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Haridwar News: हरिद्वार सीसीआर में हुई मेयर और पार्षदों की बैठक हंगामे की भेंट चढ़ गई। बैठक का उद्देश्य शहर के विकास से जुड़े विभिन्न प्रस्तावों पर चर्चा करना था, लेकिन पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी नोकझोंक के चलते कोई भी प्रस्ताव पारित नहीं हो सका।
बैठक में हरिद्वार जिले के सभी पार्षद अपने-अपने क्षेत्र के विकास कार्यों को लेकर पहुंचे थे। मेयर द्वारा बुलाई गई इस महत्वपूर्ण बैठक में उम्मीद थी कि कई अहम प्रस्तावों पर चर्चा होगी, लेकिन पक्ष और विपक्ष के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला तेज हो गया। विपक्ष का कहना था कि सत्ताधारी पक्ष ने बिना किसी चर्चा के अपने प्रस्तावों को पास करने की कोशिश की, जबकि उनकी किसी भी बात को सुना तक नहीं गया।
विपक्ष का बयान
विपक्ष ने बैठक में तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “सत्ताधारी पक्ष ने बिना किसी प्रस्ताव पर मतदान कराए अपने फैसले को थोपने का प्रयास किया। जब हमने इस पर आपत्ति जताई तो हमारी बात को पूरी तरह नजरअंदाज कर दिया गया। हम चाहते थे कि सभी प्रस्तावों पर खुली चर्चा हो, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।”

बैठक के दौरान बढ़ते तनाव को देखते हुए आखिरकार इसे बीच में ही समाप्त कर दिया गया। विपक्ष का यह भी कहना था कि हरिद्वार से जुड़े मामलों पर स्थानीय पार्षदों की राय को पूरी तरह दरकिनार कर दिया गया, जिससे विकास कार्यों को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है।
इस हंगामे के बाद अब यह देखना दिलचस्प होगा कि प्रशासन इस स्थिति से निपटने के लिए क्या कदम उठाता है और क्या भविष्य में ऐसी बैठकों में पारदर्शिता और सौहार्द बनाए रखने के लिए कोई ठोस पहल की जाएगी।
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