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महाराष्ट्र के बुलढाना जिले से एक रोंगटे खड़े कर देने वाली घटना सामने आई है। पारिवारिक विवाद के बाद एक पिता ने अपनी ढाई साल की जुड़वां बेटियों की जंगल में ले जाकर निर्मम हत्या कर दी। आरोपी ने कुछ दिनों बाद थाने में पहुंचकर खुद अपराध कबूल किया, जिससे पूरा इलाका सन्न रह गया।
घरेलू विवाद बना दर्दनाक हादसे की वजह
घरेलू झगड़े कई बार ऐसी त्रासदी में बदल जाते हैं, जिसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती। बुलढाना की यह घटना भी उसी दर्दनाक उदाहरण में शामिल हो गई है।
जानकारी के मुताबिक, आरोपी राहुल चव्हाण और उसकी पत्नी के बीच पिछले कुछ समय से मतभेद चल रहे थे। 21 अक्टूबर को दोनों अपनी दो जुड़वां बेटियों के साथ वाशिम जिले के मानोरा तहसील स्थित अपने गांव रुईगोस्ता जा रहे थे। इसी दौरान दोनों के बीच किसी बात पर बहस हुई, जिसके बाद पत्नी बीच रास्ते में ही बाइक से उतरकर मायके की ओर चली गई।
यही पल आगे चलकर दो मासूम जिंदगियों के लिए आखिरी साबित हुआ।
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, देश में पिछले कुछ वर्षों में घरेलू विवादों से जुड़े हत्या के मामलों में लगातार वृद्धि दर्ज की गई है।
विशेष रूप से ग्रामीण इलाकों में ऐसे मामले तेजी से बढ़े हैं, जहाँ पारिवारिक संवाद की कमी और मानसिक स्वास्थ्य सहायता के अभाव में हिंसा का रूप सामने आता है।
विशेषज्ञों का कहना है कि समय रहते संवाद, काउंसलिंग और सामाजिक हस्तक्षेप से ऐसे हादसे रोके जा सकते हैं।
जंगल में ले जाकर किया दो मासूमों का कत्ल
पत्नी के जाने के बाद राहुल अपनी बेटियों को लेकर आगे बढ़ गया और अंढेरा गांव के पास जंगल में बाइक रोक दी।
पुलिस के मुताबिक, इसी जंगल में उसने गुस्से और अवसाद में आकर अपनी जुड़वां बेटियों की गला काटकर हत्या कर दी।
हत्या के बाद आरोपी बिना किसी पछतावे के अपने गांव रुईगोस्ता लौट आया।
यह घटना 21 अक्टूबर की बताई जा रही है, जबकि आरोपी ने 26 अक्टूबर से पहले, शनिवार को, आसेगांव पुलिस स्टेशन जाकर खुद अपने अपराध की स्वीकारोक्ति की।
पुलिस ने आरोपी को हिरासत में लेकर घटनास्थल की जांच की, जहाँ से दोनों बच्चियों के शव बरामद किए गए। शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है।
अंढेरा और आसपास के गांवों में इस घटना के बाद शोक और आक्रोश का माहौल है।
लोग इस निर्मम कृत्य से स्तब्ध हैं और आरोपी को कठोर सजा देने की मांग कर रहे हैं।
स्थानीय सामाजिक संगठनों ने प्रशासन से मांग की है कि परिवारिक विवादों में इस तरह की त्रासदी से बचने के लिए काउंसलिंग और मानसिक स्वास्थ्य सहायता केंद्रों को मजबूत किया जाए।
स्कूलों और पंचायत स्तर पर पारिवारिक तनाव निवारण कार्यक्रम शुरू करने की भी जरूरत महसूस की जा रही है।
बुलढाना की यह घटना एक भयावह चेतावनी है कि गुस्सा और तनाव इंसान को किस हद तक ले जा सकता है।
पारिवारिक विवाद चाहे जितना भी गंभीर हो, उसकी कीमत निर्दोष बच्चों को नहीं चुकानी चाहिए।
प्रशासन को ऐसे मामलों में जागरूकता अभियान चलाने और समाज को मानसिक स्वास्थ्य के प्रति सजग करने की आवश्यकता है।
आसेगांव पुलिस स्टेशन के अधिकारी के अनुसार,
आरोपी ने स्वेच्छा से थाने पहुंचकर अपनी दोनों बेटियों की हत्या करने की बात स्वीकार की। उसकी निशानदेही पर अंढेरा गांव के जंगल से दोनों बच्चियों के शव बरामद किए गए हैं। फिलहाल आरोपी को गिरफ्तार कर हत्या के मामले में आगे की कानूनी कार्रवाई की जा रही है।”
पुलिस ने बताया कि मानसिक रूप से अस्थिर या तनावग्रस्त स्थिति में अपराध किया गया है या नहीं, इसकी जांच मेडिकल रिपोर्ट के बाद ही साफ होगी।
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