"गढ़वाल राइफल्स रेजिमेंटल सेंटर लैंसडाउन में वार मेमोरियल पर श्रद्धांजलि अर्पित करते सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी""गढ़वाल राइफल्स रेजिमेंटल सेंटर लैंसडाउन में वार मेमोरियल पर श्रद्धांजलि अर्पित करते सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी"

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देहरादून। उत्तराखंड के सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने गढ़वाल राइफल्स रेजिमेंटल सेंटर लैंसडाउन में दो दिवसीय भ्रमण के दौरान शौर्य और बलिदान की धरती को नमन किया। मंत्री गणेश जोशी ने सबसे पहले वार मेमोरियल पर पुष्पचक्र अर्पित कर शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि दी और देश की रक्षा में प्राणों की आहुति देने वाले वीरों को याद किया। इसके बाद उन्होंने गढ़वाल राइफल्स के म्यूजियम का अवलोकन किया, जहां वीर सैनिकों की शौर्य गाथाओं और पराक्रम से जुड़े ऐतिहासिक दस्तावेजों और स्मृतियों को देखकर वह भावुक हो उठे।

सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी वर्ष 1976 में भारतीय सेना में भर्ती हुए थे और 14वीं गढ़वाल राइफल्स की डेल्टा कम्पनी में उन्होंने अपनी सेवा दी थी। अपनी पुरानी यादों को ताजा करने के लिए मंत्री ने डेल्टा कम्पनी के बैरिक और मैस का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने जवानों के साथ भोजन किया और सैन्य अधिकारियों से विस्तार से जानकारी प्राप्त की। रिकॉर्ड कक्ष में जब उन्होंने अपने नाम को दर्ज पाया तो उनके सैन्य जीवन की स्मृतियां ताजा हो उठीं।

यात्रा के दौरान मंत्री गणेश जोशी ने हथियारों के प्रशिक्षण केंद्र का भी अवलोकन किया और एके-47 राइफल से प्रशिक्षण के तहत गोली दागी। उन्होंने भुल्ली सशक्तिकरण केंद्र का भी निरीक्षण किया, जहां सैनिकों और उनके परिजनों द्वारा बनाए गए उत्पाद प्रदर्शित किए गए थे। मंत्री ने इन प्रयासों की सराहना की और कहा कि इस तरह की पहल से सैनिक परिवारों को आत्मनिर्भर बनने में मदद मिलती है।

कोटद्वार प्रवास के दौरान मंत्री गणेश जोशी ने सूबेदार मेजर शैलेन्द्र मोहन बिष्ट से भेंट की और कोटद्वार छावनी परिषद का निरीक्षण कर वहां की व्यवस्थाओं का जायजा लिया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि उन्होंने 13 नवंबर 1976 को राइफलमैन के रूप में भारतीय सेना में भर्ती होकर गढ़वाल राइफल्स की गौरवशाली परंपरा का हिस्सा बनने का सौभाग्य प्राप्त किया था।

उन्होंने कहा कि गढ़वाल राइफल्स का इतिहास शौर्य, पराक्रम और अनुशासन का जीवंत प्रतीक है। देवभूमि उत्तराखंड हमेशा से देशभक्ति और राष्ट्र सेवा की भावना से ओतप्रोत रही है। यहां के वीर सैनिकों ने अपने अदम्य साहस और बलिदान से भारत का गौरव बढ़ाया है। मंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार शहीदों के परिवारों, पूर्व सैनिकों और वर्तमान सैनिकों के कल्याण के लिए निरंतर काम कर रही है।

मंत्री ने इस दौरान उपस्थित सैन्य अधिकारियों का आभार जताते हुए कहा कि शौर्यभूमि लैंसडाउन का हर पत्थर गढ़वाल राइफल्स की महान परंपरा और गौरवशाली इतिहास की गवाही देता है। निरीक्षण के समय गढ़वाल राइफल्स रेजिमेंट सेंटर के कमांडेंट ब्रिगेडियर विनोद सिंह नेगी, डेल्टा कम्पनी के कम्पनी कमांडर, जिला सैनिक कल्याण अधिकारी कर्नल (सेनि) वीपी भट्ट सहित सेना के अधिकारी मौजूद रहे।

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By ATHAR

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