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हरिद्वार: बीते मंगलवार को श्यामपुर पुलिस द्वारा चेकिंग के दौरान अजय पुत्र टीकाराम निवासी ग्राम मीठीबेरी, लालढांग, थाना श्यामपुर, जनपद हरिद्वार को 171 ग्राम चरस के साथ गिरफ्तार किया गया था। गिरफ्तार किए गए युवक को मेडिकल करवाने के बाद कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया।
गिरफ्तारी के बाद युवक अजय ने पुलिस पूछताछ में लगातार खुद को निर्दोष बताया और कहा कि उसे साजिश के तहत फंसाया गया है। पुलिस ने उसकी बातों की सत्यता जानने के लिए मामले की गहराई से जांच शुरू की। जब पुलिस ने विभिन्न एंगल से जांच की, तो अजय द्वारा दिए गए बयान में सच्चाई दिखने लगी।
एसएसपी के निर्देश पर गहराई से जांच शुरू
मामले की गंभीरता को देखते हुए एसएसपी प्रमेन्द्र सिंह डोबाल ने इस घटना का संज्ञान लिया। चूंकि युवक एक बीएससी छात्र था और उसका भविष्य इस झूठे मामले के कारण बर्बाद हो सकता था, एसएसपी ने एसपी सिटी पंकज गैरोला और थानाध्यक्ष नितेश शर्मा को निर्देश दिया कि मामले की जांच गहराई से की जाए। उन्होंने नियमित रूप से जांच की प्रगति की जानकारी भी ली।
सीसीटीवी फुटेज से खुला राज
जांच के दौरान पुलिस ने पाया कि घटना के दिन अजय अपने कॉलेज कुंवर प्रभा पीजी कॉलेज से पेपर देकर घर लौट रहा था। पुलिस ने कॉलेज और आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगाले। इन फुटेज में दो अज्ञात व्यक्ति अजय की बाइक में चोरी-छिपे चरस रखते हुए दिखे। यह सबूत पुलिस के लिए निर्णायक साबित हुआ।
पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज को क्षेत्र के मुखबिरों को दिखाया और गहन प्रयास के बाद असली गुनहगारों की पहचान की।
मामले का मास्टरमाइंड गिरफ्तार
जांच के दौरान पुलिस ने पाया कि घटना के पीछे अनूप गुप्ता पुत्र नरेश गुप्ता, निवासी लालढांग, थाना श्यामपुर का हाथ था। पुलिस ने अनूप गुप्ता को हिरासत में लेकर सख्ती से पूछताछ की, जिसके बाद पूरा सच सामने आया।
साजिश का खुलासा
पूछताछ में अनूप गुप्ता ने स्वीकार किया कि उसने अजय को साजिश के तहत फंसाया था। अनूप की बेटी और अजय के बीच प्रेम संबंध थे, जो अनूप को स्वीकार नहीं थे। इस कारण अनूप ने अपने एक साथी की मदद से अजय की मोटरसाइकिल में चोरी-छिपे चरस रख दी और उसे फंसाने के लिए पुलिस को सूचना दी।
असली गुनहगार पर कार्रवाई
मामले की जांच में सीसीटीवी फुटेज, गवाहों के बयान और अन्य साक्ष्यों के आधार पर पुलिस ने अजय को निर्दोष साबित किया।
अनूप गुप्ता को 9 जनवरी 2024 को पुलिस ने गिरफ्तार किया।
अजय के खिलाफ दर्ज NDPS का मामला बंद कर दिया गया और उसका नाम विवेचना से हटा दिया गया।मामले में अनूप गुप्ता को मुख्य आरोपी बनाते हुए उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर न्यायालय में पेश किया गया।
पुलिस की सराहना
श्यामपुर पुलिस द्वारा महज 48 घंटों में पूरे मामले का खुलासा करने और एक निर्दोष छात्र का भविष्य बचाने के लिए स्थानीय जनता और पीड़ित परिवार ने एसएसपी प्रमेन्द्र सिंह डोबाल और पुलिस टीम की सराहना की।
यह मामला पुलिस की सतर्कता, सही जांच प्रक्रिया और न्यायप्रियता का उत्कृष्ट उदाहरण है। इस घटना ने यह संदेश दिया है कि सत्य कभी छिपाया नहीं जा सकता, और न्याय के लिए मेहनत करना आवश्यक है।