रिपोर्ट जतिन
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देहरादून के पुलिस लाइन में आयोजित पुलिस स्मृति दिवस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शहीद पुलिस जवानों को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने उत्तराखंड पुलिस के कल्याण के लिए कई अहम घोषणाएँ कीं, जिनमें रजत जयंती पदक, आवास निर्माण और कल्याण निधि में वृद्धि शामिल है।
शौर्य और समर्पण का प्रतीक—पुलिस स्मृति दिवस
हर साल 21 अक्टूबर को देशभर में पुलिस स्मृति दिवस मनाया जाता है, ताकि उन वीर जवानों को याद किया जा सके जिन्होंने देश की आंतरिक सुरक्षा और कानून-व्यवस्था के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया। इस दिन देशभर के पुलिस बल अपने शहीद साथियों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।
उत्तराखंड जैसे संवेदनशील पर्वतीय राज्य में पुलिस न केवल अपराध नियंत्रण बल्कि प्राकृतिक आपदाओं और धार्मिक यात्राओं की सुरक्षा में भी अहम भूमिका निभाती है।
सीएम धामी ने की कई बड़ी घोषणाएँ

मंगलवार को देहरादून पुलिस लाइन में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पुलिस एवं अर्द्धसैनिक बलों के शहीदों को श्रद्धासुमन अर्पित किए और उनके परिजनों को सम्मानित किया।
मुख्यमंत्री ने राज्य स्थापना की 25वीं वर्षगांठ के अवसर पर उत्तराखंड पुलिस के सभी कर्मियों को “विशेष रजत जयंती पदक” देने की घोषणा की।
इसके अलावा उन्होंने कहा—
- आगामी तीन वर्षों तक प्रतिवर्ष 100 करोड़ रुपये पुलिस आवास निर्माण हेतु दिए जाएंगे।
- पुलिस कल्याण निधि को बढ़ाकर 4.5 करोड़ रुपये किया जाएगा।
- एसडीआरएफ के लिए कई जिलों में नई बैरकें बनाई जाएँगी।
सीएम ने कहा कि बीते एक वर्ष में देशभर में 186 पुलिस एवं अर्द्धसैनिक बलों के जवानों ने शहादत दी, जिनमें उत्तराखंड पुलिस के 4 सपूत भी शामिल हैं।
“वीरता और समर्पण पुलिस बल की पहचान”
मुख्यमंत्री धामी ने कहा—
“राज्य सरकार पुलिस बल के कल्याण और सशक्तिकरण के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। पुलिसकर्मियों के आवास, प्रशिक्षण और तकनीकी दक्षता में निरंतर सुधार किया जा रहा है।”
उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने पिछले तीन वर्षों में पुलिस भवनों के निर्माण के लिए 500 करोड़ रुपये प्रदान किए हैं, और 688 आवासीय भवनों का निर्माण प्रगति पर है।
इसके साथ ही, पुलिस कर्मियों के लिए कैशलैस चिकित्सा सुविधा, ऑनलाइन वेतन-भत्ते प्रक्रिया, और स्मार्ट पुलिसिंग के तहत आधुनिक संसाधन उपलब्ध कराए गए हैं।
आधुनिक और सक्षम पुलिस की दिशा में कदम
सीएम की घोषणाओं से पुलिस बल में उत्साह का माहौल देखा गया। इससे न केवल कर्मियों के मनोबल में वृद्धि होगी, बल्कि आम जनता की सुरक्षा और कानून-व्यवस्था पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
महिला सुरक्षा के तहत प्रत्येक थाने में महिला हेल्प डेस्क और QRT यूनिट्स का गठन किया गया है।
पुलिस विभाग में 222 उप निरीक्षक और 2000 सिपाहियों की भर्ती भी प्रक्रिया में है, जिससे सुरक्षा ढांचे को और मजबूती मिलेगी।
साइबर अपराध और नशे के खिलाफ पुलिस की बड़ी कामयाबी

मुख्यमंत्री ने बताया कि आधुनिक अपराधों के खिलाफ पुलिस ने अभूतपूर्व सफलता हासिल की है।
- एंटी नारकोटिक फोर्स ने पिछले तीन वर्षों में 6199 नशे के सौदागरों को पकड़ा है।
- करीब ₹275 करोड़ मूल्य के मादक पदार्थ बरामद किए गए।
- साइबर फ्रॉड के मामलों में ₹63 करोड़ से अधिक की राशि पीड़ितों को लौटाई गई।
यह उपलब्धियाँ उत्तराखंड पुलिस की तकनीकी दक्षता और जनता के प्रति जिम्मेदारी को दर्शाती हैं।
आपदा और यात्रा प्रबंधन में उदाहरण बनी उत्तराखंड पुलिस

मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस ने कांवड़ यात्रा में 4 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं और चारधाम यात्रा में 50 लाख भक्तों की सुरक्षा सुनिश्चित की।
आपदा प्रबंधन में भी पुलिस की त्वरित कार्रवाई से अनेक लोगों की जानें बचाई गईं।
“वीर जवानों की वीरता ही हमारी प्रेरणा है”
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा स्थापित राष्ट्रीय पुलिस स्मारक आने वाली पीढ़ियों को जवानों की वीरता की याद दिलाता रहेगा।
उन्होंने पुलिस अधिकारियों से आग्रह किया कि जवानों के मानसिक स्वास्थ्य और तनाव प्रबंधन के लिए समय-समय पर कार्यक्रम आयोजित करें।
सीएम ने कहा कि राज्य सरकार पुलिस बल को “सशक्त, तकनीकी रूप से सक्षम और जनहितैषी” बनाने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है।
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