पिथौरागढ़ के अस्कोट में मॉक ड्रिल के दौरान पुलिस और एसडीआरएफ टीम आपदा बचाव उपकरणों का प्रदर्शन करते हुएपिथौरागढ़ के अस्कोट में मॉक ड्रिल के दौरान पुलिस और एसडीआरएफ टीम आपदा बचाव उपकरणों का प्रदर्शन करते हुए

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पिथौरागढ़, उत्तराखंड। जिले के अस्कोट क्षेत्र में मंगलवार को संभावित आपदाओं से निपटने के लिए पुलिस और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) ने संयुक्त रूप से मॉक ड्रिल का आयोजन किया। यह मॉक ड्रिल एसपी रेखा यादव के निर्देशानुसार आयोजित की गई, जिसका नेतृत्व थानाध्यक्ष सुरेश कम्बोज ने किया।

इस अभ्यास का मुख्य उद्देश्य आपदा आने से पहले की तैयारियों को परखना और पुलिस कर्मियों को अत्याधुनिक उपकरणों के संचालन तथा आपातकालीन स्थितियों में त्वरित व समन्वित प्रतिक्रिया देना सिखाना था।

SDRF टीम ने दिया व्यावहारिक प्रशिक्षण

थाना परिसर में आयोजित इस मॉक ड्रिल में SDRF टीम ने पुलिस कर्मियों को आपदा प्रबंधन से जुड़ी अत्यंत महत्वपूर्ण तकनीकों की जानकारी दी। इनमें शामिल थे:

आपदा बचाव उपकरणों का संचालन:उपकरणों जैसे लाइफ जैकेट, स्ट्रेचर, रस्सी, रेस्क्यू जैकेट, और हाइड्रोलिक कटर आदि के प्रयोग का तरीका बताया गया। जलभराव और बाढ़ में बचाव:SDRF ने जलभराव जैसी स्थिति में लोगों को सुरक्षित स्थान तक पहुंचाने के तकनीकी पहलुओं पर प्रकाश डाला। भूस्खलन व भवन ध्वस्तीकरण के समय सुरक्षा उपाय:SDRF ने बताया कि किस तरह भूस्खलन या इमारत गिरने की स्थिति में राहत-बचाव कार्य किया जाए।सड़क दुर्घटनाओं से निपटने की रणनीति:एक्सीडेंट की घटनाओं में घायलों को सुरक्षित निकालने की विधि भी सिखाई गई।

तत्परता की परख और सुधार की संभावनाएं

इस मॉक ड्रिल के माध्यम से पुलिस कर्मियों की आपात स्थिति में प्रतिक्रिया क्षमता का आकलन किया गया। इस तरह के अभ्यास से यह स्पष्ट होता है कि आपदा आने पर किस तरह त्वरित और प्रभावी कार्रवाई की जा सकती है।थानाध्यक्ष सुरेश कम्बोज ने कहा कि, “प्राकृतिक आपदाओं से पहले इस तरह की मॉक ड्रिल अत्यंत आवश्यक होती है। इससे हमारे जवान मानसिक और तकनीकी रूप से तैयार रहते हैं।”

आपदा प्रबंधन के महत्व को किया गया रेखांकित

एसडीआरएफ के प्रशिक्षकों ने जोर देकर कहा कि उत्तराखंड जैसे भौगोलिक दृष्टि से संवेदनशील राज्य में आपदा प्रबंधन की तैयारी हर स्तर पर जरूरी है। अक्सर मानसून के दौरान भूस्खलन, अचानक बाढ़, और सड़क दुर्घटनाएं आम हो जाती हैं। ऐसे में स्थानीय पुलिस और SDRF का त्वरित समन्वय ही जान और माल की रक्षा कर सकता है।

स्थानीय जनता को भी दी जाएगी जानकारी

अधिकारियों के अनुसार, आने वाले दिनों में ग्रामीण क्षेत्रों में भी ऐसे मॉक ड्रिल का आयोजन किया जाएगा ताकि आम नागरिकों को भी आपदा की स्थिति में क्या करना है, इसकी जागरूकता दी जा सके। खासकर विद्यालयों, बाजारों और संवेदनशील इलाकों में प्रशिक्षण और जागरूकता अभियान चलाने की योजना है।

यदि आप उत्तराखंड के पहाड़ी या आपदा संभावित क्षेत्र में रहते हैं, तो अपने नजदीकी पुलिस स्टेशन या आपदा प्रबंधन कार्यालय से आपदा बचाव उपकरण और प्राथमिक प्रशिक्षण की जानकारी अवश्य लें। सतर्क रहें, सुरक्षित रहें और मॉक ड्रिल में भाग लेकर खुद को तैयार करें।

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By Aman

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