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हरिद्वार पुलिस हमेशा से अपराध नियंत्रण के साथ-साथ समाज को जागरूक करने और नागरिकों की समस्याओं को सुनने की दिशा में सकारात्मक कदम उठाती रही है। इसी प्रयास की कड़ी में थाना बुग्गावाला पुलिस ने वरिष्ठ नागरिकों और ग्राम सुरक्षा समिति के साथ एक विशेष गोष्ठी का आयोजन किया। यह बैठक 6 सितंबर 2025 को थाना बुग्गावाला क्षेत्र के ग्राम गांजा मजरा और ग्राम बंजारेवाला में आयोजित की गई। इस गोष्ठी का मुख्य उद्देश्य वरिष्ठ नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना, उनकी समस्याओं को समझना और लगातार बढ़ रहे साइबर अपराधों से बचाव के उपाय बताना था। वर्तमान समय में डिजिटल ठगी, ऑनलाइन फ्रॉड, साइबर किडनैपिंग और डिजिटल अरेस्टिंग जैसे अपराध बहुत तेजी से बढ़ रहे हैं और इनके शिकार अधिकतर बुजुर्ग लोग होते हैं, क्योंकि वे डिजिटल तकनीक का उतना अनुभव नहीं रखते। ऐसे में हरिद्वार पुलिस की यह पहल बेहद उपयोगी और समय की मांग कही जा सकती है।

गोष्ठी का संचालन थाना प्रभारी निरीक्षक बुग्गावाला के नेतृत्व में हुआ। इस दौरान पुलिस अधिकारियों ने उपस्थित सभी वरिष्ठ नागरिकों से उनकी कुशलक्षेम पूछी और उनकी समस्याओं के बारे में विस्तार से जानकारी ली। कई वरिष्ठ नागरिकों ने अपने घरेलू नौकरों की गतिविधियों, पड़ोस की सुरक्षा व्यवस्था, नशे की बढ़ती प्रवृत्ति और स्थानीय स्तर पर आने वाली परेशानियों के बारे में बात की। पुलिस अधिकारियों ने हर समस्या को गंभीरता से सुना और समाधान का भरोसा दिलाया। इससे वरिष्ठ नागरिकों के बीच एक विश्वास का माहौल बना कि पुलिस न केवल अपराध नियंत्रण में सक्रिय है बल्कि समाज के हर वर्ग की समस्याओं को भी प्राथमिकता देती है।
इस बैठक में सबसे ज्यादा जोर साइबर अपराधों पर दिया गया। पुलिस अधिकारियों ने समझाया कि आजकल अपराधी खुद को पुलिस, बैंक अधिकारी या किसी सरकारी संस्था का कर्मचारी बताकर फोन या ऑनलाइन माध्यम से लोगों को डराते और धोखा देते हैं। डिजिटल अरेस्टिंग में अपराधी व्यक्ति को फोन करके कहते हैं कि उस पर कोई गंभीर आरोप है और उसे तुरंत पैसे जमा करने होंगे वरना उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई होगी। डर और जानकारी की कमी के कारण कई लोग इन ठगों के झांसे में आकर अपनी गाढ़ी कमाई खो देते हैं। इसके अलावा साइबर किडनैपिंग भी तेजी से बढ़ रहा है। इसमें अपराधी पीड़ित के परिवारजनों को गलत सूचना देकर कहते हैं कि उनका कोई करीबी अगवा कर लिया गया है और उसकी रिहाई के लिए तुरंत ऑनलाइन भुगतान करना होगा। भय के कारण लोग बिना सोचे-समझे पैसे भेज देते हैं। पुलिस ने वरिष्ठ नागरिकों से अपील की कि यदि उन्हें ऐसा कोई कॉल या मैसेज आए तो तुरंत पुलिस को सूचना दें और कभी भी बिना सत्यापन किए पैसे ट्रांसफर न करें।

गोष्ठी में घरेलू नौकरों के सत्यापन का मुद्दा भी प्रमुख रहा। पुलिस अधिकारियों ने सभी वरिष्ठ नागरिकों से अपील की कि वे अपने-अपने घरों में काम करने वाले नौकरों का शत-प्रतिशत सत्यापन कराएं। कई बार घरेलू नौकर आपराधिक गतिविधियों में लिप्त पाए जाते हैं और उनकी पहचान की जानकारी न होने से अपराध की जांच में कठिनाई होती है। सत्यापन न केवल पुलिस रिकॉर्ड में सुरक्षा सुनिश्चित करता है बल्कि परिवार की सुरक्षा के लिहाज से भी बेहद महत्वपूर्ण है। पुलिस ने स्पष्ट किया कि नौकरों का सत्यापन थाने में या ऑनलाइन दोनों माध्यमों से किया जा सकता है और यह पूरी तरह से सुरक्षित व आसान प्रक्रिया है।
पुलिस अधिकारियों ने नशे के दुष्प्रभावों पर भी विस्तृत चर्चा की। उन्होंने कहा कि नशा न केवल अपराध को जन्म देता है बल्कि युवाओं को गलत राह पर ले जाता है। हर समाज में वरिष्ठ नागरिकों की भूमिका एक मार्गदर्शक की होती है और यदि वे नशे के खिलाफ जागरूकता फैलाएं तो इससे समाज को काफी लाभ हो सकता है। पुलिस ने सीनियर सिटिजनों से अपील की कि वे अपने परिवार और आस-पड़ोस के बच्चों व युवाओं को नशे से दूर रखने में योगदान दें।

इस बैठक में उपस्थित वरिष्ठ नागरिकों को थाना प्रभारी, चौकी प्रभारी, बीट अधिकारी और बीट कांस्टेबलों के मोबाइल नंबर भी उपलब्ध कराए गए। यह व्यवस्था इसलिए की गई ताकि किसी भी आपात स्थिति या समस्या के समय वरिष्ठ नागरिक सीधे संबंधित पुलिस अधिकारी से संपर्क कर सकें। साथ ही यह भी तय किया गया कि बीट कर्मचारी प्रत्येक सप्ताह वरिष्ठ नागरिकों के घर जाकर उनकी कुशलता पूछेंगे और समस्याओं की जानकारी लेंगे। पुलिस ने भरोसा दिलाया कि यदि किसी वरिष्ठ नागरिक को कोई समस्या आती है तो उसका समाधान तुरंत किया जाएगा और हर संभव मदद दी जाएगी।
वरिष्ठ नागरिकों ने इस गोष्ठी की सराहना करते हुए कहा कि पुलिस का यह कदम बहुत सराहनीय है। इससे उन्हें सुरक्षा का एहसास होता है और यह भी विश्वास होता है कि पुलिस हर समय उनके साथ खड़ी है। उन्होंने कहा कि इस तरह की पहल से समाज में पुलिस के प्रति विश्वास बढ़ता है और अपराधों पर अंकुश लगाने में मदद मिलती है।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक हरिद्वार ने पहले ही जिले के सभी थाना और चौकी प्रभारियों को निर्देश दिया था कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में इस तरह की गोष्ठियां आयोजित करें। उनका मानना है कि सीनियर सिटिजन समाज का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करना पुलिस की प्राथमिक जिम्मेदारी है। ऐसे कार्यक्रमों से न केवल सीनियर सिटिजन को सुरक्षा का भरोसा मिलता है बल्कि वे समाज को भी जागरूक करने में सहयोगी बनते हैं।
थाना बुग्गावाला में आयोजित इस गोष्ठी ने यह साबित कर दिया कि हरिद्वार पुलिस केवल अपराधियों को पकड़ने तक सीमित नहीं है, बल्कि समाज के हर वर्ग तक पहुंचकर उनकी सुरक्षा और भलाई सुनिश्चित करने के लिए भी सक्रिय है। खासकर वरिष्ठ नागरिकों की सुरक्षा पर ध्यान देना बेहद जरूरी है क्योंकि वे अपराधियों के आसान निशाने बन जाते हैं। साइबर अपराधों की रोकथाम और सुरक्षा उपायों की जानकारी देकर पुलिस ने यह संदेश दिया कि समाज का हर व्यक्ति सुरक्षित रह सकता है यदि वह जागरूक है और समय पर सही कदम उठाता है।
हरिद्वार पुलिस की यह पहल भविष्य में और भी अधिक प्रभावी साबित होगी। लगातार इस तरह की गोष्ठियां आयोजित करके न केवल वरिष्ठ नागरिक बल्कि पूरा समाज जागरूक होगा। यह पहल अपराध रोकथाम के साथ-साथ पुलिस और जनता के बीच विश्वास की कड़ी को और मजबूत बनाएगी।
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