति मौके पर कुल्हाड़ी से मांस की काट-छांट करते हुए दिखाई दिए, लेकिन पुलिस को देखते ही सभी आरोपी वहां से भाग निकले

पुलिस को मिले साक्ष्य और बरामद सामान:

मौके की तलाशी लेने पर पुलिस ने लगभग 250 किलोग्राम गौमांस, एक गोवंशीय खाल, सिर, खुर और तीन लोहे की कुल्हाड़ियाँ बरामद कीं।
यह बरामदगी दर्शाती है कि मौके पर गौकशी की जा रही थी, जिसे पुलिस ने समय रहते रोक दिया। बरामद माल को कब्जे में लेकर पुलिस ने आवश्यक विधिक कार्रवाई शुरू की।
थाना भगवानपुर में मु.अ.सं. 335/2025, धारा 3/5/11 उत्तराखंड गौवंश संरक्षण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।

अधिकारिक बयान:

एसएसपी हरिद्वार ने कहा कि —

जिले में गौतस्करी पर पूरी तरह से सख्ती बरती जा रही है। किसी भी सूरत में इस अवैध गतिविधि को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। थाना स्तर पर विशेष निगरानी रखी जा रही है और संबंधित पुलिस टीम को त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।”

थाना भगवानपुर के प्रभारी अधिकारी ने बताया कि —

फरार आरोपियों की पहचान कर ली गई है और उनकी गिरफ्तारी के लिए टीमों का गठन किया गया है। जल्द ही सभी आरोपी सलाखों के पीछे होंगे।”

इस कार्रवाई में उपनिरीक्षक प्रदीप चौहान, कांस्टेबल संजय कुमार और कांस्टेबल अजय चंदेल शामिल रहे।
टीम ने तत्कालिक निर्णय लेते हुए मौके पर पहुंचकर साक्ष्य सुरक्षित किए और बरामदगी को अंजाम दिया।

स्थानीय असर:

भगवानपुर क्षेत्र में इस कार्रवाई के बाद लोगों में राहत की भावना है।
स्थानीय निवासियों ने पुलिस की तत्परता की सराहना की और उम्मीद जताई कि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को पूरी तरह समाप्त किया जाएगा।
इस घटना के बाद से आसपास के क्षेत्रों में भी पुलिस की गश्त और निगरानी बढ़ा दी गई है। ग्रामवासियों के अनुसार, इससे पहले भी रात के समय कुछ संदिग्ध गतिविधियाँ देखी गई थीं, जिनकी सूचना पुलिस को दी गई थी।
अब पुलिस के सक्रिय होने से गौतस्करों में हड़कंप मचा हुआ है।

हरिद्वार जिले में बीते एक वर्ष मे हरिद्वार जिले में वर्ष 2024 में 131 गौ तस्करी के मामले दर्ज किए गए थे, जिसमें 150 गौ तस्करों को जेल भेजा गया था, यह आंकड़ा दिसंबर 2024 के अंत का है. इसके अतिरिक्त, एक रिपोर्ट के अनुसार, जून 2025 तक पिछले चार महीनों में 51 मामले दर्ज हुए हैं, जिसमें 70 तस्करों की गिरफ्तारी हुई है. से अधिक गौतस्करी के मामले दर्ज किए गए हैं।
इनमें से अधिकांश मामलों में पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
एसएसपी की सख्त निगरानी और जमीनी स्तर पर सक्रिय थानों की वजह से जिले में गौकशी की घटनाओं में लगभग 30% की कमी दर्ज की गई है हालांकि, कुछ ग्रामीण क्षेत्रों में अब भी छिपकर इस तरह की गतिविधियाँ की जाती हैं, जिन पर अंकुश लगाने के लिए पुलिस लगातार गश्त बढ़ा रही है।

एसएसपी की ‘ज़ीरो टॉलरेंस’ नीति:

एसएसपी हरिद्वार ने हाल ही में जिले के सभी थानों को स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं कि गौतस्करी जैसी संवेदनशील अपराधों पर ज़ीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई जाए।
किसी भी सूचना पर तत्काल कार्रवाई होनी चाहिए और जिम्मेदार पुलिस कर्मियों को परिणाम देने होंगे। इस नीति के तहत कई स्थानों पर अब तक छापेमारी कर दर्जनों अभियुक्तों को पकड़ा जा चुका है।
भगवानपुर की यह कार्रवाई उसी सख्त रुख का परिणाम है, जिसने गौकशी नेटवर्क को बड़ा झटका दिया है।

भगवानपुर में हुई यह कार्रवाई न केवल पुलिस की सक्रियता को दर्शाती है, बल्कि यह भी साबित करती है कि हरिद्वार में अब गौतस्करी के लिए कोई जगह नहीं बची है।
एसएसपी हरिद्वार की सख्त नीति से जहां आम नागरिकों में सुरक्षा की भावना बढ़ी है, वहीं अपराधियों में डर साफ देखा जा सकता है। सरकार और पुलिस की संयुक्त कोशिशों से उम्मीद है कि जिले को जल्द ही इस अवैध कारोबार से पूरी तरह मुक्त किया जा सकेगा।

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By ATHAR

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