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हरिद्वार,
कप्तान प्रमेन्द्र सिंह डोबाल के सख्त अल्टीमेटम के बाद हरिद्वार पुलिस ने मानो समय से मुकाबला करते हुए बड़ी सफलता हासिल की है। कोतवाली गंगनहर क्षेत्र से लापता हुई तीनों नाबालिक बच्चियाँ मात्र 24 घंटे के भीतर मथुरा रेलवे स्टेशन से सकुशल बरामद की गईं।
घर की डांट से नाराज होकर निकली थीं बच्चियाँ
31 अक्टूबर की सुबह 12 और 14 वर्ष की दो बहनें और उनकी एक सहेली स्कूल जाने के लिए निकलीं लेकिन शाम तक घर नहीं लौटीं।
परिवार वालों ने पहले मोहल्ले और रिश्तेदारों में खोजबीन की, लेकिन जब कोई पता नहीं चला तो महिला ने गंगनहर कोतवाली में सूचना दी।
इस पर मु0अ0स0 546/2025 धारा 137(2) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया।
डांट-फटकार और घरेलू झगड़े बने वजह
पुलिस पूछताछ में बच्चियों ने बताया कि वे अपनी मां की डांट से नाराज होकर घर से निकल गई थीं।
एक बच्ची ने बताया कि सुबह जल्दी न उठने पर उसे डांट और थप्पड़ पड़े थे, जबकि दूसरी दो बच्चियाँ घर में चल रहे झगड़ों से परेशान थीं।
तीनों ने कुल 500 रुपये लेकर घर छोड़ा, रिक्शा से रुड़की बस अड्डा पहुँचीं और वहाँ से हरिद्वार बस पकड़ी।
हरिद्वार से बस द्वारा दिल्ली और फिर ट्रेन से मथुरा पहुँच गईं।
मथुरा में पैसे खत्म होने पर वे रेलवे स्टेशन पर बैठी मिलीं, जहाँ पुलिस टीम ने उन्हें बरामद किया।
कप्तान का अल्टीमेटम बना निर्णायक
घटना की गंभीरता को देखते हुए एसएसपी प्रमेन्द्र सिंह डोबाल ने तुरंत टीम गठित कर बच्चियों को 24 घंटे में बरामद करने के निर्देश दिए।
इसके बाद पुलिस टीम ने मैनुअल पुलिसिंग, सीसीटीवी फुटेज, मोबाइल ट्रेसिंग और इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस का उपयोग करते हुए तेजी से तलाश शुरू की।
लगातार प्रयासों के बाद टीम को सफलता मिली और बच्चियाँ 1 नवंबर 2025 को मथुरा रेलवे स्टेशन से सकुशल बरामद कर ली गईं।
कप्तान का अल्टीमेटम बना निर्णायक
घटना की गंभीरता को देखते हुए एसएसपी प्रमेन्द्र सिंह डोबाल ने तुरंत टीम गठित कर बच्चियों को 24 घंटे में बरामद करने के निर्देश दिए।
इसके बाद पुलिस टीम ने मैनुअल पुलिसिंग, सीसीटीवी फुटेज, मोबाइल ट्रेसिंग और इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस का उपयोग करते हुए तेजी से तलाश शुरू की।
लगातार प्रयासों के बाद टीम को सफलता मिली और बच्चियाँ 1 नवंबर 2025 को मथुरा रेलवे स्टेशन से सकुशल बरामद कर ली गईं।
बरामदगी में शामिल पुलिस टीम
इस सफलता में निम्न अधिकारियों और कर्मचारियों का महत्वपूर्ण योगदान रहा:
- सीओ रुड़की नरेन्द्र पन्त
- प्रभारी निरीक्षक मनोहर भण्डारी, कोतवाली गंगनहर
- प्रभारी निरीक्षक प्रदीप बिष्ट, सीआईयू
- व0उ0नि0 दीप कुमार, उ0नि0 प्रवीण बिष्ट
- अपर उ0नि0 कान्ता प्रसाद, हे0का0 चमन, का0 पवन सिंह, लाल सिंह, हंसराज, रणवीर, प्रीतम, महिपाल, राहुल नेगी, मनमोहन भण्डारी आदि।
समाज में राहत और संदेश दोनों
इस तेज कार्रवाई से स्थानीय लोगों में पुलिस के प्रति भरोसा और सम्मान दोनों बढ़ा है।
माता-पिता के बीच संवादहीनता या तनाव के चलते बच्चे गलत निर्णय ले लेते हैं।
हरिद्वार पुलिस की यह कार्रवाई न केवल संवेदनशीलता का उदाहरण है, बल्कि समाज को यह सीख भी देती है कि बच्चों के मानसिक हालात को समझना और संवाद बनाए रखना बेहद जरूरी है।
समाज में राहत और संदेश दोनों
इस तेज कार्रवाई से स्थानीय लोगों में पुलिस के प्रति भरोसा और सम्मान दोनों बढ़ा है।
माता-पिता के बीच संवादहीनता या तनाव के चलते बच्चे गलत निर्णय ले लेते हैं।
हरिद्वार पुलिस की यह कार्रवाई न केवल संवेदनशीलता का उदाहरण है, बल्कि समाज को यह सीख भी देती है कि बच्चों के मानसिक हालात को समझना और संवाद बनाए रखना बेहद जरूरी है।
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