सबसे सटीक ज्वालापुर टाइम्स न्यूज़…
हल्द्वानी के देवलचौड़ क्षेत्र स्थित एक प्राथमिक स्कूल के किचन के पास रखी लकड़ियों में सोमवार देर शाम आग लगने से अफरा-तफरी का माहौल बन गया। राहगीरों की त्वरित सूचना पर फायर ब्रिगेड टीम तुरंत मौके पर पहुँची और कुछ ही मिनटों में आग पर काबू पा लिया। गनीमत रही कि किसी प्रकार की जनहानि या बड़ा नुकसान नहीं हुआ।
स्कूलों में आग सुरक्षा को लेकर लगातार उठते सवाल
पिछले कुछ वर्षों में सरकारी और निजी स्कूलों में आग लगने की कई छोटी-बड़ी घटनाएँ सामने आई हैं। अधिकांश मामलों में आग का कारण शॉर्ट सर्किट, गैस लीक, या ज्वलनशील सामग्री का अनुचित भंडारण पाया जाता है।
विशेषज्ञों के अनुसार स्कूलों में सुरक्षा उपकरणों — जैसे फायर एक्सटिंग्विशर, स्मोक अलार्म, और इमरजेंसी एग्जिट — का होना बेहद आवश्यक है, लेकिन ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में कई संस्थानों में ये व्यवस्थाएँ अभी भी अपर्याप्त हैं। हल्द्वानी क्षेत्र में भी बीते महीनों में स्कूलों में सुरक्षा मानकों को लेकर प्रशासनिक निरीक्षणों की आवश्यकता पर चर्चा होती रही है।
घटना हल्द्वानी के रामपुर रोड स्थित देवलचौड़ के पास स्थित एक प्राथमिक विद्यालय में हुई। यह क्षेत्र घनी आबादी वाला है और सड़क से सटा होने के कारण यहाँ लोगों की आवाजाही अधिक रहती है। सोमवार की देर शाम, लगभग उसी समय जब अधिकांश स्कूल कर्मचारी परिसर छोड़ चुके थे।
प्राथमिक जानकारी के अनुसार किचन के पास रखी लकड़ियों में अचानक आग भड़क उठी। स्कूलों में लकड़ियाँ प्रायः मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम के तहत खाना बनाने के लिए इस्तेमाल होती हैं। आग के बढ़ने से धुआँ उठने लगा, जिसे देखकर आसपास से गुजर रहे राहगीर चिंतित हो गए। एक राहगीर ने तुरंत फायर स्टेशन को सूचना दी, जिसके बाद टीम मौके पर पहुँची।
उनकी टीम ने 5–7 मिनट के भीतर आग पर पूरी तरह नियंत्रण पा लिया। समय पर पहुँची दमकल की टीम ने स्कूल भवन और आसपास के हिस्से को किसी बड़े हादसे से बचा लिया। घटना की पुष्टि करते हुए एफएसओ मिन्दर पाल सिंह ने बताया कि आग किचन के पास रखी लकड़ियों में लगी थी। उन्होंने कहा कि त्वरित सूचना और तुरंत कार्रवाई के कारण हालात बिगड़ने नहीं पाए। अधिकारियों ने यह भी कहा कि वे घटना की जांच करेंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि भविष्य में ऐसी घटनाएँ दोबारा न हों।
लोगों में दहशत, सुरक्षा पर उठे सवाल राहगीरों ने धुआँ देखकर पहले तो घटना को बड़ा हादसा समझ लिया, जिससे कुछ देर के लिए क्षेत्र में दहशत का माहौल बन गया। कई लोग मौके पर इकट्ठा हो गए और बचाव कार्यों को देखने लगे।
स्कूल में आग भड़कने की खबर आस-पास के अभिभावकों तक भी पहुँच गई, जिनमें से कई स्कूल की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर चिंतित नजर आए।देवलचौड़ के आसपास का क्षेत्र व्यावसायिक रूप से सक्रिय है। आग की खबर से थोड़े समय के लिए दुकानें और राहगीर सतर्क हो गए, हालांकि वाहनों की आवाजाही सामान्य रही।
ऐसी घटनाएँ पहले भी बनी चिंता का कारण
हल्द्वानी और आसपास के क्षेत्रों में पिछले वर्षों में स्कूलों में छोटी-मोटी आग लगने की घटनाएँ सामने आई हैं।
उदाहरण:
- 2023 में पास के एक स्कूल में शॉर्ट सर्किट के कारण आग लगी थी।
- 2024 में एक प्राइवेट स्कूल में गैस रेगुलेटर खराब होने से दुर्घटना narrowly टली थी।
- हालाँकि, इस मामले में त्वरित कार्रवाई ने एक संभावित बड़े हादसे को रोक दिया।
हल्द्वानी प्राथमिक स्कूल में लगी आग भले ही मामूली रही, लेकिन यह घटना स्पष्ट संकेत देती है कि स्कूलों में आग सुरक्षा प्रोटोकॉल को मजबूत किए जाने की आवश्यकता है। जिम्मेदार विभाग यदि नियमित निरीक्षण और सुरक्षा उपकरणों का प्रबंधन सुनिश्चित करें, तो ऐसी घटनाओं को पूरी तरह रोका जा सकता है।
यह भी पढ़ें– चालदा महाराज के ऐतिहासिक प्रवास से सिरमौर में गूंजा उल्लास उद्योग मंत्री खुद पहुंचे आगवानी को…
उत्तराखंड की सभी ताज़ा और महत्वपूर्ण ख़बरों के लिए ज्वालापुर टाइम्स न्यूज़ WHATSAPP GROUP से जुड़ें और अपडेट सबसे पहले पाएं
यहां क्लिक करें एक और हर अपडेट आपकी उंगलियों पर!
यदि आप किसी विज्ञापन या अपने क्षेत्र/इलाके की खबर को हमारे न्यूज़ प्लेटफ़ॉर्म पर प्रकाशित कराना चाहते हैं, तो कृपया 7060131584 पर संपर्क करें। आपकी जानकारी को पूरी जिम्मेदारी और भरोसे के साथ प्रसारित किया जाएगा।”

