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हरिद्वार/लक्सर, 02 सितंबर 2025।
उत्तराखंड इस समय भारी बारिश और प्राकृतिक आपदा की मार झेल रहा है। कई जिलों में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है और ग्रामीण क्षेत्रों में जलभराव, सड़कें टूटने तथा पुल बह जाने जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है। ऐसे कठिन हालात में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एक जनसेवक के रूप में उदाहरण प्रस्तुत करते हुए सीधे प्रभावित जनता तक पहुँचने का निर्णय लिया। मंगलवार को वे हरिद्वार जिले के लक्सर क्षेत्र के आपदा प्रभावित गाँवों में पहुँचे। विशेष बात यह रही कि जहाँ वाहन नहीं पहुँच पाए, वहाँ मुख्यमंत्री ने ट्रैक्टर का सहारा लिया और जलमग्न क्षेत्रों तक पहुँचकर लोगों से संवाद किया।

मुख्यमंत्री धामी ने सबसे पहले स्थलीय निरीक्षण कर प्रभावित परिवारों की समस्याओं को सुना। उन्होंने ग्रामीणों से बात करते हुए उनकी जरूरतों और तकलीफों की जानकारी ली तथा आश्वस्त किया कि राज्य सरकार हर कदम पर उनके साथ खड़ी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा से प्रभावित हर नागरिक को सहायता दी जाएगी और बचाव व राहत कार्यों में किसी भी प्रकार की देरी या लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
उन्होंने जिला प्रशासन और आपदा प्रबंधन अधिकारियों को राहत कार्यों को और गति देने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि प्रभावित लोगों की सुरक्षा, भोजन, पानी और स्वास्थ्य सुविधाओं की व्यवस्था तत्काल सुनिश्चित की जाए। उन्होंने अधिकारियों से साफ शब्दों में कहा कि राहत शिविरों में किसी भी प्रकार की कमी नहीं रहनी चाहिए और विस्थापित परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाने में कोई ढिलाई नहीं बरती जानी चाहिए।

लक्सर के जिन गाँवों का उन्होंने दौरा किया, वहाँ जलभराव के कारण घरों में पानी भर चुका था, कई जगहों पर सड़कें पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई थीं और कुछ छोटे पुल टूट चुके थे। ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री को अपनी दिक्कतें बताईं, जैसे आवागमन की समस्या, पशुओं के चारे की कमी, बीमारियों का खतरा और फसल को हुआ नुकसान। मुख्यमंत्री धामी ने ग्रामीणों को आश्वस्त किया कि उनकी समस्याओं का त्वरित समाधान किया जाएगा और सरकार हर संभव सहायता उपलब्ध कराएगी।
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट निर्देश दिए कि जिन गाँवों में लोग सुरक्षित नहीं हैं, वहाँ तुरंत उन्हें स्थानांतरित कर सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जाए। साथ ही उन्होंने किसानों को हुई फसल क्षति का त्वरित आंकलन करने और मुआवजा देने की प्रक्रिया शुरू करने का आदेश दिया। उन्होंने यह भी कहा कि जिन इलाकों में महामारी जैसी स्थिति उत्पन्न हो सकती है, वहाँ स्वास्थ्य शिविर लगाए जाएं और डॉक्टरों की टीम प्रभावित गाँवों में तुरंत भेजी जाए।

धामी ने कहा कि यह समय राजनीति करने का नहीं बल्कि सेवा करने का है। उन्होंने कहा,
“राज्य सरकार इस संकट की घड़ी में हर नागरिक के साथ खड़ी है। हम बचाव और राहत कार्यों को प्राथमिकता देंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि किसी परिवार को उपेक्षित महसूस न हो।”
मुख्यमंत्री के इस दौरे से स्थानीय जनता में राहत और भरोसे का माहौल देखने को मिला। ग्रामीणों ने कहा कि आपदा की घड़ी में जब मुख्यमंत्री खुद जलमग्न क्षेत्रों तक पहुँच रहे हैं तो यह उनके लिए बड़ा संबल है। लोगों ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि इससे सरकार की संवेदनशीलता और तत्परता का पता चलता है।
स्थलीय निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री धामी के साथ विधायक प्रदीप बत्रा, जिला पंचायत अध्यक्ष किरण चौधरी, पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद, जिलाधिकारी मयूर दीक्षित, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रमेंद्र सिंह डोभाल सहित जिला प्रशासन के कई अधिकारी और स्थानीय प्रतिनिधि मौजूद रहे। इस मौके पर आपदा प्रबंधन अधिकारी मीरा रावत, एचआरडीए सचिव मनीष कुमार और एसडीएम सौरभ असवाल ने भी राहत कार्यों की जानकारी दी।

मुख्यमंत्री के दौरे ने न केवल प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्यों को गति दी है बल्कि यह भी स्पष्ट कर दिया है कि सरकार इस आपदा को गंभीरता से ले रही है। उनके ट्रैक्टर से प्रभावित गाँवों तक पहुँचने की तस्वीरें अब लोगों के बीच चर्चा का विषय बनी हुई हैं। इससे जनता को यह भरोसा मिला है कि संकट की घड़ी में सरकार उनके साथ है और हर संभव मदद देने के लिए प्रतिबद्ध है।
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