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उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खण्डूड़ी भूषण ने भराड़ीसैंण स्थित विधानसभा भवन में “स्थायी रोजगार सृजन – विकसित उत्तराखंड का आधार” विषय पर दो दिवसीय संगोष्ठी का शुभारंभ किया। इस पहल का उद्देश्य प्रदेश के युवाओं को रोजगार सृजन और उद्यमिता के नए अवसरों से जोड़ना है।
उत्तराखंड के युवा और रोजगार का मुद्दा
उत्तराखंड जैसे नवोदित राज्य के सामने सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक युवाओं के लिए स्थायी रोजगार सृजन की रही है। पलायन और सीमित अवसरों के बीच राज्य सरकार और विभिन्न संस्थाएं समय-समय पर स्वरोजगार को प्रोत्साहन देने के प्रयास करती रही हैं। विधानसभा अध्यक्ष की यह पहल इसी दिशा में एक ठोस कदम मानी जा रही है।
भराड़ीसैंण में हुआ दो दिवसीय आयोजन
भराड़ीसैंण (गैरसैंण) स्थित विधानसभा भवन में अंतरराष्ट्रीय संसदीय अध्ययन, शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान के तत्वाधान में आयोजित दो दिवसीय संगोष्ठी की शुरुआत दीप प्रज्वलन और सरस्वती वंदना से हुई।
लोक कलाकार हरीश भारती द्वारा प्रस्तुत मुखौटा नृत्य ने कार्यक्रम में सांस्कृतिक रंग भर दिए।
कार्यक्रम में कोटद्वार, गैरसैंण और कर्णप्रयाग महाविद्यालयों के छात्रों ने “मेरे सपनों का उत्तराखंड” विषय पर विचार रखे। युवाओं ने आत्मविश्वास के साथ प्रदेश के भविष्य के लिए अपनी दृष्टि साझा की।
पर्यटन क्षेत्र में रोजगार के अवसर
यमकेश्वर के अनूप देवरानी, कोटद्वार के राजीव बिष्ट, ऋषिकेश की मंजू शर्मा और चकराता के अंकित तोमर ने बताया कि पर्यटन अब रोजगार सृजन का सबसे बड़ा स्तंभ बन रहा है।
उन्होंने कहा कि होमस्टे, गाइडिंग और रिसॉर्ट संचालन के क्षेत्र में उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में युवाओं के लिए अपार संभावनाएँ हैं।
उद्योग और व्यवसाय से जुड़े अवसर
रानीखेत की चयनिका बिष्ट, देहरादून के कर्नल विकास गुसाईं, रुद्रप्रयाग के दीपक सिंह और शौर्य बिष्ट ने साझा किया कि छोटे स्तर पर उद्योग आधारित स्वरोजगार तेजी से लोकप्रिय हो रहा है।
कर्नल गुसाईं ने महिला स्वयं सहायता समूहों को आर्थिक आत्मनिर्भरता का आधार बताया।
कला और संस्कृति का विस्तार
लोक कलाकार हरीश भारती, शिल्पकार दर्शन लाल और चित्रकार मुकुल बड़ूनी ने बताया कि डिजिटल माध्यमों और पर्यटन के विकास ने सांस्कृतिक कला को भी स्थायी रोजगार का नया रास्ता दिया है।
अध्यक्ष ऋतु खण्डूड़ी भूषण का वक्तव्य
विधानसभा अध्यक्ष श्रीमती ऋतु खण्डूड़ी भूषण ने कहा,
“यह संगोष्ठी युवाओं को रोजगार मांगने के बजाय रोजगार सृजन की दिशा में प्रेरित करने का प्रयास है। हमारा उद्देश्य है कि हर युवा अपने क्षेत्र में अवसर तलाशे और विकसित उत्तराखंड के निर्माण में योगदान दे।”
उन्होंने आगे कहा कि यह पहल युवाओं को नेटवर्किंग, सीख और मार्गदर्शन के लिए मंच प्रदान करेगी।
युवाओं में बढ़ा आत्मविश्वास
कार्यक्रम में शामिल सैकड़ों छात्र-छात्राओं ने संगोष्ठी से प्रेरित होकर स्वरोजगार अपनाने का संकल्प लिया।
स्थानीय कॉलेजों के शिक्षक और प्रतिभागियों का कहना है कि ऐसे आयोजन ग्रामीण युवाओं को दिशा और प्रोत्साहन देते हैं, जिससे पलायन पर भी रोक लग सकती है।
पहले की पहल से आगे बढ़ा कदम
बीते कुछ वर्षों में उत्तराखंड में होमस्टे नीति और स्टार्टअप कार्यक्रमों के तहत हजारों युवाओं ने रोजगार पाया है।
यह संगोष्ठी इन प्रयासों को संस्थागत स्वरूप देने की दिशा में एक बड़ा कदम मानी जा रही है।
युवाओं के सपनों को पंख देने की पहल
संगोष्ठी में उपस्थित वक्ताओं और छात्रों ने इसे एक सकारात्मक और प्रेरक पहल बताया।
राज्य स्थापना की रजत जयंती के अवसर पर इस तरह के आयोजन से उत्तराखंड के युवाओं में नया जोश और आत्मविश्वास देखने को मिला।
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