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नई टिहरी/पौड़ी। राज्य में बिजली के निजीकरण और स्मार्ट मीटर लगाए जाने के खिलाफ जनाक्रोश बढ़ता जा रहा है। मंगलवार को मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा), आम आदमी पार्टी, उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी और नागरिक कल्याण मंच समेत कई संगठनों ने राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने ऊर्जा निगम कार्यालयों पर धरना देकर ज्ञापन सौंपा और सरकार को चेतावनी दी कि यदि निजीकरण पर रोक नहीं लगाई गई, तो जनता के साथ मिलकर उग्र आंदोलन किया जाएगा।
नई टिहरी में ऊर्जा निगम कार्यालय पर प्रदर्शन
माकपा कार्यकर्ताओं ने नई टिहरी में ऊर्जा निगम कार्यालय पर जोरदार प्रदर्शन किया। पार्टी के जिला सचिव भगवान सिंह राणा ने कहा कि सरकार बिजली के निजीकरण को चोर दरवाजे से लागू करने की साजिश कर रही है, जिसका सबसे बड़ा खामियाजा गरीब, किसान और मजदूरों को उठाना पड़ेगा।

उन्होंने स्मार्ट मीटर योजना को सरकार की मुनाफाखोरी नीति करार देते हुए कहा कि पहले मोबाइल और सिम मुफ्त बांटे गए, फिर उन्हीं कंपनियों ने महंगे टैरिफ वसूले। अब सरकार बिजली और संचार क्षेत्र में रिलायंस, अडानी और टाटा ग्रुप को फायदा पहुंचाने के लिए जनता पर बोझ डाल रही है।
पौड़ी में विभिन्न संगठनों का विरोध, महंगे बिजली बिलों का आरोप
पौड़ी में सीपीएम, आम आदमी पार्टी, उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी और नागरिक कल्याण मंच ने विद्युत वितरण खंड कार्यालय में प्रदर्शन किया और एसडीओ के माध्यम से मुख्य महाप्रबंधक को ज्ञापन सौंपा। संगठनों ने आरोप लगाया कि बिजली बोर्ड के निजीकरण से लाखों कर्मचारियों की नौकरियां खतरे में पड़ जाएंगी और बिजली महंगी हो जाएगी।

प्रदर्शनकारियों ने कहा कि बिजली बिल पांच बार लोकसभा में लाया गया, लेकिन भारी विरोध के कारण पारित नहीं हो सका। स्मार्ट मीटर लगाए जाने से बीपीएल परिवारों, भूतपूर्व सैनिकों, किसानों और लघु उद्योगों को मिलने वाली बिजली सब्सिडी में कटौती होगी।

सीटू के जिलामंत्री देवानंद नौटियाल ने कहा कि संविदा कर्मचारियों को कम वेतन में ज्यादा काम करना पड़ेगा और स्थायी रोजगार समाप्त हो जाएगा।
स्मार्ट मीटर के खिलाफ आंदोलन तेज करने की चेतावनी

माकपा ने साफ कहा कि यदि सरकार ने निजीकरण की नीति वापस नहीं ली, तो जनता के साथ मिलकर राज्यव्यापी आंदोलन किया जाएगा। प्रदर्शन में भगवान सिंह राणा, जय सिंह राणा, कृपा सिंह कठैत, सफर सिंह नेगी, जबर सिंह नेगी, सुरेंद्र सिंह रावत, नरेश नौटियाल, रघुवीर सिंह रावत, ठाकुर सिंह और शिवप्रसाद रतूड़ी समेत कई नेता शामिल रहे।
“क्या आप स्मार्ट मीटर और बिजली निजीकरण के पक्ष में हैं या विरोध में? अपनी राय कमेंट में दें !”
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