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हरिद्वार : ज्वालापुर, 26 दिसंबर 2024
चीनी मांझा: हरिद्वार ज्वालापुर में बढ़ता खतरा,चाइनीज मांझे का खतरनाक इस्तेमाल एक बार फिर गंभीर हादसे की वजह बना। ज्वालापुर के कटहरा बाजार में स्कूल जा रहे एक बच्चे की गर्दन पर चाइनीज मांझा लगने से गहरा घाव हो गया। घायल बच्चे को स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टरों ने समय रहते उसकी स्थिति को संभाल लिया।
हर साल सैकड़ों जानवर और पक्षी होते हैं शिकार
चाइनीज मांझे का प्रचलन हर साल सैकड़ों हादसों का कारण बनता है। पतंगबाजी के दौरान तेज धार वाले इस मांझे से इंसान और पक्षी बुरी तरह घायल हो जाते हैं। मांझे में फंसकर कई पक्षियों की जान चली जाती है, और पेड़ों या बिजली की तारों पर फंसा मांझा पर्यावरण के लिए भी नुकसानदायक साबित होता है।
खतरनाक चाइनीज मांझे की विशेषताएं
तेज धार: मांझे पर प्लास्टिक और धातु का लेप होने के कारण यह बेहद धारदार होता है।
लचीलापन: यह आसानी से टूटता नहीं, जिससे लोगों और पक्षियों को ज्यादा चोट पहुंचती है।
पर्यावरणीय खतरा: प्लास्टिक कोटिंग होने के कारण यह जल्दी नष्ट नहीं होता, जिससे कचरा बढ़ता है।
घटनाओं का बढ़ता आंकड़ा
इंसानी चोटें: हर साल सैकड़ों लोग, खासकर बाइक सवार, इस मांझे से घायल होते हैं।
पक्षियों की मौत: मांझे में फंसकर सैकड़ों पक्षी अपनी जान गंवाते हैं।
सामाजिक खतरा: सार्वजनिक स्थानों पर इसका अवैध उपयोग लोगों के लिए परेशानी का कारण बनता है।
सरकार और प्रशासन के लिए चुनौती
चाइनीज मांझे की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने के बावजूद बाजार में यह खुलेआम बिकता है।
प्रशासनिक कार्रवाई और कड़े कदमों के अभाव में यह समस्या दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है।
समाधान की दिशा में प्रयास
1. सख्त प्रतिबंध: चाइनीज मांझे की बिक्री और उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध लागू हो।
2. जागरूकता अभियान: लोगों को चाइनीज मांझे के खतरों के प्रति जागरूक किया जाए।
3. पारंपरिक विकल्प: पर्यावरण के अनुकूल और सुरक्षित मांझे को बढ़ावा दिया जाए।
4. कानूनी कार्रवाई: अवैध विक्रेताओं पर सख्त जुर्माना लगाया जाए।
निष्कर्ष:
चाइनीज मांझे का खतरनाक इस्तेमाल इंसानों और जानवरों की सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा है। समय रहते इस पर कड़ी कार्रवाई नहीं की गई तो भविष्य में इसके और गंभीर परिणाम सामने आ सकते हैं। सरकार और समाज को मिलकर इस समस्या के समाधान की दिशा में ठोस कदम उठाने की जरूरत है।