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रिपोर्टर (सचिन शर्मा)
हरिद्वार की ऐतिहासिक और धार्मिक धरोहर भीमगौड़ा कुण्ड के सौंदर्यकरण और पुनर्विकास की दिशा में बड़ा कदम उठाया गया है। जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने बुधवार को स्थल का गहन निरीक्षण करते हुए संबंधित अधिकारियों को सौंदर्यकरण, सफाई व्यवस्था और श्रद्धालुओं की सुविधा से जुड़ी कार्ययोजनाएँ तत्काल तैयार करने के निर्देश दिए।
महाभारत काल से जुड़ा पवित्र स्थल
भीमगौड़ा कुण्ड हरिद्वार का एक पौराणिक स्थल है, जिसका उल्लेख स्थानीय किंवदंतियों में महाभारत काल से किया जाता है। कहा जाता है कि जब पांडव स्वर्गारोहण मार्ग पर थे, तब भीम ने अपनी गदा से ज़मीन पर प्रहार कर यहां से जलधारा प्रवाहित की थी। तभी से यह कुण्ड श्रद्धालुओं के लिए आस्था का प्रतीक बना हुआ है। हर साल लाखों तीर्थयात्री गंगा स्नान के बाद इस स्थल पर दर्शन के लिए पहुंचते हैं।

जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने बुधवार को भीमगौड़ा कुण्ड परिसर का निरीक्षण करते हुए कहा कि यह स्थल न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह हरिद्वार के सांस्कृतिक पर्यटन की पहचान भी है। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि—
भीमगौड़ा कुण्ड का सौंदर्यकरण ऐसा हो जो इसकी धार्मिक और ऐतिहासिक गरिमा के अनुरूप हो। आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा, सुरक्षा और स्वच्छता को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए।”
उन्होंने हरिद्वार-रुड़की विकास प्राधिकरण (HRDA) के सचिव मनीष सिंह को प्रभावी सौंदर्यकरण कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए।
अतिक्रमण और अवैध होर्डिंग्स हटाने के आदेश
निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने नगर निगम अधिकारियों को निर्देश दिया कि कुण्ड परिसर और उसके आसपास से सभी अतिक्रमण, अवैध पोस्टर-बैनर और हॉर्डिंग्स तत्काल हटाए जाएँ।
उन्होंने कहा कि श्रद्धालुओं को सुगम आवागमन की सुविधा मिलनी चाहिए और सफाई व्यवस्था में स्थायी सुधार किया जाए। साथ ही, उन्होंने कुण्ड में पानी की निरंतर उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए माँ गंगा से आने वाले जल नाले का निरीक्षण किया और जलापूर्ति व्यवस्था को मजबूत करने के निर्देश दिए।
निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने स्थानीय नागरिकों और पार्षद सुमित चौधरी सहित जनप्रतिनिधियों से भी संवाद किया।
उन्होंने क्षेत्र के विकास से जुड़ी समस्याएँ सुनीं और कहा कि प्रशासन धार्मिक भावनाओं के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण को भी ध्यान में रखकर योजनाएँ बनाएगा।
यह स्थल हरिद्वार की पहचान है। यहाँ आने वाले तीर्थयात्रियों को स्वच्छ, सुंदर और व्यवस्थित वातावरण मिलना चाहिए।”
भीमगौड़ा कुण्ड का विकास न केवल श्रद्धालुओं के अनुभव को बेहतर बनाएगा, बल्कि इससे स्थानीय व्यापारियों, दुकानदारों और गाइड्स की आय में भी वृद्धि होने की उम्मीद है।
हरिद्वार में धार्मिक पर्यटन सालाना करोड़ों की आमदनी का स्रोत है। के अनुसार, हर साल यहां लगभग 35–40 लाख श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं, जिनमें से एक बड़ा हिस्सा भीमगौड़ा क्षेत्र का रुख करता है।

हरिद्वार की धरोहर को नया जीवन
भीमगौड़ा कुण्ड का सौंदर्यकरण हरिद्वार के धार्मिक पर्यटन के लिए मील का पत्थर साबित हो सकता है।
जिलाधिकारी के सख्त निर्देशों के बाद प्रशासनिक मशीनरी सक्रिय हो चुकी है।
स्थानीय जनता और श्रद्धालु भी अब उम्मीद कर रहे हैं कि आने वाले महीनों में यह स्थल अपने पौराणिक गौरव और प्राकृतिक सौंदर्य के साथ एक बार फिर नई पहचान बनाएगा।
इससे पहले भी नगर निगम द्वारा कुण्ड की सीमाओं की मरम्मत और दीवारों की पेंटिंग कराई गई थी, परंतु नियमित रखरखाव की कमी के कारण स्थिति दोबारा बिगड़ गई थी।
अब जिला प्रशासन के नए निर्देशों से उम्मीद है कि यह स्थल फिर से अपनी प्राचीन गरिमा प्राप्त करेगा। अधिकारियों के अनुसार, आने वाले समय में यहाँ सौर ऊर्जा आधारित लाइटें, वेस्ट मैनेजमेंट सिस्टम और श्रद्धालु सहायता केंद्र भी स्थापित किए जा सकते हैं। हालाँकि, अतिक्रमण और अंधाधुंध व्यावसायिक गतिविधियाँ अभी भी प्रमुख चुनौती बनी हुई हैं।
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