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देहरादून । उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में शुक्रवार को सचिवालय, देहरादून में राज्य स्तरीय दिशा समिति की पहली बैठक आयोजित की गई। इस महत्वपूर्ण बैठक में केंद्र और राज्य सरकार की विभिन्न महत्वाकांक्षी योजनाओं की प्रगति की विस्तृत समीक्षा की गई। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि योजनाओं के क्रियान्वयन में पारदर्शिता, जवाबदेही और विभागों के बीच आपसी समन्वय को प्राथमिकता दी जानी चाहिए ताकि अधिक से अधिक लोग जल्द से जल्द इनका लाभ उठा सकें।
बैठक के दौरान कृषि, ग्रामीण विकास, शहरी विकास, स्वास्थ्य, शिक्षा, महिला एवं बाल विकास, रोजगार, सामाजिक सुरक्षा, डिजिटल प्रौद्योगिकी, पर्यावरण और खेल से संबंधित योजनाओं पर गहन चर्चा की गई। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि विकास योजनाओं की गति को तेज़ किया जाए और प्रत्येक परियोजना समय पर पूरी हो। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड को देश के अग्रणी राज्यों में शामिल करने के लिए ठोस और सार्थक कदम उठाने की आवश्यकता है तथा किसी भी स्तर पर ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने इस बैठक में विशेष रूप से तकनीकी युग की आवश्यकताओं पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि योजनाओं की प्रभावी निगरानी और सफल संचालन के लिए आधुनिक डिजिटल प्रौद्योगिकी का अधिकतम उपयोग किया जाना चाहिए। इसके माध्यम से सूचनाओं की त्वरित उपलब्धता और जवाबदेही सुनिश्चित होगी, जिससे योजनाओं के क्रियान्वयन की गति में उल्लेखनीय सुधार आएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों, गरीबों, महिलाओं और युवाओं तक योजनाओं का वास्तविक लाभ पहुंचाने के लिए सभी विभागों को समन्वित प्रयास करना होगा।
कृषि और ऊर्जा क्षेत्र पर चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री धामी ने प्रधानमंत्री कुसुम योजना के अंतर्गत सौर ऊर्जा आधारित पंपों की स्थापना की गति बढ़ाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इस पहल से किसानों को न केवल सिंचाई के साधन सुलभ होंगे बल्कि सौर ऊर्जा के उपयोग से दीर्घकालिक रूप से ऊर्जा आत्मनिर्भरता भी प्राप्त होगी। इसके साथ ही यह पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम होगा। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि किसानों को नई तकनीकों से जोड़ने के लिए राज्य सरकार निरंतर प्रयासरत है और इस दिशा में योजनाओं के समय पर क्रियान्वयन को प्राथमिकता दी जाएगी।
बैठक में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत शेष गांवों को शीघ्र सड़क सुविधा उपलब्ध कराने पर भी जोर दिया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि सड़क संपर्क किसी भी क्षेत्र के विकास की आधारशिला है। राज्य के दुर्गम इलाकों में निवास कर रहे लोगों की सुविधा और आर्थिक अवसरों के विस्तार के लिए सड़क निर्माण अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सड़क निर्माण कार्यों में गुणवत्ता और समयबद्धता दोनों का ध्यान रखा जाए।
बैठक के दौरान स्वास्थ्य, शिक्षा और रोजगार सृजन जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों की प्रगति पर भी गहन समीक्षा की गई। मुख्यमंत्री ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में शामिल है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि युवाओं और महिलाओं के लिए कौशल विकास, स्वरोजगार और उद्यमिता योजनाओं को और अधिक प्रभावी तरीके से लागू किया जाए। उन्होंने कहा कि राज्य के हर नागरिक को रोजगार और शिक्षा के अवसर उपलब्ध कराने के लिए विभागों के बीच बेहतर समन्वय होना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि योजनाओं की सफलता के लिए शासन के साथ-साथ जनप्रतिनिधियों और स्थानीय जनता की सक्रिय भागीदारी अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने अधिकारियों से अपेक्षा की कि वे नियमित रूप से जनप्रतिनिधियों से संवाद स्थापित करें और योजनाओं की प्रगति साझा करें ताकि अधिक से अधिक लोग इनसे लाभान्वित हो सकें। उन्होंने दोहराया कि सरकार की पहली प्राथमिकता जनता की सुविधा और सुख-सुविधा है, और इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सभी विभागों को पूरी जिम्मेदारी और प्रतिबद्धता से कार्य करना होगा।
बैठक में कृषि, ग्रामीण विकास, शहरी विकास, महिला सशक्तिकरण और सामाजिक सुरक्षा योजनाओं की समीक्षा के साथ-साथ डिजिटल प्रौद्योगिकी के उपयोग को भी प्राथमिकता दी गई। मुख्यमंत्री ने कहा कि तकनीक आधारित निगरानी प्रणाली से न केवल योजनाओं की पारदर्शिता बढ़ेगी बल्कि समय पर क्रियान्वयन भी सुनिश्चित होगा। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी परियोजनाओं की समयबद्ध प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए ताकि जनता तक योजनाओं के लाभ को जल्दी से जल्दी पहुंचाया जा सके।
बैठक में कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, राज्यसभा सांसद नरेश बंसल, डॉ. कल्पना सैनी, विधायक सहदेव सिंह पुण्डीर, रेनू बिष्ट, सुरेश गढ़िया, शक्तिलाल शाह, हरीश धामी और मनोज तिवारी उपस्थित रहे। इसके अलावा प्रमुख सचिव एल. फैनई, विशेष प्रमुख सचिव अमित सिन्हा, सचिव राधिका झा, नितेश झा, बी.वी.आर.सी. पुरूषोत्तम, एस.एन. पांडेय, आर. राजेश कुमार, धीराज गर्ब्याल, श्रीधर बाबू अद्दांकी, युगल किशोर पंत और रणवीर सिंह चौहान सहित विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष भी बैठक में शामिल हुए।
मुख्यमंत्री धामी ने बैठक के समापन पर कहा कि उत्तराखंड के संपूर्ण विकास के लिए योजनाओं का समयबद्ध और प्रभावी क्रियान्वयन ही राज्य को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा। उन्होंने सभी विभागों को निर्देश दिया कि वे योजनाओं की गति को तेज करें और सुनिश्चित करें कि कोई भी पात्र लाभार्थी सरकारी योजनाओं से वंचित न रह जाए।देहरादून (आरएनएस)। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में शुक्रवार को सचिवालय, देहरादून में राज्य स्तरीय दिशा समिति की पहली बैठक आयोजित की गई। इस महत्वपूर्ण बैठक में केंद्र और राज्य सरकार की विभिन्न महत्वाकांक्षी योजनाओं की प्रगति की विस्तृत समीक्षा की गई। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि योजनाओं के क्रियान्वयन में पारदर्शिता, जवाबदेही और विभागों के बीच आपसी समन्वय को प्राथमिकता दी जानी चाहिए ताकि अधिक से अधिक लोग जल्द से जल्द इनका लाभ उठा सकें।
बैठक के दौरान कृषि, ग्रामीण विकास, शहरी विकास, स्वास्थ्य, शिक्षा, महिला एवं बाल विकास, रोजगार, सामाजिक सुरक्षा, डिजिटल प्रौद्योगिकी, पर्यावरण और खेल से संबंधित योजनाओं पर गहन चर्चा की गई। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि विकास योजनाओं की गति को तेज़ किया जाए और प्रत्येक परियोजना समय पर पूरी हो। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड को देश के अग्रणी राज्यों में शामिल करने के लिए ठोस और सार्थक कदम उठाने की आवश्यकता है तथा किसी भी स्तर पर ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने इस बैठक में विशेष रूप से तकनीकी युग की आवश्यकताओं पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि योजनाओं की प्रभावी निगरानी और सफल संचालन के लिए आधुनिक डिजिटल प्रौद्योगिकी का अधिकतम उपयोग किया जाना चाहिए। इसके माध्यम से सूचनाओं की त्वरित उपलब्धता और जवाबदेही सुनिश्चित होगी, जिससे योजनाओं के क्रियान्वयन की गति में उल्लेखनीय सुधार आएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों, गरीबों, महिलाओं और युवाओं तक योजनाओं का वास्तविक लाभ पहुंचाने के लिए सभी विभागों को समन्वित प्रयास करना होगा।
कृषि और ऊर्जा क्षेत्र पर चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री धामी ने प्रधानमंत्री कुसुम योजना के अंतर्गत सौर ऊर्जा आधारित पंपों की स्थापना की गति बढ़ाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इस पहल से किसानों को न केवल सिंचाई के साधन सुलभ होंगे बल्कि सौर ऊर्जा के उपयोग से दीर्घकालिक रूप से ऊर्जा आत्मनिर्भरता भी प्राप्त होगी। इसके साथ ही यह पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम होगा। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि किसानों को नई तकनीकों से जोड़ने के लिए राज्य सरकार निरंतर प्रयासरत है और इस दिशा में योजनाओं के समय पर क्रियान्वयन को प्राथमिकता दी जाएगी।
बैठक में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत शेष गांवों को शीघ्र सड़क सुविधा उपलब्ध कराने पर भी जोर दिया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि सड़क संपर्क किसी भी क्षेत्र के विकास की आधारशिला है। राज्य के दुर्गम इलाकों में निवास कर रहे लोगों की सुविधा और आर्थिक अवसरों के विस्तार के लिए सड़क निर्माण अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सड़क निर्माण कार्यों में गुणवत्ता और समयबद्धता दोनों का ध्यान रखा जाए।
बैठक के दौरान स्वास्थ्य, शिक्षा और रोजगार सृजन जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों की प्रगति पर भी गहन समीक्षा की गई। मुख्यमंत्री ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में शामिल है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि युवाओं और महिलाओं के लिए कौशल विकास, स्वरोजगार और उद्यमिता योजनाओं को और अधिक प्रभावी तरीके से लागू किया जाए। उन्होंने कहा कि राज्य के हर नागरिक को रोजगार और शिक्षा के अवसर उपलब्ध कराने के लिए विभागों के बीच बेहतर समन्वय होना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि योजनाओं की सफलता के लिए शासन के साथ-साथ जनप्रतिनिधियों और स्थानीय जनता की सक्रिय भागीदारी अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने अधिकारियों से अपेक्षा की कि वे नियमित रूप से जनप्रतिनिधियों से संवाद स्थापित करें और योजनाओं की प्रगति साझा करें ताकि अधिक से अधिक लोग इनसे लाभान्वित हो सकें। उन्होंने दोहराया कि सरकार की पहली प्राथमिकता जनता की सुविधा और सुख-सुविधा है, और इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सभी विभागों को पूरी जिम्मेदारी और प्रतिबद्धता से कार्य करना होगा।
बैठक में कृषि, ग्रामीण विकास, शहरी विकास, महिला सशक्तिकरण और सामाजिक सुरक्षा योजनाओं की समीक्षा के साथ-साथ डिजिटल प्रौद्योगिकी के उपयोग को भी प्राथमिकता दी गई। मुख्यमंत्री ने कहा कि तकनीक आधारित निगरानी प्रणाली से न केवल योजनाओं की पारदर्शिता बढ़ेगी बल्कि समय पर क्रियान्वयन भी सुनिश्चित होगा। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी परियोजनाओं की समयबद्ध प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए ताकि जनता तक योजनाओं के लाभ को जल्दी से जल्दी पहुंचाया जा सके।
बैठक में कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, राज्यसभा सांसद नरेश बंसल, डॉ. कल्पना सैनी, विधायक सहदेव सिंह पुण्डीर, रेनू बिष्ट, सुरेश गढ़िया, शक्तिलाल शाह, हरीश धामी और मनोज तिवारी उपस्थित रहे। इसके अलावा प्रमुख सचिव एल. फैनई, विशेष प्रमुख सचिव अमित सिन्हा, सचिव राधिका झा, नितेश झा, बी.वी.आर.सी. पुरूषोत्तम, एस.एन. पांडेय, आर. राजेश कुमार, धीराज गर्ब्याल, श्रीधर बाबू अद्दांकी, युगल किशोर पंत और रणवीर सिंह चौहान सहित विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष भी बैठक में शामिल हुए।
मुख्यमंत्री धामी ने बैठक के समापन पर कहा कि उत्तराखंड के संपूर्ण विकास के लिए योजनाओं का समयबद्ध और प्रभावी क्रियान्वयन ही राज्य को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा। उन्होंने सभी विभागों को निर्देश दिया कि वे योजनाओं की गति को तेज करें और सुनिश्चित करें कि कोई भी पात्र लाभार्थी सरकारी योजनाओं से वंचित न रह जाए।
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