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लक्सर (फ़रमान खान) हर्ष विद्या मंदिर पीजी कॉलेज रायसी के सभागार में आज दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया।जिसमें विभिन्न प्रांतो से विभिन्न महाविद्यालयों से अतिथियों का समागम हुआ और महाविद्यालय में एक उच्च राष्ट्रीय स्तरीय संगोष्ठि का आयोजन हुआ। संगोष्ठी की संयोजिका डॉक्टर पूनम चौधरी ने सभी का स्वागत किया संगोष्ठी के मुख्य अतिथि डॉक्टर सुशील उपाध्याय प्राचार्य चमन लाल विशिष्ट अतिथि प्रोफेसर रीता सचान प्राचार्य गवर्नमेंट कॉलेज मंगलौर चेयरपर्सन प्रोफेसर पारुल त्यागी प्राचार्य आरबीडीपीजी कॉलेज बिजनौर रिसोर्स पर्सन डॉ मुकेश गुप्ता गवर्नमेंट कॉलेज मकबूलपुर रिसोर्स पर्सन डॉक्टर दुर्गेश कुमारी गवर्नमेंट कॉलेज नैनबाग टिहरी रिसोर्स पर्सन डॉ राजन लाल जेएस हिंदू कॉलेज अमरोहा और मुख्य वक्ता प्रोफेसर एलएम जोशी कुमाऊं यूनिवर्सिटी नैनीताल से इस संगोष्ठी में पधारे।कार्यक्रम का शुभारंभ मां शारदे के समक्ष दीप प्रज्वलन के साथ हुआ जिसमें महाविद्यालय के अध्यक्ष डॉक्टर केपी सिंह सचिव एवं ब्लाक प्रमुख डॉ हर्ष कुमार दौलत अध्यक्ष डॉक्टर प्रभावती कोषाध्यक्ष निशांत कुमार महाविद्यालय प्राचार्य डॉक्टर अजीत कुमार राव बीएड प्राचार्य डॉक्टर केपी तोमर ने मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया कार्यक्रम।कार्यक्रम का संचालन डॉक्टर नेहा सिंह एवं डॉ प्रीति गुप्ता ने किया।कार्यक्रम में सचिव महाविद्यालय ने कहा कि भारतीय संस्कृति सभ्यता और हमारा साहित्य तो हम दिन प्रतिदिन नित्य प्रति पढ़ते हैं सुनते हैं अपनाते हैं लेकिन हमें और देशों को भी पढ़ना सुना और समझने की आवश्यकता है तभी हम पूरे विश्व की संस्कृति को समझ सकते हैं।प्रोफेसर सुशील उपाध्याय ने कहा कि भारत की एकता और संस्कृत साहित्य हमें एक दूसरे की भावनाओं से जुड़ने का एक मौका देती है भाषा और धर्म के आधार पर हम अपनी पहचान को बनाए रख सकते हैं भाषा माध्यम है दिल तक पहुंचाने के लिए। प्रोफेसर पारुल त्यागी ने कहा कि भारतीय भाषावादी अन्य भाषाओं पर भी अपनी अच्छी पकड़ बना चुके हैं और उनसे ज्यादा अच्छा साहित्य भारतीय भाषी लिख रहे हैं प्रोफेसर एलएम जोशी ने कहा कि हम युवाओं को विभिन्न देशों की संस्कृति के साथ अपनी संस्कृति की पहचान करने में भी उनके सहायक बने ताकि प्रत्येक सभ्यता संस्कृति और साहित्य व भाषा पर हम ज्यादा से ज्यादा पढ़ पाए समझ पाए और जन-जन तक अपने अनुभवों को साझा कर पाए प्राचार्य डॉक्टर अजीत कुमार राव ने कहा कि महाविद्यालय निरंतर सेमिनार के विषय इस तरह से चुन रहे हैं जिससे साहित्य समाज संस्कृत भाषा और विभिन्न पहलुओं पर हम बात करते हैं और विद्वानों का आगमन हमारे महाविद्यालय में होता है और हम उनसे गूढता के ज्ञान को प्राप्त कर पाते हैं अंत में डॉक्टर पूनम चौधरी ने सभी का अभिवादन किया और धन्यवाद दिया कार्यक्रम को सफल बनाने में डॉक्टर प्रमोद कुमार डॉक्टर दीपिका भट्ट डॉ विक्रम एवं समस्त महाविद्यालय परिवार का पूर्ण सहयोग रहा।