हरिद्वार में गौवंश सुरक्षा पर बैठक करते अधिकारी"हरिद्वार में गौवंश सुरक्षा पर बैठक करते अधिकारी"

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हरिद्वार जनपद में आवारा पशुओं और गौवंश की सुरक्षा को लेकर प्रशासन और उत्तराखंड गौसेवा आयोग सक्रिय हो गया है। विकास भवन सभागार में आयोजित बैठक में अध्यक्ष उत्तराखंड गौसेवा आयोग पंडित राजेंद्र प्रसाद अंथवाल और जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने स्पष्ट किया कि धार्मिक नगरी हरिद्वार में गौ तस्करी और गौ हत्या किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। बैठक में यह निर्णय लिया गया कि अब हरिद्वार जनपद में गौवंश का जन्म और मृत्यु का पंजीकरण अनिवार्य रूप से कराया जाएगा। इसके लिए रजिस्टर तैयार किया जाएगा, जिसमें हर पशु का डेटा दर्ज रहेगा।

पंडित अंथवाल ने अधिकारियों और पशु क्रूरता निवारण समिति के सदस्यों को निर्देश दिया कि गौ तस्करी और गौ हत्या रोकने के लिए पुलिस को सख्त निगरानी करनी होगी। उन्होंने पशुपालन विभाग को यह भी आदेश दिए कि गौवंश का जन्म और मृत्यु पंजीकरण कराते हुए पूरा रिकॉर्ड रखा जाए। इसके अलावा जनपद में संचालित गौशालाओं और निर्माणाधीन गौसदनों की समीक्षा की गई और नगर निगम व नगर पंचायतों को निर्देश दिया गया कि निर्माण कार्य को शीघ्रता से पूरा किया जाए।

जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने बैठक में कहा कि निराश्रित गौवंशों की सुरक्षा राज्य सरकार की प्राथमिकता है और इस दिशा में योजनाएं चलाई जा रही हैं। उन्होंने बताया कि पंजीकृत गौशालाओं में रह रहे पशुओं के भरण-पोषण के लिए सरकार प्रति पशु 80 रुपये उपलब्ध कराती है। साथ ही “ग्राम्य गौसेवक गौसदन योजना” के तहत ग्राम स्तर पर कोई भी व्यक्ति पांच नंदी रख सकता है, जिसे ब्लॉक स्तर पर पंजीकृत कराना होगा और इसके लिए 12,000 रुपये की सहायता दी जाएगी।

बैठक में गौवंशों की सुरक्षा के लिए कई अहम सुझाव दिए गए। मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. बीके चंद ने जानकारी दी कि गौवंश की टैगिंग की जा रही है और रात के समय दुर्घटनाओं से बचाने के लिए उनके गले में रेडियटर बेल्ट लगाए जाएंगे। घायल गौवंशों को तुरंत लिफ्ट कर गौसदनों तक पहुंचाने की व्यवस्था भी की जा रही है।

गौ हत्या, गौकशी और गौ तस्करी की घटनाओं पर रोक लगाने के लिए स्थानीय पुलिस और गौवंश संरक्षण स्क्वॉड को और अधिक सक्रिय बनाया जाएगा। अपराधियों को पकड़ने के लिए सघन तलाशी अभियान चलाने का निर्णय भी लिया गया। साथ ही यह भी तय किया गया कि जिला पंचायत, नगर पालिकाएं और नगर पंचायतें 20 दिन के भीतर निराश्रित गौवंश हेतु नए गौसदनों के लिए भूमि चयन कर प्रस्ताव तैयार करें।

जिलाधिकारी ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि सभी कार्य संवेदनशीलता और तत्परता से पूरे किए जाएं। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि गौवंश संरक्षण से जुड़े सभी निर्देशों का कड़ाई से पालन कराया जाएगा। बैठक के दौरान पंडित राजेंद्र प्रसाद अंथवाल का स्वागत फूलों के गुच्छ और स्मृति चिन्ह भेंट कर किया गया।

बैठक में नगर आयुक्त रुड़की राकेश चंद्र तिवारी, जिला पंचायत अधिकारी, पुलिस उपाधीक्षक, नगर पंचायतों के अधिशासी अधिकारी और कई अन्य प्रतिनिधि मौजूद रहे। सभी ने मिलकर इस बात पर सहमति जताई कि हरिद्वार जनपद में गौवंश की सुरक्षा और संरक्षण को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी और इसके लिए हर स्तर पर ठोस कदम उठाए जाएंगे।

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By ATHAR

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