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हरिद्वार। जिला प्रशासन हरिद्वार ने अवैध अतिक्रमण के खिलाफ सख्त रुख अपनाते हुए एक और बड़ी कार्रवाई की है। शासन के निर्देशों और जिलाधिकारी के आदेशों के अनुपालन में तहसील प्रशासन हरिद्वार द्वारा 12 सितंबर 2025 को ग्राम फूलगढ़ में रास्ते की भूमि पर किए गए अवैध निर्माणों को ध्वस्त कर दिया गया। इस दौरान चार अवैध भवनों को जमींदोज़ कर रास्ते की जमीन को मुक्त कराया गया। उपजिलाधिकारी हरिद्वार जितेंद्र कुमार ने बताया कि प्रशासन लगातार अवैध कब्जों और अतिक्रमण के खिलाफ अभियान चला रहा है। उन्होंने कहा कि सरकारी और सार्वजनिक भूमि पर अवैध निर्माण करने वालों के खिलाफ अब किसी भी तरह की नरमी नहीं बरती जाएगी। यह कार्रवाई न केवल शासन की प्राथमिकता है बल्कि आम जनता की सुविधा और सुचारु विकास कार्यों के लिए भी आवश्यक है।
ग्राम फूलगढ़ में चली बुलडोज़र कार्रवाई
ग्राम फूलगढ़ में प्रशासन की टीम सुबह से ही सक्रिय हो गई थी। मौके पर तहसील प्रशासन के अधिकारियों के साथ-साथ पुलिस बल भी मौजूद रहा। चार अवैध भवनों को हटाने के लिए बुलडोज़र की मदद ली गई। ग्रामीणों की मौजूदगी में यह कार्रवाई पूरी की गई ताकि भविष्य में कोई भी व्यक्ति सरकारी भूमि पर कब्जा करने का प्रयास न करे। उपजिलाधिकारी ने कहा कि रास्ते की भूमि पर अवैध कब्जे से आमजन को परेशानी हो रही थी। ग्रामीणों की शिकायतों के आधार पर यह कार्रवाई की गई। अवैध निर्माण गिराए जाने के बाद अब रास्ता पूरी तरह साफ हो चुका है और लोगों को आवाजाही में किसी प्रकार की कठिनाई नहीं होगी।

ग्राम फूलगढ़ के ग्रामीणों ने प्रशासन की इस कार्रवाई का स्वागत किया है। उनका कहना है कि लंबे समय से रास्ते की भूमि पर अवैध निर्माण होने से लोगों को आने-जाने में दिक्कत होती थी। कई बार शिकायत करने के बावजूद कोई समाधान नहीं हो पा रहा था। लेकिन प्रशासन की इस कार्रवाई से अब रास्ता साफ हो गया है और लोगों की पुरानी समस्या खत्म हो गई है। ग्रामीणों ने उम्मीद जताई कि प्रशासन आगे भी इसी तरह की सख्ती जारी रखेगा ताकि सार्वजनिक भूमि सुरक्षित रह सके।
हरिद्वार प्रशासन ने हाल के दिनों में कई जगहों पर अवैध अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की है। जिला प्रशासन का कहना है कि अतिक्रमण न केवल सरकारी योजनाओं और विकास कार्यों में बाधा डालता है, बल्कि आम लोगों के जीवन को भी प्रभावित करता है। प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि जिन भी व्यक्तियों ने सरकारी भूमि पर अवैध निर्माण कर रखा है, उनके खिलाफ इसी तरह की कार्रवाई जारी रहेगी। जिलाधिकारी के निर्देशन में सभी तहसीलों को निर्देशित किया गया है कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में अतिक्रमण की पहचान करें और तुरंत कार्रवाई करें।
विकास कार्यों में बाधा बनते हैं अवैध कब्जे
विशेषज्ञों का कहना है कि अवैध कब्जे और अतिक्रमण विकास कार्यों को गंभीर रूप से प्रभावित करते हैं। सड़क, बिजली, पानी और अन्य बुनियादी सुविधाओं की योजनाएं तब तक सफल नहीं हो सकतीं जब तक रास्तों और सार्वजनिक जमीन को अतिक्रमण से मुक्त नहीं कराया जाता। प्रशासन द्वारा ग्राम फूलगढ़ में की गई कार्रवाई इस बात का स्पष्ट संदेश है कि सरकार अब विकास कार्यों में किसी भी तरह की बाधा स्वीकार नहीं करेगी। हरिद्वार जिला प्रशासन की इस कार्यवाही ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि कानून से ऊपर कोई नहीं है। अवैध कब्जों को हटाने का यह अभियान न केवल हरिद्वार बल्कि पूरे प्रदेश के लिए एक उदाहरण बन रहा है। इससे उन लोगों को भी चेतावनी मिल रही है जो सरकारी भूमि पर कब्जा करने की सोच रखते हैं।

भविष्य में भी जारी रहेगा अतिक्रमण विरोधी अभियान
उपजिलाधिकारी जितेंद्र कुमार ने स्पष्ट किया कि अवैध कब्जाधारियों के खिलाफ यह कार्रवाई लगातार जारी रहेगी। उन्होंने कहा कि शासन ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि किसी भी हाल में सरकारी और सार्वजनिक भूमि पर अवैध कब्जा बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने जनता से भी अपील की कि वे इस तरह के किसी भी अतिक्रमण की जानकारी तुरंत प्रशासन को दें ताकि समय रहते कार्रवाई की जा सके।
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