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देहरादून/विकास नगर । पहली बार: राज्य में दिव्यांग व्यक्ति सीखेंगे संस्कृत। सहायक निदेशक शिक्षा/ संस्कृत शिक्षा डॉक्टर चंडी प्रसाद घिल्डियाल ने कहा है, कि प्रदेश में पहली बार दिव्यांगों को मूल संस्कृत विषय के साथ अन्य सभी विषय पढ़ने की सुविधा गुरुकुल के माध्यम से प्रदान की जाएगी।
इस संदर्भ में प्रदेश के पहले दिव्यांग संस्कृत गुरुकुल
विद्यालय को पछवादून हरबर्टपुर में मान्यता देने के लिए पहुंचे सहायक निदेशक ने कहा कि समावेशी शिक्षा की वजह से ही भारत आदिकाल से महान रहा है, और अब उत्तराखंड में पहली बार दिव्यांगों को भी अन्य विषयों के साथ मूल संस्कृत विषय से जोड़ने का अभिनव प्रयास किया जा रहा है, जिसकी गूंज पूरे भारतवर्ष में जाएगी।
सक्षम संगठन उत्तराखंड प्रदेश के सहसचिव अनंत प्रकाश मेहरा को इस विद्यालय की जिम्मेदारी सौंपते हुए डॉक्टर घिल्डियाल ने कहा कि सक्षम संस्था राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मार्गदर्शन में पूरे विश्व भर में दिव्यांगों के लिए कार्य कर रही है, और अब हमने संस्कृत शिक्षा को भी इससे जोड़ने का एक नया प्रयास इस विश्वास के साथ किया है, कि यह पहला विद्यालय उत्तराखंड से पूरे देश के लिए मार्गदर्शन का कार्य करेगा।
सक्षम संगठन के प्रदेश सहसचिव अनंत मेहरा ने कहा कि सहायक निदेशक ने जिस विश्वास के साथ महर्षि अष्टावक्र प्राथमिक संस्कृत विद्यालय संचालक संस्थान मुनीशाभा सेवा सदन एवं पुनर्वास संस्थान को संचालित करने के लिए कहा है ,वह उस पर खरा उतरने का पूरा प्रयास करेंगे।यद्यपि विद्यालय में सामान्य छात्रों को भी प्रवेश मिलेगा परंतु कोशिश रहेगी कि 80% दिव्यांग छात्रों के लिए छात्रावास बनाकर गुरुकुल शिक्षा प्रदान की जाए।
इससे पूर्व विद्यालय में पहुंचने पर सहायक निदेशक डॉक्टर चन्डी प्रसाद घिल्डियाल का मूक बधिर संगठन के प्रदेश अध्यक्ष उमेश ग्रोवर एवं संस्थान के सदस्यों ने पुष्प गुच्छ , अंग वस्त्र एवं भारत माता का चित्र भेंट कर उन्हें देश का सच्चा सपूत बताया। मौके पर विद्यालय की सहायक प्रधानाध्यापक सुनीता सैनी शिक्षिका कृष्णा नौटियाल,मेघा राजपूत, मल्टीपरपज वर्कर कपिल एवं श्रवण बाधित संघ के अध्यक्ष उमेश ग्रोवर संस्थान के उपाध्यक्ष ऋषभ प्रकाश,सीता देवी ,हेमलता पंचवाल सहित स्थानीय लोग उपस्थित रहे।