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चमोली। चमोली जिले के विकास की रफ्तार को गति देने के लिए जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने गुरुवार को कलेक्ट्रेट सभागार में जिला स्तरीय पुनरीक्षण समिति की बैठक की अध्यक्षता की। इस समीक्षा बैठक में प्रमुखता से बैंकों के ऋण वितरण प्रदर्शन, सीडी रेशियो, और मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना, प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम, राष्ट्रीय आजीविका मिशन, वीर चंद्र सिंह गढ़वाली योजना और होम स्टे योजना जैसे सरकारी ऋण योजनाओं की गहन समीक्षा की गई।
बैंकों की लापरवाही पर डीएम ने दिखाया सख्त रुख
बैठक में जिलाधिकारी ने स्पष्ट निर्देश दिए कि जिन बैंकों की सीडी रेशियो 40% से कम है, वे शीघ्र सुधार करें। साथ ही सभी बैंकों से यह पूछा गया कि आखिर सरकारी योजनाओं के आवेदनों को रिजेक्ट करने के पीछे कारण क्या हैं? उन्होंने कहा कि किसी भी आवेदन को सिबिल स्कोर के आधार पर रिजेक्ट करने से पहले संबंधित विभागों को जानकारी दी जाए ताकि आवेदन भेजने से पूर्व ही उसकी पुष्टि की जा सके।

डीएम ने आदेश दिया कि बैंक और संबंधित विभाग मिलकर एक तय समय सीमा में ऋण प्रक्रिया पूरी करें ताकि ग्रामीण व दूरस्थ क्षेत्रों के लोगों का समय बर्बाद न हो। इसके साथ ही बैंकों द्वारा रिजेक्ट किए गए आवेदनों पर विभागीय स्तर से फॉलोअप करने के निर्देश भी दिए गए।
योजनाओं की प्रगति का लेखा-जोखा
लीड बैंक अधिकारी दान सिंह गर्ब्याल ने बताया कि:
मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना में निर्धारित लक्ष्य 800 के मुकाबले 2284 आवेदन भेजे गए। इनमें से 838 आवेदनों पर ऋण वितरित, 453 रिजेक्ट, 527 आवेदन वापस, तथा 398 लंबित हैं।

प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना में 154 में से 102 आवेदनों को मंजूरी मिली।राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन में 2509 में से 1602 आवेदन मंजूर किए गए।वीर चंद्र सिंह गढ़वाली योजना (वाहन मद) में 19 में से 11, गैर-वाहन मद में 22 में से 8 तथा होम स्टे योजना में 79 में से 31 को ऋण मिला।
वित्तीय उपलब्धि के आंकड़े
मार्च 2025 की तिमाही में चमोली जिले का क्रेडिट-डिपॉजिट रेशियो (CD Ratio) 27.14% रहा, जो लक्ष्य से काफी कम है। हालांकि, वार्षिक ऋण योजना 2024-25 के सापेक्ष जिले ने 104% उपलब्धि हासिल की, जो एक सकारात्मक संकेत है। डीएम ने सभी बैंकों को वित्तीय साक्षरता शिविर लगाने के भी निर्देश दिए ताकि लोगों को योजनाओं के प्रति जानकारी मिल सके।
बैंक और विभागों में समन्वय जरूरी
डीएम तिवारी ने बैठक के अंत में कहा कि यदि बैंकों और विभागों में बेहतर कोऑर्डिनेशन हो तो जिले में स्वरोजगार और वित्तीय समावेशन को नई ऊंचाइयां दी जा सकती हैं। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि सरकारी योजनाओं की सफलता तभी संभव है जब बैंक जिम्मेदारी से कार्य करें और विभाग अपनी भूमिका को समयबद्ध निभाएं।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी अभिषेक त्रिपाठी, अपर जिलाधिकारी विवेक प्रकाश, सभी बैंकों के प्रतिनिधि, और विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।
यदि आप चमोली जिले में किसी स्वरोजगार योजना के तहत ऋण के लिए आवेदन करना चाहते हैं, तो अपने सिबिल स्कोर की जांच करें और संबंधित विभाग में सही दस्तावेज़ों के साथ आवेदन करें। अधिक जानकारी के लिए नजदीकी बैंक या जिला प्रशासन कार्यालय से संपर्क करें।
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