हरिद्वार पुलिस ने लक्सर में लावारिस हालत में मिले तीन नाबालिग बच्चों को उनके परिजनों से मिलाया।हरिद्वार पुलिस ने लक्सर में लावारिस हालत में मिले तीन नाबालिग बच्चों को उनके परिजनों से मिलाया।

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दिनांक 19 अगस्त 2025 को कोतवाली लक्सर क्षेत्र में चेतक ड्यूटी पर तैनात पुलिस कर्मियों ने सड़क किनारे तीन नाबालिग बच्चों को डरे-सहमे हाल में घूमते देखा। उनकी उम्र महज 8 से 12 साल के बीच थी। बच्चों की हालत देखकर पुलिस ने तत्काल उन्हें सुरक्षित स्थान पर पहुँचाया। प्रारंभिक पूछताछ में बच्चे अपना घर या पता सही तरीके से बताने में असमर्थ रहे। डर और घबराहट के कारण वे अपने परिजनों की कोई ठोस जानकारी भी नहीं दे पा रहे थे।

पुलिस ने बच्चों को खिलाया खाना, प्यार से की पूछताछ

हरिद्वार पुलिस का मानवीय चेहरा इस समय और भी निखरकर सामने आया, जब बच्चों को थाने ले जाकर उन्हें खाना-पीना खिलाया गया। पुलिसकर्मियों ने बेहद धैर्य और शालीनता के साथ बच्चों से बातचीत की और धीरे-धीरे उनका विश्वास जीता। हालाँकि, बड़ी समस्या यह थी कि तीनों बच्चों के पास न तो कोई मोबाइल नंबर था और न ही ऐसा कोई दस्तावेज, जिससे उनके परिजनों तक पहुँचा जा सके।

कड़ी मशक्कत के बाद मिले परिजन

लक्सर पुलिस ने हार नहीं मानी और बच्चों से मिले छोटे-छोटे सुरागों के आधार पर जांच शुरू की। आखिरकार लगातार प्रयास के बाद पुलिस को बच्चों के परिजनों का पता चला और उनसे संपर्क साधा गया। जानकारी मिली कि तीनों बच्चे दिल्ली से लोकल ट्रेन में बैठकर हरिद्वार आ पहुँचे थे। इनमें से दो बच्चे सगे भाई थे जबकि तीसरा उनका दोस्त था। 18 अगस्त 2025 की शाम से ही वे घर से लापता थे, जिस कारण परिजन परेशान होकर उनकी तलाश कर रहे थे।

परिजनों की खुशी का ठिकाना न रहा

जैसे ही बच्चों के परिजनों को सूचना मिली, वे तुरंत हरिद्वार पहुंचे। थाने पहुँचकर उन्होंने अपने बच्चों को सकुशल देखा तो उनकी आँखों से खुशी के आँसू छलक पड़े। पुलिस ने तीनों बच्चों को सुरक्षित उनके परिवार को सौंप दिया। अपने बच्चों को पाकर परिजनों ने हरिद्वार पुलिस का दिल से आभार व्यक्त किया और कहा कि यदि पुलिस समय रहते मदद न करती तो शायद उन्हें अपने बच्चों तक पहुँचने में और देर हो जाती।

यह घटना एक बार फिर साबित करती है कि हरिद्वार पुलिस केवल अपराधियों पर सख्त कार्रवाई ही नहीं करती, बल्कि जरूरत पड़ने पर समाज और बच्चों की सुरक्षा के लिए मानवीय संवेदनाओं के साथ भी काम करती है। पुलिस के इस सराहनीय प्रयास ने समाज में एक सकारात्मक संदेश दिया है कि “पुलिस सिर्फ सख्ती का प्रतीक नहीं है, बल्कि ज़रूरत पड़ने पर परिवार और संरक्षक की तरह भी साथ खड़ी होती है।”

पुलिस टीम की भूमिका सराहनीय

इस पूरी कार्रवाई में निम्न पुलिस कर्मियों की अहम भूमिका रही:

  1. अ0उ0नि0 रंजीत नोटियाल
  2. हे0कानि0 मनोज मिनान
  3. हे0कानि0 मोहन खोलिया
  4. कानि0 ध्वजवीर सिंह
  5. म0होगा0 बन्दना

इन सभी पुलिसकर्मियों ने न सिर्फ संवेदनशीलता दिखाई, बल्कि धैर्य और मानवता की मिसाल भी कायम की। हरिद्वार पुलिस ने इस घटना के बाद नागरिकों से अपील की है कि वे अपने बच्चों पर ध्यान दें और उन्हें अकेले दूर यात्रा करने से रोकें। साथ ही किसी भी लावारिस या संदिग्ध बच्चों/व्यक्तियों को देखकर तुरंत पुलिस को सूचित करें ताकि समय रहते मदद पहुँचाई जा सके।

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By ATHAR

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