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हरिद्वार, — स्वच्छता को लेकर हरिद्वार जिला प्रशासन ने एक बार फिर सक्रियता दिखाई है। मुख्य विकास अधिकारी महोदया की अध्यक्षता में जनपद के छह विकासखंडों की 30 ग्राम पंचायतों के प्रधानों के साथ एक अहम बैठक आयोजित की गई, जिसका उद्देश्य था “स्वच्छता की निरंतरता” सुनिश्चित करना और ग्रामीण स्तर पर सतत ठोस अपशिष्ट प्रबंधन को क्रियान्वित करना।

बैठक में स्वच्छता को लेकर ज़मीनी कार्ययोजना पर चर्चा की गई और कुछ ठोस व क्रियाशील निर्णय लिए गए, जिनका उद्देश्य ग्राम स्तर पर स्थायी कचरा प्रबंधन प्रणाली स्थापित करना है।
बैठक के मुख्य बिंदु और निर्णय
बैठक में निम्नलिखित महत्वपूर्ण बिंदुओं पर विस्तार से चर्चा हुई और पंचायतों को इनका अनुपालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए:

1. यूजर चार्ज की 100% वसूली प्रत्येक ग्राम पंचायत को निर्देशित किया गया कि सभी परिवारों से यूजर चार्ज अनिवार्य रूप से वसूला जाए, ताकि कूड़ा संग्रहण प्रणाली के लिए स्थानीय स्रोतों से वित्तीय सहायता उपलब्ध हो सके।
2. स्रोत पर कूड़े का पृथकीकरणहर परिवार को प्रेरित किया जाएगा कि वे अपने घर पर ही कूड़े का गीला व सूखा पृथकीकरण करें। यह कदम प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट यूनिट को प्रभावी बनाने में सहायक होगा।
3. कूड़ा एकत्रीकरण हेतु स्थान का चिन्हांकनसमस्त एडीओ पंचायत को निर्देशित किया गया कि वे प्रत्येक ग्राम पंचायत में स्थायी कूड़ा संग्रहण स्थल चिन्हित करें, जिससे गांवों में बेतरतीब कूड़ा फेंकने की प्रवृत्ति रोकी जा सके।
4. ग्राम स्वच्छता निधि खाताग्राम पंचायतों को सुझाव दिया गया कि यूजर चार्ज से एकत्र धनराशि के लेखा-जोखा हेतु “ग्राम स्वच्छता निधि” के नाम से एक अलग बैंक खाता खोला जाए।
5. सूखे कूड़े का रोस्टर वाइज निस्तारणप्रत्येक पंचायत में एकत्रित सूखे कचरे को रोस्टर के अनुसार विकासखंड कार्यालय की निगरानी में प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट यूनिट तक पहुंचाया जाएगा।
6. Belda मॉडल के आधार पर डोर टू डोर कलेक्शन
बैठक में Belda मॉडल का उदाहरण देते हुए सभी ग्राम पंचायतों को प्रेरित किया गया कि वे स्वयं सहायता समूहों (SHG) के सहयोग से डोर टू डोर कूड़ा संग्रहण प्रणाली लागू करें।
बैठक में उपस्थित अधिकारीगण
बैठक में कई विभागीय अधिकारीगण मौजूद रहे, जिनमें प्रमुख नाम इस प्रकार हैं:के.एन. तिवारी – परियोजना निदेशक / प्रबंधक, DRDAअतुल प्रताप सिंह – जिला पंचायत राज अधिकारीए.एम.ए. – जिला पंचायत समस्त विकासखंडों के खंड विकास अधिकारी (BDO)SBM (स्वच्छ भारत मिशन) के नोडल अधिकारी गणसंबंधित BMM और टेक्निकल स्टाफइन सभी अधिकारियों ने अपने-अपने क्षेत्रीय अनुभव साझा करते हुए, ग्राम प्रधानों को तकनीकी सहायता और प्रशासनिक सहयोग प्रदान करने का आश्वासन दिया।
हरिद्वार जनपद में आयोजित यह बैठक दर्शाती है कि प्रशासन गांवों को स्वच्छ और स्वस्थ बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। पंचायत स्तर पर कचरा प्रबंधन की यह नीति न केवल पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देगी बल्कि ग्रामीण रोजगार, महिला सशक्तिकरण और जनजागरूकता को भी मजबूती देगी। बेल्डा मॉडल के क्रियान्वयन से ग्रामीण क्षेत्रों में डोर-टू-डोर कलेक्शन एक व्यवहारिक व सफल प्रयोग साबित हो सकता है।
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