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देहरादून। उत्तराखंड सरकार ने भू-कानून के उल्लंघन पर सख्त रुख अपनाते हुए जिलों में ताबड़तोड़ कार्रवाई शुरू कर दी है। जिन जमीनों की खरीद-फरोख्त नियमों के विरुद्ध हुई थी, उन्हें सरकार में निहित किया जा रहा है। इससे घबराए बाहरी खरीदार अब स्थानीय लोगों को ये जमीनें बेचने का प्रयास कर रहे हैं। ऐसे में सरकार ने नागरिकों से अपील की है कि वे बाहरी लोगों से विवादित जमीन खरीदने से बचें, ताकि भविष्य में किसी वित्तीय नुकसान या कानूनी उलझन में न फंसें।
भू-कानून उल्लंघन पर नहीं मिलेगी राहत
अपर सचिव राजस्व आनंद श्रीवास्तव ने स्पष्ट किया कि यदि किसी बाहरी व्यक्ति ने भू-कानून का उल्लंघन कर जमीन खरीदी है, तो उस पर नियमानुसार कार्रवाई होगी। भले ही वह व्यक्ति बाद में जमीन किसी स्थानीय निवासी को बेच दे, फिर भी वह कानून से बच नहीं सकता। इस स्थिति में विवादित जमीन सरकार में निहित कर दी जाएगी।
रजिस्ट्रियों पर कड़ी निगरानी
सरकार ने जिला प्रशासन को निर्देश दिए हैं कि रजिस्ट्रियों के दौरान सतर्कता बरती जाए। विशेष रूप से उन जमीनों पर नजर रखी जाए, जिन्हें बाहरी लोगों ने भू-कानून का उल्लंघन करके खरीदा था। यदि ऐसी जमीनें अब स्थानीय निवासियों को बेची जा रही हैं, तो रजिस्ट्रेशन से पहले जांच की जाए कि उनका उपयोग स्वीकृत प्रयोजन के अनुसार हुआ है या नहीं।
वित्तीय और कानूनी जटिलताओं से बचाव
विवादित जमीन खरीदने वाले स्थानीय नागरिकों को दोहरी परेशानी झेलनी पड़ सकती है—पहला, जमीन सरकार में निहित होने से वित्तीय नुकसान, और दूसरा, कानूनी उलझनों का सामना। इसलिए सरकार ने अपील की है कि इस तरह की जमीनों का सौदा करने से पहले पूरी तरह से जांच-पड़ताल कर लें।
भू-कानून उल्लंघन के खिलाफ कार्रवाई तेज

विभिन्न जिलों में भू-कानून उल्लंघन के मामलों पर तेजी से कार्रवाई हो रही है। अब तक 434 से अधिक प्रकरणों में केस दर्ज किए गए हैं और कई मामलों में जमीन सरकार के अधीन की जा चुकी है। प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि भू-कानून का सख्ती से पालन कराया जाएगा और नियमों का उल्लंघन करने वालों पर कानूनी कार्रवाई जारी रहेगी।
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