“हरिद्वार के जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ‘नमस्ते योजना’ की बैठक में अधिकारियों को सफाई कर्मियों की सुरक्षा के लिए निर्देश देते हुए।”“हरिद्वार के जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ‘नमस्ते योजना’ की बैठक में अधिकारियों को सफाई कर्मियों की सुरक्षा के लिए निर्देश देते हुए।”

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हरिद्वार, 18 अगस्त 2025।
हरिद्वार में सोमवार को जिला कार्यालय कक्ष में आयोजित ‘नमस्ते योजना’ की समीक्षा बैठक ने पूरे शहर में खलबली मचा दी। जिलाधिकारी मयूर दीक्षित की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में न केवल अधिकारियों की क्लास लगी बल्कि सफाई व्यवस्था से जुड़े हर पहलू पर कड़े निर्देश दिए गए। डीएम ने साफ कहा कि केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना राष्ट्रीय यंत्रीकृत स्वच्छता पारिस्थितिकी तंत्र (नमस्ते स्कीम) अब केवल कागजों पर नहीं, बल्कि जमीनी हकीकत पर दिखनी चाहिए। उन्होंने चेतावनी दी कि हाथ से मैला ढोने जैसी अमानवीय प्रथाएं हर हाल में खत्म होनी चाहिए और सभी सफाई कर्मचारियों को मशीनों और आधुनिक सुरक्षा उपकरणों से लैस किया जाए।

क्या है ‘नमस्ते योजना’?

‘नमस्ते योजना’ यानी National Action for Mechanised Sanitation Ecosystem (NAMASTE), केंद्र सरकार का वह अभियान है जिसका उद्देश्य है –

  • हाथ से मैला उठाने (मैनुअल स्कैवेंजिंग) की प्रथा को जड़ से समाप्त करना।
  • सफाई कर्मियों को आधुनिक सुरक्षा उपकरण उपलब्ध कराना।
  • स्वास्थ्य बीमा, प्रशिक्षण और सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करना।
  • सीवर और सेप्टिक टैंक की सफाई के लिए मशीनों का प्रयोग अनिवार्य करना।

इस योजना को लागू करने के लिए हर राज्य की सरकारों को नगर निकायों के जरिए सफाईकर्मियों की पहचान, पंजीकरण और सुरक्षा इंतजाम करने होंगे।

जिलाधिकारी की सख्त चेतावनी – “हाथ से मैला उठाना अपराध है”

बैठक में जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने साफ कहा –

“हरिद्वार जैसे धार्मिक और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चर्चित शहर में अगर अभी भी कोई सफाई कर्मचारी अपनी जान खतरे में डालकर नालों और सेप्टिक टैंकों में उतरता है, तो यह सरकार और समाज दोनों के लिए शर्म की बात होगी। अब ऐसा नहीं चलेगा।”

उन्होंने नगर निगम और नगर निकायों के अधिकारियों को निर्देशित किया कि –

  • सभी सफाई कर्मचारियों का तुरंत ऑनलाइन पंजीकरण किया जाए।
  • सभी को आयुष्मान कार्ड बनाकर दिया जाए।
  • हर सफाई कर्मचारी और उनके परिवार का स्वास्थ्य परीक्षण 15 दिनों के भीतर कराया जाए।

मशीनों के बिना सफाई नहीं – सख्त आदेश

डीएम ने कहा कि सीवर और सेफ्टी टैंकों की सफाई अब हाथों से नहीं बल्कि मशीनों से होगी। जिन नगर निकायों के पास मशीनें नहीं हैं, उन्हें किराए पर मशीन लेकर काम करने का आदेश दिया गया है। साथ ही सफाईकर्मियों को जूते, ग्लव्स, मास्क, रेनकोट और यूनिफॉर्म अनिवार्य रूप से पहनने के निर्देश दिए गए। उन्होंने जोर देकर कहा कि अगर किसी भी सफाई कर्मचारी को बिना सुरक्षा उपकरण के काम करते पाया गया, तो उसके जिम्मेदार अफसर पर सीधी कार्रवाई होगी।

“स्वास्थ्य ही सुरक्षा है” – सफाईकर्मियों के परिवार भी जांच के दायरे में

डीएम ने इस बैठक में एक और बड़ा फैसला सुनाया। उन्होंने कहा कि सिर्फ सफाई कर्मचारी ही नहीं, बल्कि उनके परिवार के स्वास्थ्य का भी परीक्षण होना जरूरी है। इसके लिए सभी नगर निकायों को आदेश दिया गया कि अगले 15 दिनों के भीतर स्वास्थ्य शिविर लगाकर इन परिवारों की जांच कराई जाए।

अधिकारियों की जमकर क्लास

बैठक में जिलाधिकारी ने कई अफसरों को सीधे कटघरे में खड़ा कर दिया। उन्होंने नगर निगम अधिकारियों को चेतावनी दी कि अगर किसी भी इलाके में सफाईकर्मी बिना सुरक्षा उपकरणों के काम करते दिखे, तो कार्रवाई में देरी न हो।

उन्होंने साफ कहा – “हर सफाईकर्मी की जिंदगी कीमती है। सफाई सिर्फ शहर को नहीं बल्कि समाज की आत्मा को भी बचाती है। अगर उनकी सुरक्षा सुनिश्चित नहीं हुई तो यह अपराध है और इसकी जिम्मेदारी नगर निगम व निकायों की होगी।”

समाज कल्याण विभाग को बड़ी जिम्मेदारी

डीएम ने जिला समाज कल्याण अधिकारी अभिजीत सिंह को आदेश दिए कि वे ‘नमस्ते योजना’ की गाइडलाइन सभी संबंधित विभागों के साथ साझा करें और इस पर सख्ती से अमल कराएं। बैठक में सीओ एस.पी. बलूनी, नगर निगम के एसएनए श्याम सुंदर दास, अधिकारी ऋषिभ उनियाल समेत कई अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

सफाईकर्मियों के लिए बनेगा सुरक्षा कवच

बैठक के बाद यह तय हुआ कि –

  1. हर सफाईकर्मी को मशीनरी प्रशिक्षण दिया जाएगा।
  2. सभी को सेफ्टी किट (जूते, ग्लव्स, मास्क, हेलमेट, रेनकोट, यूनिफॉर्म) दी जाएगी।
  3. आयुष्मान कार्ड से उन्हें 5 लाख तक का मुफ्त इलाज मिलेगा।
  4. भविष्य में किसी भी सफाई कर्मचारी को बिना मशीन के गटर/सीवर में नहीं उतारा जाएगा।

हरिद्वार की सड़कों पर दिखेगा असर

स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर यह योजना सही ढंग से लागू हुई तो हरिद्वार की गलियों और मोहल्लों की तस्वीर बदल जाएगी। जहां पहले सीवर जाम होने पर सफाईकर्मियों को बिना किसी सुरक्षा के गंदगी में उतरना पड़ता था, वहीं अब मशीनों और आधुनिक तकनीक से सफाई होगी।

जनता में चर्चा – “क्या सचमुच बदलेगी तस्वीर?”

हालांकि लोगों के मन में एक बड़ा सवाल यह भी है कि क्या यह योजना कागजों से निकलकर सचमुच जमीनी स्तर पर लागू होगी? क्योंकि अक्सर योजनाएं बनती तो हैं, लेकिन उनमें भ्रष्टाचार और लापरवाही के कारण सफाईकर्मी फिर से पुराने हालात में धकेल दिए जाते हैं।

लेकिन इस बार डीएम की सख्ती ने उम्मीद जगा दी है कि ‘नमस्ते योजना’ हरिद्वार में बदलाव की शुरुआत करेगी।

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By ATHAR

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